पाकिस्तान ने 7 दोषियों को फांसी दी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 27 मई 2015

पाकिस्तान ने 7 दोषियों को फांसी दी


7-prisioner-hang-in-pakistan
पाकिस्तान के पंजाब एवं बलुचिस्तान प्रांत की जेलों में बुधवार को सात सजायाफ्ता कैदियों को फांसी दी गई। लाहौर जेल में दो कैदियों को फांसी दी गई। 'जियो न्यूज' की रिपोर्ट के अनुसार, कैदी अब्दुल खलीक को एक महिला की हत्या का दोषी ठहराया गया था, वहीं दूसरा कैदी शहजाद भी हत्या का दोषी था। गुजरात जिले में दो कैदियों को जेल में फांसी दी गई। नसीर अहमद को 2002 में एक व्यक्ति की हत्या का दोषी ठहराया गया था। फैसल महमूद को 1999 में एक की हत्या के अपराध में मौत की सजा सुनाई गई थी। विहाड़ी जिले की जेल में भी दो कैदियों को फांसी दी गई।

अब्दुल सत्तार 1997 में एक 13 वर्षीया बालिका के साथ दुष्कर्म और हत्या का दोषी था। वहीं, कैदी सनाउल्ला को भी 2001 में एक 11 वर्षीया बालिका के साथ दुष्कर्म और हत्या का दोषी ठहराया गया था। बलुचिस्तान के मच जेल में खान मोहम्मद नाम के कैदी को फांसी दी गई। वह 2004 में अपने भाई और भतीजे की हत्या का दोषी ठहराया गया था। पाकिस्तान ने 10 मार्च को देश में मृत्युदंड पर लगा प्रतिबंध हटा दिया था।

पिछले साल 16 दिसंबर को पेशावर के आर्मी स्कूल में तालिबान आतंकवादियों के हमले के बाद शुरुआत में सिर्फ आतंकवाद संबंधी संबंधित मामलों के लिए ही मृत्युदंड पर से रोक हटाई गई थी, जिसके बाद पाकिस्तान ने 10 मार्च को सभी आपराधिक मामलों के लिए मृत्युदंड पर रोक हटा लिया। पेशावर हमले में 140 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर स्कूली बच्चे थे।

कोई टिप्पणी नहीं: