त्रिपुरा सरकार ने बुधवार को राज्य से सशस्त्र बल विशेष शक्ति अधिनियम (AFSPA) को हटाने का फैसला किया है। उग्रवाद प्रभावित राज्य में 18 साल से यह विवादित कानून प्रभाव में था। इसे यहां 1997 में लागू किया गया था।
राज्य के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री माणिक सरकार ने कहा कि यह फैसला दिन में मंत्रिपरिषद की बैठक में लिया गया। सरकार ने कहा कि हमें सुझाव दिया कि अब इस अधिनियम की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि उग्रवाद की समस्या पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है। उग्रवादियों की तेज होती हिंसा के कारण 16 फरवरी 1997 को राज्य में यह अधिनियम लागू किया गया था।
गौर हो कि इस कानून का उत्तर पूर्व के राज्यों में काफी विरोध होता रहा है। मणिपुर की आयरन लेडी कही जाने वाली इरोम शर्मिला इस कानून को हटाने की मांग के मद्देनजर 10 साल से भी ज्यादा समय से भूख हड़ताल पर हैं। इस कानून के तहत सेना और सशस्त्र सेना बलों को अतिरिक्त अधिकार मिल जाते हैं। इस कानून के बेजा इस्तेमाल को लेकर हमेशा से आरोप लगते रहे हैं।
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