प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना को लेकर मिली शिकायत के बाद आईआईटी-मद्रास ने दलित स्टूडेंट्स संगठन के डिस्कसन फोरम पर बैन लगा दिया। जानकारी के मुताबिक, ऐसी शिकायतें मिली थीं कि एक संगठन एससी/एसटी स्टूडेंट्स को एकत्रित कर हिंदी के प्रयोग और बीफ बैन पर मोदी सरकार की नीतियों की लगातार आलोचना कर रहा है। आईआईटी कैंपस में अंबेडकर पेरियार स्टूडेंट सर्किल (एपीएससी) की गतिविधयों को लेकर मिल रही शिकायतों पर मानव संसाधन मंत्रालय (एचआरडी) की ओर से जवाब मांगा गया था।
एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक, इस संबंध में केंद्र सरकार में अंडरसेक्ररेटरी प्रिस्का मैथ्यू की ओर से 15 मई को एक पत्र भेजा गया था। पत्र में कहा गया था, ''अंबेडकर-परियार स्टडी सर्किल की ओर से बांटे जा रहे पैंफलेट को लेकर आईआईटी-मद्रास के छात्रों की ओर से लगातार शिकायतें मिल रही हैं। इसकी कुछ कॉपी भेजी जा रही हैं। इस संबंध में जितना जल्दी हो सके संस्था अपने पक्ष से मिनिस्ट्री को अवगत कराएं।''
मिनिस्ट्री के पत्र के बाद 24 मई को आईआईटी डीन (स्टूडेंट्स) शिवकुमार एम श्रीनिवासन ने दलित स्टूडेंट्स संगठन (एपीएससी) के को-आर्डिनेटर्स को मेल भेज कर उन्हें अपनी गतिविधि रोकने के लिए कहा। दलित संगठन का आरोप है कि एचआरडी मंत्रालय के लेटर के बाद ही आईआईटी ने प्रतिबंध लगाया है। शिकायतों के पीछे दक्षिणपंथी संस्थाओं का हाथ बताया जा रहा है। आरोप है कि बैन लगाने के पहले संस्था की कोई दलील तक नहीं सुनी गई। एपीएससी के एक सदस्य का कहना है, 'हम इस पर आपत्ति दर्ज कराते हैं कि हमें अपनी सफाई का मौका तक दिए बिना ही सर्कल को अमान्य घोषित कर दिया गया। हम डीन से मिले तो उनका कहना था कि सर्कल विवादास्पद गतिविधियों में शामिल है। हमारा रुख साफ है, हमने संस्थान द्वारा मिली सुविधाओं का दुरुपयोग नहीं किया है।'
ग्रुप पर बैन लगाने को संस्था के डीन शिवकुमार एम श्रीनिवासन सही बता रहे हैं। उनके मुताबिक, जांच में पता चला है कि एपीएससी ने इस मामले में बेसिक कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन किया है और मिली छूट का बेजां इस्तेमाल किया है। ऐसी अवस्था में एक्शन लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। इस बीच संगठन ने बैन पर सवाल उठाते हुए कहा है कि कुछ लोगों की शिकायतें कैंपस के सभी छात्रों का मत नहीं हो सकतीं। एपीएससी का गठन एक डिस्कसन फोरम के तौर पर 14 अप्रैल 2014 को किया गया था। यह छात्र समूह आंबेडकर पेरियार की विचारधारा और लेखन को प्रमोट करने के मकसद से काम कर रहा था। स्टडी सर्कल कैंपस में सामाजिक-आर्थिक और राजनैतिक मुद्दों पर चर्चा-परिचर्चा आयोजित कराता रहा है।
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