व्यावसायिक परीक्षा बोर्ड घोटाले की तीन साल की जांच के दौरान अब तक 40 लोगों की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो चुकी है। इस घटना की जानकारी जांच से जुड़े नजदीकी सूत्रों ने दी है। रहस्यमय परिस्थितियों में हो रही इन मौतों से पूरी जांच प्रक्रिया सवालों के घेरे में है।
हाईकोर्ट द्वारा गठित स्पेशल इंविस्टिगेशन टीम को सौंपी अपनी रिपोर्ट में पुलिस ने भी इस तथ्य को स्वीकार किया है। पुलिस ने कहा है कि मृतकों की उम्र लगभग 25-30 साल है और सभी चंबल क्षेत्र के निवासी बताए जा रहे हैं। मृतकों में मध्य प्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव के बेटे शैलेश और मुख्य अभियुक्त फार्मासिस्ट विजय सिंह भी शामिल हैं। इन मौतों का पुलिस अब तक कोई सुराग नहीं ढूंढ पाई है।
आपको बता दें कि प्रदेश व्यापमं घोटाले की तीन साल की जांच के दौरान मामले से जुड़े 40 लोगों की अब तक रहस्यमय हालात में मौत हो गई। हाईकोर्ट द्वारा घोटाले की जांच के लिए गठित एसआईटी के सामने पेश पुलिस रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है, इस रिपोर्ट के पहले माना जा रहा था कि घोटाले से जुड़े 8 लोगों की रहस्यमय हालात में मौत हुई है। बहरहाल जांच अधिकारी अब इन सभी मौतों की वजह तलाशने में जुट गए है. इसकी शुरुआत उनके डेथ सर्टिफिकेट इकठ्ठा करने से हो रही हैं. इससे मौत की वजह का खुलासा हो गया और काफी हद तक जांच की दिशा भी इसी से तय होगी।
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