दिग्गज नेता और ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री गिरिधर गमांग ने शनिवार को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कोरापुट लोकसभा सीट से नौ बार कांग्रेस सांसद रह चुके गमांग ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को फैक्स किए गए पत्र में लिखा कि उन्होंने यह फैसला इसलिए लिया क्योंकि उन्हें 1999 से पार्टी में अपमानित किया जा रहा है। हालांकि उन्होंने बताया कि वह किसी और पार्टी में शामिल नहीं हो रहे हैं। लेकिन उनके बेटे ने संकेत किया है कि पिता और बेटा दोनों जल्दी एक राष्ट्रीय पार्टी में शामिल होंगे। गमांग ने यहां संवाददाताओं को बताया, "मैं तत्काल प्रभाव से कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। मैंने यह फैसला इसलिए किया क्योंकि पार्टी नेतृत्व द्वारा मुझे बहुत अपमानित किया गया है।"
गमांग ने कहा कि वह स्वतंत्र व्यक्ति बनना चाहते हैं। हालांकि उनका राजनीति छोड़ने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने किसी और पार्टी में शामिल होने के लिए कांग्रेस नहीं छोड़ी है। गमांग ने कहा, "मैंने कुछ भी गलत नहीं किया। मैं आजाद बनना चाहता था। एक बार यह फैसला लेने के बाद अब वापस कांग्रेस में जाने का सवाल ही नहीं उठता।" कांग्रेस से अलग होने के कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि वह 17 अप्रैल,1999 से पार्टी छोड़ना चाहते हैं, जब संसद में अटल बिहारी वाजपेई सरकार के खिलाफ वोट देने के कारण पैदा हुए विवाद से निपटने में पार्टी ने उनका साथ नहीं दिया था।
उन्होंने कहा, "साल 1999 में, मेरे वोट से वाजपेई सरकार गिरने के बाद से मुझे सार्वजनिक तौर पर अपमानित होना पड़ रहा है, तब से पार्टी और इसके नेताओं ने सच का खुलासा नहीं किया और ना ही सार्वजनिक आलोचना से मुझे बचाया ।" गमांग ने कहा, "मुझे लगता है कि पार्टी के प्रति मेरी वफादारी, पार्टी के लिए बोझ हो गई है।" जनजातीय नेता गमांग ने बताया कि उन्होंने तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ कांग्रेस द्वारा जारी विप से अलग मतदान किया था।
हालांकि उन्होंने किसी अन्य पार्टी में शामिल होने की बात से इंकार किया है, फिर भी उनके बड़े बेटे शिशिर गमांग ने संकेत दिया है कि वह और उनके पिता जल्द ही एक राष्ट्रीय पार्टी में शामिल होंगे। शिशिर ने कहा, "निकट भविष्य में हम एक राष्ट्रीय पार्टी में शामिल होंगे। सारी चीजें चार-पांच दिनों में स्पष्ट हो जाएंगी।" गमांग 17 फरवरी, 1999 से छह दिसंबर 1999 तक ओडिशा के मुख्यमंत्री रहे हैं। वह नौ बार कांग्रेस सांसद और चार बार केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं।
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