दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के 100 दिन का कार्यकाल पूरा होने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में कैबिनेट बुलाकर जनसमूह को अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह केंद्र में 'तानाशाह' सरकार चला रहे हैं। उप-राज्यपाल नजीब जंग के साथ जारी विवाद में सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश से उत्साहित केजरीवाल ने कहा कि भाजपा नीत केंद्र सरकार अधिसूचना के जरिए दिल्ली में तानाशाही लागू करने की कोशिश कर रही है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को इस मामले में कहा कि उप-राज्यपाल दिल्ली में विधायी मामलों में निर्णय नहीं ले सकते।
केजरीवाल ने कहा, "हम केंद्र सरकार के साथ लड़ नहीं रहे, बल्कि हम तो उनके साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। लेकिन भाजपा-नीत केंद्र सरकार दिल्ली में तानाशाही थोपना चाहती है, क्योंकि वे विधानसभा चुनाव में आप को मिले भारी बहुमत को पचा नहीं पा रहे।" गौरतलब है कि दिल्ली की आप सरकार और उप-राज्यपाल के बीच चल रहे विवाद के बीच केंद्र सरकार ने एक 21 मई को अधिसूचना जारी की जिसमें कहा गया है कि दिल्ली में लोक व्यवस्था, पुलिस और सेवाओं के मामले में निर्णय लेने का अधिकार उप-राज्यपाल को है। केजरीवाल ने कहा, "हमने प्रधानमंत्री से कहा है कि आपको संसद में बहुमत मिला है और हमें दिल्ली की विधानसभा में। दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने का यह सुनहरा अवसर है, लेकिन यह तो तानाशाही है।"
केजरीवाल ने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश पर दिल्ली वासियों को बधाई दी जिसमें अदालत ने कहा है कि दिल्ली की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) को दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के खिलाफ जांच करने का अधिकार है। दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश विपिन संघी की पीठ ने सोमवार को कहा कि दिल्ली पुलिस के अधिकारी एसीबी के क्षेत्राधिकार में आते हैं। साथ ही न्यायालय ने केंद्रीय गृहमंत्रालय द्वारा 2014 में जारी उस अधिसूचना पर भी सवाल उठाए जिसमें कहा गया था कि एसीबी को केवल दिल्ली सरकार के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार है, केंद्र सरकार के अधिकारियों के खिलाफ नहीं।
न्यायाधीश संघी ने कहा, "मैंने यह पाया है कि पीसी एक्ट के तहत आने वाली शिकायतों पर एसीबी के जरिए दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सरकार (जीएनसीटीडी) के कार्यकारी अधिकार को जीएनसीटीडी के अधिकारियों और कर्मचारियों तक सीमित करने के संबंध में 23 जुलाई 2014 को केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचना जारी नहीं की जा सकती थी।" केजरीवाल ने कहा, "पिछले वर्ष 49 दिनों की आप सरकार के दौरान एसीबी ने भ्रष्टाचार में लिप्त कई बड़े अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू की थी। हमारा कार्यकाल खत्म होते ही केंद्र सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर एसीबी के अधिकार क्षेत्र को सीमित कर दिया।"
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