पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दो-टूक शब्दों में पूर्व ट्राई चेयरमैन के आरोपों का खंडन किया है और मोदी सरकार के दावों को भी खारिज किया है. उन्होंने पॉइंट्स में बताया है कि कैसे बीजेपी अपनी सालगिरह के जश्न में पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के बारे में झूठे दावे कर रही है.
मनमोहन ने कहा, 'हम भ्रष्टाचार से लड़ते रहे हैं और लड़ते रहेंगे. मैंने किसी सरकारी दफ्तर का इस्तेमाल खुद के लिए या अपने परिवार के लिए नहीं किया. मोदी सरकार अपनी नाकामियां छिपाने के लिए मेरी भ्रष्ट छवि बनाने की कोशिश कर रही है.' उन्होंने कहा है कि मैंने कभी अपने दफ्तर का इस्तेमाल अपने, परिवार या किसी और के फायदे के लिए नहीं किया. बीजेपी कहती है कि यूपीए के समय देश में 'पॉलिसी पैरालिसिस' था. लेकिन जब मैंने ऑफिस छोड़ा तब भारत चीन के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी.
मनमोहन ने कहा, 'अर्थव्यवस्था को बेहतर दिखाने के लिए सरकार को कुछ आंकड़े मैनेज करने पड़े, लेकिन आरबीआई चीफ कह चुके हैं कि यह बहाली बेहद कमजोर है. अगर आप गौर से देखें तो देश की अर्थव्यवस्था में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा.' मनमोहन ने कहा कि उन्हें यूपीए के कार्यकाल पर गर्व है. जबकि अब कृषि की हालत खराब है और अर्थव्यवस्था में उदासी छाई है. हमें यह पता करने की कोशिश है कि बीजेपी सरकार के साथ क्या गलत है. मोदी का 'मेक इन इंडिया' यूपीए सरकार की नीति की कार्बन कॉपी है.
गौरतलब है कि मंगलवार को मोदी सरकार के सालगिरह के जश्न के मौके पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने पूर्ववर्ती यूपीए सरकार पर खूब आरोप लगाए थे. उधर पूर्व ट्राई चीफ प्रदीप बैजल ने भी अपनी किताब में आरोप लगाया था कि मनमोहन सिंह ने उन्हें 2जी केस में सहयोग न करने पर नुकसाने उठाने की बात कही थी.
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