मोदी सरकार में आर्थिक दृष्टि का अभाव : चिदंबरम - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

सोमवार, 25 मई 2015

मोदी सरकार में आर्थिक दृष्टि का अभाव : चिदंबरम


modi-government-have-no-vision
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का एक साल पूरा होने के मौके पर पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि मोदी सरकार में आर्थिक दृष्टि का अभाव है। चिदंबरम ने एक निजी चैनल से कहा कि सरकार का प्रथम वर्ष गंवाए हुए अवसर का साल रहा। उन्होंने नकद सब्सिडी हस्तांतरण तथा संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की कई और योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए सरकार की हालांकि सराहना भी की। उन्होंने कहा कि सरकार का सबसे बड़ा नकारात्मक पक्ष कृषि पर ठीक तरह से ध्यान न देना रहा। उन्होंने कहा, "कृषि से संबंधित आय नहीं बढ़ रही है। इसलिए कृषि क्षेत्र में मांग नहीं बढ़ रही है।"

उन्होंने सरकार पर कल्याणकारी योजनाओं में कटौती करने का आरोप लगाया। उन्होंने साथ ही वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा वित्तीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करने की समय सीमा को एक साल आगे बढ़ाने पर भी नाराजगी दिखाई। फरवरी में पेश बजट में जेटली ने 2015-16 के लिए वित्तीय घाटे का लक्ष्य 3.9 फीसदी, 2016-17 के लिए 3.5 फीसदी और 2017-18 के लिए 3.0 फीसदी रखा है। उन्होंने 'मेक इन इंडिया' को सिर्फ नारा बताया और कहा, "कुछ भी नहीं हुआ है और भारत में विनिर्माण करने के लिए कोई नहीं आया है।"

कोई टिप्पणी नहीं: