स्मृति अमेठी की शुभचिंतक हैं तो आईआईआईटी खुलवा दें : प्रियंका - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 28 मई 2015

स्मृति अमेठी की शुभचिंतक हैं तो आईआईआईटी खुलवा दें : प्रियंका


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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा बुधवार को दो दिवसीय दौरे पर मां के संसदीय क्षेत्र रायबरेली पहुंचीं। उन्होंने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी पर जमकर निशाना साधा। स्मृति लोकसभा चुनाव में प्रियंका के भाई से हार गई थीं। प्रियंका ने कहा कि यदि स्मृति ईरानी ने खुद को अमेठी की बेटी बताया है, तो वह जवाब दें कि वह एक साल से देश की शिक्षा मंत्री हैं, फिर भी अमेठी में अभी तक आईआईआईटी (भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान) क्यों नहीं है? यदि वह अमेठी और रायबरेली की शुभचिंतक हैं, तो कम से कम अमेठी में एक आईआईआईटी खुलवा दें। इससे यहां के लोगों, खासकर युवाओं को लाभ होगा। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए उन्हें कहीं दूर नहीं जाना होगा। 

हालांकि फूड पार्क योजना रद्द किए जाने पर प्रियंका कुछ भी कहने से बचती दिखीं। उन्होंने कहा, "फूड पार्क के बारे में राहुल गांधी आपको अच्छे से बता सकते हैं।"  गौरतलब है कि टीवी अभिनेत्री से भाजपा नेत्री बनीं स्मृति ईरानी मंगलवार को अमेठी दौरे पर आई थीं। उन्होंने खुद को यहां की बेटी बताया था। दिल्ली में जन्मीं स्मृति वर्ष 2003 में भाजपा में शामिल हुई थीं। 

स्मृति ईरानी ने वर्ष 2004 का लोकसभा चुनाव दिल्ली के चांदनी चौक से लड़ा था और कांग्रेस के कपिल सिब्बल से हार गई थीं। उस वर्ष गुजरात में पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराया था और पार्टी नेतृत्व से कहा था कि मोदी से तुरंत इस्तीफा लिया जाए, वरना वह आमरण अनशन करेंगी। पार्टी नेतृत्व ने जब उन्हें अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी, तब उन्होंने हठ छोड़ दिया था। गुजरात से राज्यसभा सदस्य होने की हैसियत से इस समय वह नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में हैं। 

रायबरेली में प्रियंका गांधी वाड्रा ने सबसे पहले चंद्रीमंडिका खेड़ा में रुककर गांववालों से बात की। इसके बाद वह हैबतपुर खुर्द गांव पहुंचीं। वहां वह रामकुमार माली की झोपड़ी में गईं और उसकी समस्याएं सुनीं।  इस बीच उनसे मिलने पहुंची 80 साल की बुजुर्ग रामकली देवी गिर पड़ीं। प्रियंका ने उन्हें सहारा देकर उठाया, फिर उनकी समस्याएं सुनीं। प्रियंका ने कहा, "हैबतपुर खुर्द गांव में समस्याएं ज्यादा हैं, इसलिए मैं जान-बूझकर यहां का दौरा कर रही हूं।"

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