आईआईटी मद्रास कैंपस के अंदर एक स्टूडेंट ग्रुप पर लगे बैन के विरोध में शनिवार को द डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (DYFI ) ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार और एचआरडी मिनिस्टर स्मृति ईरानी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी बहस भी हुई। DYFI के एक वॉलंटियर ने कहा कि तमिलनाडु में 'आरएसएस का एजेंडा' लागू होने नहीं दिया जाएगा। प्रदर्शन तेज होने की आशंका के मद्देनजर पुलिस ने कैंपस की सुरक्षा बढ़ा दी है। गौरतलब है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस बैन को फ्री स्पीच के खिलाफ बताया था। इसके बाद, एनएसयूआई ने शुक्रवार को ईरानी के घर के बाहर प्रदर्शन भी किया था। हालांकि, इसके बाद स्मृति ने राहुल गांधी पर निशाना साधा।
सूत्रों के मुताबिक, पीएमओ ने भी इस मामले में रिपोर्ट मांगी थी। उधर, केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने आईआईटी मद्रास प्रबंधन द्वारा स्टूडेंट ग्रुप पर लगाए गए बैन के फैसले से खुद को अलग कर लिया है। एचआरडी ने कहा कि अंबेडकर पेरियार स्टडी सर्कल(एपीएचसी) द्वारा पीएम मोदी के खिलाफ कथित तौर पर नफरत फैलाने के मामले में हुई कार्रवाई आईआईटी मद्रास ने अपने प्रोसिजर और गाइडलाइंस का पालन करते हुए किया था। एजुकेशन सेक्रेटरी सत्या एन मोहंती ने कहा कि आईआईटी एक स्वायत्त संस्था है। ऐसे फैसलों में मिनिस्ट्री का कोई रोल नहीं होता। हमारे पास एक शिकायत आई, जिसे हमने आईआईटी मद्रास को फॉरवर्ड कर दिया। हमने इस मामले में कोई निर्देश नहीं दिया था। वहीं, आईआईटी मद्रास ने अपने फैसले को सही ठहराया है।
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