गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज स्वीकार किया कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और सरकार अदालत के बाहर इसे लेकर कोई समझौता होने का स्वागत करेगी लेकिन फिलहाल वह विकास के एजेंडे पर ध्यान लगाए हुए है. राजग सरकार की एक साल की उपलब्धियां बताने के लिए यहां बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य हैं.
सिंह ने कहा, ‘‘सभी मुद्दे महत्वपूर्ण हैं. लेकिन हमें प्राथमिकताएं तय करनी होंगी. अभी, हम विकास के एजेंडे पर काम कर रहे हैं. जैसा कि आप जानते हैं राम मंदिर मामला अभी अदालत में विचाराधीन है. हमें अदालत के फैसले का इंतजार करना होगा. लेकिन दोनों समुदाय इस मुद्दे पर बात कर सकते हैं और समाधान खोज सकते हैं.’’ वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या मोदी सरकार ने राम मंदिर और जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 जैसे भाजपा के मुद्दों को ठंडे बस्ते में डाल दिया है. गृह मंत्री ने हालांकि, यह स्पष्ट किया कि दशकों पुराने इस विवाद को हल करने के लिए अभी हिन्दू और मुस्लिम समुदायों के बीच कोई वार्ता नहीं चल रही है.
उन्होंने कहा, ‘‘अभी कोई बातचीत नहीं हो रही है. अगर कोई बीच का रास्ता निकलता है तो उससे उत्तम कुछ नहीं है. लेकिन मामला अभी अदालत में विचाराधीन है.’’ भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के इस बयान पर कि राजग सरकार के पास अनुच्छेद 370 जैसे विषयों पर कार्रवाई करने लायक बहुमत नहीं है, गृह मंत्री ने ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए कहा, ‘‘अभी अभी तो सरकार बनी है.
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