युवा गायक एवं संगीतकार संतोख सिंह द्वारा गाया और म्यूजिक दिया हुआ गाना ‘रिंग डायमंड दी’ आजकल काफी चर्चा में हैं। गाने में उनका साथ आकृति कक्कड़ ने दिया। इससे पहले उनकी पंजाबी फिल्म ‘गन एंड गोल’ का गाना ‘बाहां गोरियां’ भी काफी लाइम लाइट में रहा है। इस गीत को उन्होंने नेहा कक्कड़ के साथ बहुत ही उम्दा अंदाज में गाया। हाल ही में उन्होंने ‘मानसून’ फिल्म का गाना ‘रासलीला’ नेहा कक्कड़ के साथ भी गाया था। यही नहीं इनकी आवाज का जादू रमता जोगी और आने वाली कई फिल्मों में भी सुनने को मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि फिल्म ‘लकी कबूतर’ जो पिछले साल रिलीज हुई, उसके लिए भी उन्होंने गीत गाया था। इसमें संगीत भी उन्होंने दिया था जो काफी पसंद किया गया। संगीतकार संतोख सिंह का कहना कि उन्हें शांति के साथ काम करना अच्छा लगता है। आज भी उनके दो गीतों ‘चन्ना वे घर आ जा वे...’ और ‘चल बैठ पजेरो में...’ के बारे में अक्सर बातचीत होती है। वह कहते हैं कि उन्हें अधिक दिखावा पसंद नहीं है। उन्होंने जो भी काम किया है अपने लोगों के साथ किया है। वह कहते हैं कि जो लोग उन्हें जानते हैं और संगीत को समझते हैं उनके साथ काम करना उन्हें अच्छा लगता है। संतोख सिंह के माता-पिता राजस्थान के शहर गंगानगर में रहते हैं। वह भी वहीं पैदा हुए, लेकिन उनकी बोली में आज भी पंजाब का टच है। पहले उनके माता-पिता पंजाब में रहते थे। वहां से विस्थापित होकर गंगानगर आए। घर में सभी भाई-बहन पंजाबी ही बोलते हैं। स्कूल की पढ़ाई के समय गीत गाने का शौक था। शौक कॉलेज तक पहुंचा और यह म्यूजिक डायरेक्टर बनने तक ले गया। संतोख सिंह बताते हैं कि वह लंदन की रॉयल म्यूजिक यूनिवर्सिटी के छात्र रहे हैं। वहां से वैस्टर्न क्लासिकल में डिग्री लेने के बाद करिअर बनाने के लिए मुंबई आ गए। एक दिन स्टूडियो में दोस्त के साथ खाली समय में स्वयं कंपोज किए गए गीत को गा रहे थे तो वहां पर बैठे लोगों ने कहा, तुम्हारी आवाज में तो जादू है। बसए फिर यहीं से उनमें संगीत कंपोज करने की इच्छा जगी। एक दिन खबर मिली कि एक एलबम में म्यूजिक देना है।
इस तरह उन्हें संगीत की दुनिया में पहला काम मिला और यह वही एलबम थी, जिसके एक गीत ‘चन्ना वे घर आजा वे...’ का जादू सिर चढ़कर बोला। लोगों की काफी वाहवाही मिली। संतोख सिंह ने ‘लॉटरी’, ‘किस्मत लव पैसा दिल्ली’, ‘बम्बू’ और एक पंजाबी फिल्म ‘मर जावां गुड़ खा के’ में संगीत दिया है। ‘लकी कबूतर’ का एक गीत जिसमें सुनिधि चौहान ने संतोख का साथ दिया है। अपने गाए इस गीत से भी ‘किस्मत लव पैसा दिल्ली’ के गीत ‘चल बैठ पजेरो में...’ की तरह उन्हें सफलता की उम्मीद है। संतोख बताते हैं कि संगीतकार ‘उस्ताद नुसरत फतेह अली खान, नौशाद, लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल, ए.आर. रहमान से प्रेरित होकर वे संगीत की दुनिया में आए। अगर पसंदीदा संगीतकार की बात करें तो वह ए.आर. रहमान हैं। रहमान सोलफुल इंसान हैं। वह कहते हैं कि वह जो भी धुन बनाते हैं, उसमें आत्मा होती है। वह संगीत की दुनिया में सुलझे हुए इंसान हैं। अन्य संगीतकारों में विशाल-शेखर, प्रीतम, विशाल भारद्वाज को भी पसंद करते हैं। वह कहते हैं कि इन सभी संगीतकारों की तरह मैं भी सुरीले और मधुर संगीत की कल्पना में खोया रहता हूं।
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