सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर (25 मई) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 25 मई 2015

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर (25 मई)

कृषि बीमा योजनाओ को और व्यावहारिक बनाया जायेगा, कृषि महोत्सव के माध्यम से प्रदेष मंे  कृषि विभाग को नई दिषा मिलेगी-मुख्यमंत्री श्री चैहान 
  • मुख्यमंत्री श्री चैहान ने सीहोर जिले के षाहगंज, में 22 दिन चलने वाले कृषि महोत्सव की षुरूआत की

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मुख्यमंत्री श्री षिवराज सिंह चैहान ने कहा है कि प्रदेष में किसान बीमा योजना को और प्रभावी बनाया जायेगा। ताकि किसानों को योजना का अधिकतम लाभ मिल सके। इसके लिये षीध्र ही बैठक बुलाई जायेगी। इसमें बीमा कम्पनियों के अधिकारी बैंक तथा कृषि सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहेंगें। वे आज सीहोर जिले के षाहगंज मे राज्य स्तरीय कृषि महोत्सव का षुभांरभ का रहे थे। इस अवसर पर प्रदेष के कृषि मंत्री श्री गौरी षंकर बिसेन, राजस्व मंत्री और सीहोर जिले के प्रभारी मंत्री श्री रामपाल सिंह मार्कफंड के अध्यक्ष श्री रमाकांत भार्गव तथा गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। श्री चैहान ने कहा कि अभी तक बीमा कम्पनियाॅ किसानो से इंष्योरेंस तो ले लेती है। लेकिन प्राकृतिक आपदा की स्थिति मंें किसान को हुए उसके नुकसान की भरपाई नही हो पाती है। अब ऐसी फसल बीमा योजना बनाने का प्रयास किया जा रहा है जिसमें किसानों को क्षति होने की स्थिति में न्यूनतम राषि की भरपाई हो । किसानो को ओलावृष्टि, अतिवृष्टि, या अन्य प्राकृतिक आपदा की स्थिति में क्षति की समुचित भरपाई हो सके। अभी तक जो बीमा योजना बनी उनसे बीमा कम्पनियो को तो इंष्योरेंस से मिलने वाली राषि मिल जाती है लेकिन किसान को विषेष लाभ नही होता है। भविष्य में बनने वाली नई बीमा निति मे प्रीमियम की राषि केन्द्र और राज्य भरें ऐसा प्रयास किया जायेगा। खेती किसानी को लाभ का व्यवसाय बनाने के लिये राज्य षासन द्वारा उठाये जा रहें प्रयासो का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री श्री चैहान ने कहा कि किसान अन्तर वर्तीया फसले लें। उघानिकी फसले की खेती अब अधिक लाभप्रद है इसे अपनाएंे । साथ ही कृषि विभाग के अधिकारीयों से कहा  िकवे किसानों को मौसम के अनुकूल फसले लेने के लिये प्रेरित करें। बार-बार एक ही तरह की फसलों के उत्पादन से किसानांे को यथोचित लाभ नही मिल पाता है। मुख्यमंत्री श्री चैहान ने किसानो से मिट्टी परीक्षण कर ही रासायनिक उर्वरकों के उपयोग की सलाह दी। उन्होने कहा कि एक ओर  तो रासायनिक उर्वरकोें को खरीदने के लिये किसानों को अनाप-षनाप कीमत चुकानी पड़ती है। कही दूसरी ओर मिट्टी उपजाउ क्षमता पर भी इसका गहरा विपरीत प्रभाव पड़ता है। श्री चौहान ने बताया मिट्टी परीक्षण के लिये अब किसानों को परेषान नही होना पड़ेगा। प्रदेष के हर विकास खंड मुख्यालय पर ही मिट्टी परीक्षण प्रयोग षालाऐं स्थापित की जा रही है। अगले तीन साल में प्रत्येक किसान के पास उसके खेती की मिट्टी का स्वास्थ्य कार्ड होगा। कार्यक्रम को संबोेधित करते हुए मध्यप्रदेष के कृषि विकास एवं किसान कल्याण विभाग के मंत्री श्री गौरी षंकर बिसेन ने कहा कि मुख्यंमत्री चैहान ने कृषि के क्षेत्र मे प्रदेष को नई पृथक पहचान दी है। प्रदेष का सौभाग्य है कि मुख्यमंत्री स्वयं एक कृषक है। और निरन्तर किसान हितैषी योजनाओं का निर्माण एवं क्रियान्वयन सुनिषिचत कर रहे है।

लगभग 14 करोंड के विकास कार्याे का लोकापर्ण और षिलान्यास
मुख्यमंत्री श्री चैहान ने कृषि महोत्सव के षुभारंभ के पूर्व 30.16 लाख रूपये की लागत से नवनिर्मित नगर परिषद कार्यालय भवन तथा एक करोड़ पचास लाख रूपये  की लागत से नवनिर्मित सीमेट काॅक्रीट सड़को तथा नालियो का लोकापर्ण किया। उन्होने 11.88 करोड़ रूपये  की लागत के आठ विकास कार्यो का षिलान्यास भी किया। इन कायों मे षाहगंज नगर में 4.23 करोड़ रूपये  लागत की पेयजल योजना तथा नगर के आंतरिक मार्ग, नाली निर्माण व सौन्द्रयीकरण के 4.69 करोड रूपये का कार्य षामिल है। मुख्यमंत्री ने जहां बकतरा कृषि  उपज मंडी समिति के लिए 80 लाख रूपये की लागत से निर्मित होने वाले  सीमेंट कांक्रीट  रोड ,50 लाख रूपये की लागत के 500 मिट्रिक टन के दो गोदाम 20 लाख रूपये की हाई मास्ट लाईट व 4 लाख रूपये से 11 के.वी. ट्रांसफार्मर के कार्य का षिलान्यास किया वहीें षाहगंज मंडी  में एक करोड 22 लाख रूपये की लागत से निेर्मित होने वाले सीमेंट कांक्रीट रोैड तथा 20 लाख रूपये की लागत के 11 के वी लाईन व ट्रªांसफार्मर कार्य का शिलान्यास किया!  

जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में लक्ष्य एवं उपलब्धि की गई समीक्षा

जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक कलेक्टर डाॅ.सुदाम खाडे़ की अध्यक्षता में गत दिवस कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित की गई। बैठक में सर्वप्रथम सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र इछावर को आई.एस.ओ.प्रमाण पत्र जिला स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर डाॅ.सुदाम खाडे़ तथा सूर्यकिरण क्वाॅलिटी सिस्टम के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एस.के.विद्यार्थी द्वारा बी.एम.ओ.इछावर डाॅ.बी.बी.शर्मा को प्रदान किया गया। गौरतलब है कि सीएचसी इछावर प्रदेष का पहला ऐसा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र है जिसे गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए आई.एस.ओ.प्रमाण प्रदान किया गया है। इसके उपरांत स्वास्थ्य विभाग भोपाल से जारी जिला स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार स्वास्थ्य कार्यक्रमों की क्रमवार समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान जिन स्वास्थ्य कार्यक्रमांे में जिले की रैंक आषानुरूप नहीं रही उन कार्यक्रमों में सुधार के सख्त निर्देष कलेक्टर द्वारा सीएमएचओ,समस्त कार्यक्रम अधिकारियों तथा समस्त बी.एम.ओ. को दिए। बैठक में कलेक्टर द्वारा निर्देश दिए कि वर्ष 2015-16 में अभी से समस्त कार्यक्रमों की सूक्ष्म कार्ययोजना बनाकर कार्य करें,तथा सौ प्रतिषत लक्ष्य प्राप्त करें। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ.आर.के.गुप्ता ने बताया कि कि राष्ट्रीय स्वाथ्य मिषन के अंतर्गत प्रदेष में  संचालित स्वास्थ्य गतिविधियों की सघन माॅनीटरिंग एवं प्रदेष के जिलों की प्रगति के तुलनात्मक अध्ययन के उद्देष्य से राज्य स्तर से जिला स्वास्थ्य कार्ड जारी किया गया है। इस कार्ड में ई-हेल्थ अभियान अंतर्गत चिन्हित साफ्टवेयर एवं अन्य राष्ट्रीय कार्यक्रमों की मासिक रिपोर्ट में आने वाले सूचकांकों का समावेष किया गया है जिसमें जिले की प्रगति एवं राज्य में जिले की रैंकिंग को प्रदर्षित किया गया है। समीक्षा के दौरान कलेक्टर महोदय ने स्वास्थ्य योजनाओं के लिए राज्य से प्राप्त बजट का सौ प्रतिषत खर्च करने के निर्देष दिए गए। जिले में क्रियाषील  प्रसव केन्द्रों की जानकारी प्राप्त की गई तथा अक्रियाषील प्रसव केन्द्रों पर लक्ष्यअनुसार प्रसव कराने के निर्देष दिए गए। कलेक्टर महोदय ने कहा कि जिले में पदस्थ समस्त चिकित्सक प्रसव के लिए प्रषिक्षित होना चाहिए है,अप्रषिक्षित चिकित्सकों के लिए प्रषिक्षण कार्यक्रम बनाकर प्रषिक्षित करने के निर्देष दिए गए। बैठक में मातृ एवं षिषु स्वास्थ्य कार्यक्रम, रेफरल ट्रांसपोर्ट, परिवार कल्याण, टीकाकरण, राष्ट्र बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, राष्ट्रीय किषोर स्वास्थ्य कार्यक्रम, आर.एन.टी.सी.पी., राष्ट्रीय अंधत्व निवारण कार्यक्रम, मलेरिया कार्यक्रम,एन.सी.डी.,दवा वितरण तथा आई.डी.एस.पी.कार्यक्रम की भी विस्तृत समीक्षा की गई इस दौरान कार्यक्रमवार  रैंकिंग की समीक्षा की गई तथा जरूरी दिषा निर्देष मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं समस्त बी.एम.ओ. को दिए गए। कार्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी एवं कर्मचारियों पर उचित कार्यवाही करने के निर्देष भी सीएमएचओ को दिए गए। जिले में 25 मई से 15जून 2015 तक संचालित कृषि महोत्सव के अंतर्गत कृषि रथ संचालन वाले ग्रामों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जरूरी सेवाएं दिए जाने तथा संबंधित स्वास्थ्य कर्मचारियों के कृषि महोत्सव एवं स्वास्थ्य षिविर में उपस्थित रहने एवं जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं दिए जाने के निर्देष भी कलेक्टर महोदय द्वारा दिए गए। 

वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक संपन्न 

सी. आर. डी. ई. कृषि विज्ञान केन्द्र, सेवनियाॅ, जिला - सीहोर की वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक संपन्न हुई जिसका मुख्य उद्देष्य जिले के कृषि के विकास हेतु कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा तैयार की गयी कार्ययोजना पर चर्चा व वर्ष 2014 -15 की प्रगति प्रतिवेदन का प्रस्तुतीकरण कृषि विज्ञान केन्द्र के कार्यक्रम समन्वयक द्वारा किया गया। बैठक में मुख्यरूप से कलेक्टर डाॅ. सुदाम खाडे, डाॅ. एस. के श्रीवास्तव, निदेषक विस्तार सेवायें, आर. वी. एस. के. वी. वी., ग्वालियर, डाॅ. एस. बी. ताम्बी, अधिष्ठाता, कृषि महाविद्यालय, सीहोर, श्री अवनीष चतुर्वेदी, उप संचालक, कृषि, डाॅ. एन. पी. एस. गंगवार, उपसंचालक, पशु चिकित्सा सेवायें, कृषि विज्ञान केन्द्र, राजगढ व केन्द्रीय कृषि अभियान्त्रिकीय संस्थान, भोपाल के प्रतिनिधि, विभिन्न जिला स्तरीय विभागों के प्रमुख/प्रतिनिधि व कृषक एवं महिला कृषक प्रतिनिधि उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमति शारदा फोगाट, कार्यपालक संचालिका, कृषि विज्ञान केन्द्र, सीहोर द्वारा की गई। बैठक में श्री जे. के. कनौजिया, कार्यक्रम समन्वयक, कृषि विज्ञान केन्द्र, सीहोर ने कृषि विज्ञान केन्द्र की वर्ष 2014 - 15 की उपलब्धियाॅ व वर्ष 2015-16 की प्रस्तावित कार्ययोजना का प्रस्तुतीकरण किया। केन्द्र के समस्त विषय विषेषज्ञों द्वारा अपने - अपने विषय से सम्बन्धित वर्ष 2015 - 16 की कार्ययोजना का प्रस्तुतीकरण किया गया। कलेक्टर डाॅ. सुदाम खाडे, ने बैठक को सम्बोधित करतेे हुए कहा कि जिले की कृषि के लिए आवष्यक है कि कृषि से समस्त विभाग परस्पर सहयोग बनाकर कार्य करें। जिसमें मुख्यरूप  से कृषकों को मृदा स्वास्थ्य को दृष्टिगत रखते हुए पोषक तत्व प्रबन्धन, नियमित आय व जलवायु परिवर्तन को दृष्टिगत रखते हुए, कृषि विविधीकरण जैसे विषयों पर कृषकों को जागरूक करने की आवष्यकता है। उन्होंने कृषि उत्पाद का अधिक मूल्य प्राप्त करने हेतु कृषक उत्पादक संगठनों के गठन हेतु कृषकों को प्रेरित करने पर बल दिया। बैठक में डाॅ. एस. के. श्रीवास्तव, निदेषक विस्तार सेवाये, आर. वी. एस. के. वी. ग्वालियर ने कहा कि नियमित आय प्राप्त करने हेतु समन्वित कृषि प्रणाली के माॅडल तैयार कर कृषकों को इन्हे अपनाने हेतु प्रेरित करने की आवष्यकता है। कृषि तकनीकों के व्यापक प्रचार - प्रसार हेतु केन्द्र द्वारा प्रदर्षित तकनीकों के आर्थिक विष्लेषण को संकलित करने पर बल दिया। डाॅ. एस. बी. ताम्बी, अधिष्ठाता, कृषि महाविद्यालय, सीहोर द्वारा कृषकों को स्वबीज उत्पादन, जल व मृदा संरक्षण, सिंचाई की सूक्ष्म पद्धतियाॅ जैसे विषयों पर कृषकों को प्रेरित करने पर बल दिया। श्री अवनीष चतुर्वेदी, उपसंचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास, सीहोर ने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा जिले की कृषि के विकास हेतु किये गये कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसी प्रकार केन्द्र का सहयोग भविष्य में भी प्राप्त होता रहेगा। डाॅ. एन. पी. एस. गंगवार, उपसंचालक, पशु चिकित्सा सेवायें ने कहा कि केन्द्र द्वारा निरन्तर विभाग को तकनीकी मार्गदर्षन प्राप्त होता रहता है। विभाग द्वारा तैयार किये गये गौसेवकों का केन्द्र द्वारा कौषल विकास किया जाये, जिससे गौसेवक ग्राम स्तर पर पशुपालन के क्षेत्र में प्रभावी तरीके से सेवायें दे सकें। कृषक श्री देवकरण वर्मा, ग्राम वफापुर, विकासखण्ड - आष्टा ने केन्द्र द्वारा किये गये कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि केन्द्र मृदा स्वास्थ्य कार्ड में बाजार में उपलब्ध उर्वरकों के आधार पर फसल अनुसार अनुसंषा करें। 

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