भारतीय मूल के अमेरिकी बच्चों ने जीती स्पेलिंग बी प्रतियोगिता - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 29 मई 2015

भारतीय मूल के अमेरिकी बच्चों ने जीती स्पेलिंग बी प्रतियोगिता

स्क्रिप्स नेशनल स्पेलिंग बी प्रतियोगिता दो भारतीय अमेरिकी बच्चों ने जीत ली है। इस कॉम्पिटीशन में वन्या शिवशंकर और गोकुल वेंकटाचलम संयुक्त रूप से विजेता चुने गए हैं। पिछले आठ साल से लगातार भारतीय मूल के बच्चे ये प्रतियोगिता जीतते आ रहे हैं। 2014 में भी इस प्रतियोगिता को दो भारतीय बच्चों श्रीराम हठवार और अन्सुन सुजॉय ने संयुक्त रूप से जीता था। ओक्लाहोम के भारतीय-अमेरिकी केल शेफर रे तीसरे नंबर पर रहे।

14 वर्षीय गोकुल वेंकटचलम मिसौरी के सेंट लुईस और 13 वर्षीय वन्या शिवशंकर कंसास की रहने वाली हैं। गोकुल और वन्या दोनों स्पेलिंग बी में पहले भी शामिल हो चुके हैं। वन्या 2010 और 2012 में इस प्रतियोगिता में 10वां स्थान हासिल किया था। उनकी बहन काव्या 2009 की विजेता थी। वहीं, गोकुल 2012 में 10वें और 2013 में 19 स्थान पर थे। इस साल के विजेताओं को पुरस्कार के रूप में 35 हजार डॉलर यानी करीब 22 लाख रुपए की नकद राशि दी गई।

वन्या ने कहा कि ये किसी सपने के सच होने जैसा है। वो काफी समय से ये खिताब जीतने के लिए मेहनत कर रही थीं। वन्या ने ये अवॉर्ड अपनी स्वर्गीय दादी को समर्पित किया है। वहीं, गोकुल ने कहा कि वो पिछले कई साल ये कॉन्टेस्ट जीतने के लिए मेहनत कर रहा था। प्रतियोगिता के 49 सेमीफाइनलिस्ट्स में इस बार 25 भारतीय-अमेरिकी शामिल थे। इस साल अमेरिका के सभी 50 राज्यों ने इसमें प्रतिनिधित्व किया।

कोई टिप्पणी नहीं: