उत्तराखंड की विस्तृत खबर (24 मई) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 24 मई 2015

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (24 मई)

‘‘गांव बचाओ‘‘ विषय पर आयोजित बैठक, किसी भी राजनीतिक दल ने गांव के बचने बचाने की गंभीरता से पहल नही की: अनिल जोषी


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उत्तराखण्ड अपने 15 वें वर्ष में प्रवेश करने जा रहा है । इसके विकास के सरकारी दावे खोखले ज्यादा है । खासतौर पर तब जब तथाकथित विकास शहरों तक ही सीमित है । राज्य बनने के इतने वर्ष बाद भी गांवों की स्थिति और परिस्थिति दोनों ही सुखद नही कही जा सकती चाहे वह मैदानी गांव हो या पहाड़ के गांव, सभी अपने हिस्से के विकास के लिये आज भी तरस रहे है ं । गांवों का यथावत पिछड़ापन, बेरोजगारी की बढ़ती भीड़, बांधों का जमावड़ा , नदियों को खनन से खतरा आदि इस तरफ ही इशारा करते हैं कि सरकारें इस राज्य में विकास कार्य में कही भी खरी नही उतर पायी । ऐसे तमाम प्रश्नों को केन्द्र में रखकर, गांव बचाने की पहल व आवश्यकता, रणनीति व पहल साधन संसाधनों पर चर्चा आदि मुख्य बिन्दुओं पर बहस की गई । ‘‘गांव बचाओ‘‘ विषय पर आयोजित बैठक को सम्बोधित करते हुए पर्यावरणविद् व पद्यश्री डा0 अनिल प्रकाश जोषी जी ने कहा कि उत्तराखण्ड के 15 वर्श बाद भी हम अपने आप को सुखद स्थिति में नही कह सकते, किसी भी राजनीतिक दल ने गांव के बचने बचाने की गंभीरता से पहल नही की । ये सरकारों की ही असफलता हैकि वो हर सेक्टर को पी0पी0 मोड में डालना चाहती है । अगर हर सुविधा इस मोड पर होगी तो निश्चित है शोषण बढ़ेगा । राज्य  की प्राथमिकता शहरीकरण की तरफ ज्यादा केंद्रित है । गांव ने तो अपना सब कुछ खोया है । 15 साल पहले जो गांव में था वो भी नही बचा समय आ चुका है हम इन 15 सालों की समीक्षा करें और गांव के अधिकारों के प्रति सरकार और राजनीतिक दलों की जवाबदेही तय करें । ऐसा प्रतीत होता है कि षायद उत्तराखण्ड के गांव का रोश एक नये आंदोलन को जन्म दे रहा है । राज्य बनने से पहले लड़ाई लखनऊ और दिल्ली से थी पर आज दून से है, और अपनों से है । समय आ चुका है कि हम गांव और राज्य के बेहतरी के लिये बड़ी बहस को जन्म दें । आज ऐतिहासिक दिन है जब राज्य बनने के बाद पहली बार आंदोलनों से जुड़े हुए सामाजिक संगठन, बुद्धिजीवी अपनी गंभीरता का परिचय देते हुए यहां पर एकत्र हुूये ।हम सबको एक बड़ा निर्णय लेना है और जिस पर स्थिरता से काम करें ।ा आज के कार्यक्रम का संचालन एस0पी0सती द्वारा किया गया ा  और कार्यक्रम की अध्यक्षता चिपको आंदोलन की महिला नेत्री श्रीमती बाली देवी एवं वन पंचायत सरपंच के प्रदेष अध्यक्ष गोविन्द सिंह मेहरा ने संयुक्त रूप से की ा धारी देवी मंदिर आंदोलन से जुड़े सोहन लाल ने कहा कि श्रीनर जल विद्युत परियोजना निर्माण करने वाली कंपनी ने धारी देवी के आसपास के गांव कलियासौंण सहित लोगों को झूठी दिलासा दी है ा कंपनी ने बांध निर्माण से पूर्व ग।्रामीणों के साथ वादा किया था कि वह धारी देवी मंदिर को पांचवे धाम के रूप में स्थापित करेगें ा बांध के अंतर्गत आने वाले गांवो को विकास की मुख्य धारा से जोड़गे ा कहा कि ऐसा तो नही हुआ लेकिन गांव और मंदिर बांध बनने के बाद खतरे की जद मे आ गये है ा  बांध की जद में आये अनुसूचित जाति के 31 परिवारों को सड़क पर आना पड़ा उन्हें विस्थापन और पुनर्वास से निर्माण करने वाली कंपनी ने खाली हाथ लौटाया  ग्राम प्रधान मलेथा के षूरवीर सिंह ने कहा कि दस माह से मलेथा गांव में स्टोन क्रषर के खिलाफ ग्रामीण आंदोलनरत है ा ग्रामीणों की मांग सिर्फ यही है कि स्टोन क्रषर लगने से मलेेथा की सिंचित भूमि समाप्त हो जायेगी मगर सरकार माफियाओं के दबाव में आकर ग्रामीणों की मांग को अनसुना कर रही है  पौड़ी गढ़वाल से आये पुश्कर जोषी ने कहा कि पहाड़ के गांव में जिस तरह से प्राकृतिक आपदा बढ़ रही है उसी तरह पहाड़ के गांव जंगली जानवरों के आतंक से परेषान है यही नही ग्रामीण कई बार जंगली जानवरों के षिकार हुये हुये है सरकार इस समस्या को आपदा नही मानती है ा पिथौरागढ़ से आये देवेन्द्र पंत ने कहा कि पहले खनन नदियों में होता था अब तो गांवों में हो रहा है जो खनन नीति के एकदम विपरीत है खनन माफिया ग्रामीणों को इस तरह आतंकित कर रहे है कि उन्हें षराब का लालच देकर और फिर पुलिस प्रषासन का भय उनके बीच पैदा कर रहे हैं ा देहरादून जनपद के जनजातीय क्षेत्र जौनसार बाबर क्षेत्र से आये मुन्ना राणा ने कहा कि उत्तराखण्ड में विकास नही बजाय गांव के विनाष के लिये योजनायें बन रही है उन्होने कहा कि जौनसार के क्वानू -मिनस क्षेत्र संपूर्ण कृशि क्षेत्र है लेकिन सरकार को यह दिखायी नही दिया और इस जगह पर 660 मेगावाट की विषाल जलविद्युत परियोजना बनायी जा रही है ा इस योजना से यह क्षेत्र डूब जायेगा और लोग भूमिहीन व भवन विहीन हो जायेगें ा बांध विरोधी आंदोलन से जुड़ी रूद्रप्रयाग की सुषीला भण्डारी ने कहा कि सिंगोली भटवाड़ी परियोजना से 18 किमी0 मंदाकिनी नदी सुरंग में चली जायेगी इससे पर्यायवरण संतुलन तो बिगड़ेगा ही साथ ही सुरंग के उपर बसे गांव कभी भी नेस्तनाबूद हो सकते है ा अस्कोट से आयी रेनू ठाकुर ने कहा कि राज्य के गांव विषेशकर सीमान्त क्षेत्र के गावं षराब के आगोष में आ गये हैं इस कारण गांव की महिलायें तरह तरह के षोशण की षिकार हो रही है ा सरकार की षराब के लिये कोई जनआधारित नीति नही है  अल्मोड़ा से आये हंस पाण्डेय ने कहा  िकवे 1990 से गांव में रह रहे भूमिहीनों को भूमि उपलब्ध कराने की लड़ाई लड़ रहे है ा सोचा था कि राज्य बनने के बाद इस समस्या का समाधान होगा लेकिन यह समस्या बड़ी तीव्र गति से बढ़ रही है ा  उत्तरकाषी से आयी हुयी पे्रमा बधानी ने कहा कि गांव में सरकार महिलाओं के समूहों का गठन तो कर रही है लेकिन इन समूहों को आत्मनिर्भर बनाने की सरकार के पास कोई योजना नही है ा रूद्रप्रयाग से आये हुये अनिल नौटियाल ने कहा कि यह पहाड़ी राज्य षुद्ध रूप से पर्यटन प्रदेष है लेकिन जनविरोधी नीतियों के कारण पर्यटन विकास के लिये सरकार की योजनायें फिसड्डी साबित हो रही है ा  संदीप उनियाल , बिंदेष्वर डंगवाल ने संयुक्त रूप से कहा कि गा्रम विकास की सरकारी योजनायें लोगों को खेती से दूर कर रही है इस कारण गांवों में जंगली जानवरों का खतरा बढ़ रहा है और लोग आर्थिक संसाधनों के लिये पलायन कर रहे है ा नषा नही रोजगार दो आंदोलन और परिवर्तन पार्टी के प्रदेष अध्यक्ष पी0सी0 तिवारी ने कहा कि सरकार की नीति और नियत में खोट है सरकार तो लोगों की नही है कारपोरेट घरानों की सरकार है कहा कि अब समय आ चुका है कि इस बात का जवाब जनता खुद देने के लिये तैयार है ा वरिश्ट जनकवि डा0 अतुल षर्मा ने जनगीत गाकर हो रही गांव की उपेक्षा पर तंज कसे - खेतों में उगती है अब यहां इमारतें , दब कर धुधलाती है गांव की इबारते , चल पड़े कदम अब तो गांवों की ओर, गांव की ओर चले गांव की ओर, जैसे गीत गाकर अतुल षर्मा ने आंदोलन की बिगुल फूंक डाली  बैठक में मौजूद मंचासीन सेवानिवृत्त आइ0ए0एस0 सुरेन्द्र सिंह पंागती ने कहा कि पहाड़ के गांव का पलायन रोजगार के अभाव में हो रहा है उन्होनें स्वीकार किया कि पहाड़ में औशधीय उत्पादन के लिये सरकार ने विभिन्न योजनायें चलायी है परन्तु औशधीय उत्पादों के लिये पो्रसेसिंग और बाजार की कोई व्यवस्थित नीति - निर्णय अब तक नही हो पायी है ा उन्होने सुझाव दिया कि अब समय आ चुका है कि सभी संगठन ग्राम स्तर पर संविधान के 74 वें संसोधन को क्रियान्वित करने के लिये दबाव डालें  वरिश्ठ सामाजिक कार्यकर्ता प्रो0 वीरेन्द्र पैनुेली ने कहा कि लोगों को अपने मताधिकार की ताकत को समझना होगा कहा कि लोग आगे आयेगें तो गांव बचाने जैसे आंदोलन किंज्ञकर्तव्यमूढ़ सरकारों को सबक सिखाने में समय नही लगेगा उन्होने आव्हान किया कि गांव-गांव जाकर कार्यकर्ताओं को आंदोलन की धार तेज करनी पड़ेगी दून विष्वविद्यालय के रिसर्च एसोसिएट प्रो0 हर्श डोभाल ने कहा कि पलायन दो स्तरों पर होता है एक परिस्थितिजन्य और दूसरा स्वैच्छिक पलायन , कहा कि राज्य बनने के बाद गांवों से सर्वाधिक पलायन परिस्थितिजन्य ही हो रहा है ा इस दौरान बैठक में राज्य भर से आंदालनकारी संगठनों से जुड़े लगभग 150-200 प्रतिनिधियों ने भागीदारी की है ा इस अवसर पर प्रो0 जगमोहन सिंह रावत, रघुवीर कण्डवाल, जे0पी0 मैठाणी, इंदू पाण्डेय, नन्दलाल, विकास कुमार षाह, प्रकाष जोषाी पिलखोली, रानीखेत, सुभाश नौटियाल, पे्रम पंचोली, कुसुम घिल्डियाल, द्वारिका प्रसाद सेमवाल, डा0 राकेष कुमार,  

स्वास्थ्य सेवा में आगे आये निजी चिक्सिालय 

देहरादून, 24 मई (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि निजी अस्पताल देहरादून के साथ ही राज्य के अन्य क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए आगे आएं। राज्य में मेडिकल टूरिज्म की काफी सम्भावनाएं हैं। इसके लिए सरकार के प्रयासों के साथ ही निजी अस्पतालों का सहयोग भी आवश्यक है। मुख्यमंत्री रविवार को निजी अस्पताल की तीसरी सालगिरह के अवसर पर अस्पताल में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।  मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि वर्तमान में मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 50 हजार रूपए का कवर दिया जा रहा है। अगले वर्ष इस राशि को और अधिक किया जा सकता है। ताकि अधिक से अधिक लोग सरकार द्वारा किए जा रहे मेडिकल कवर से लाभ उठा सकें। इससे मेडिकल क्षेत्र में प्राईवेट अस्पतालों की भूमिका भी बढ़ेगी बशर्ते कि वे अपनी सेवाएं देने के लिए आगे आएं। राज्य में विशेषतौर पर देहरादून में मेडिकल पर्यटन की अच्छी सम्भावना है। राज्य में हवाई सेवाएं काफी अच्छी हो गई हैं। रेल कनेक्टीवीटी के विस्तार के भी प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए अस्पतालों को तुलनात्मक कम लागत में बेहतर चिकित्सा सेवाएं देने के लिए तत्पर होना होगा।  सीएम ने अस्पताल को सफलतापूर्वक तीन वर्ष पूरे किए जाने पर बधाई देते हुए कहा कि उन्हें अपनी सेवाओं का विस्तार देहरादून से बाहर भी करने के लिए आगे आना चाहिए। इस मौके पर  चैयरमैन अनलजीत सिंह, प्रबंध निदेशक रजित मेहता, पद्मश्री व बैरिएट्रिक सर्जन प्रदीन चैबे, डा.एके सिंह आदि उपस्थित थे।   

खनन मुक्त करने को सीएम करेगें जांच 

देहरादून, 24 मई (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर जिलों को खनन मुक्त करने की सम्भावनाओं पर कुछ बिंदुओं पर परीक्षण कर अपनी रिपोर्ट केबिनेट में प्रस्तुत करने के लिए मुख्य सचिव एन रविशंकर को निर्देशित किया है। यह जानकारी देते हुए सीएम के मीडिया प्रभारी सुरेंद्र कुमार ने बताया कि मुख्य सचिव मुख्यतः तीन तथ्यों का परीक्षण करेंगे। प्रथम, इन दो जिलों को खनन मुक्त करने से राज्य की आय पर क्या प्रभाव पडे़गा और इसकी भरपाई के लिए क्या विकल्प हैं। द्वितीय, यदि नदियों में खनन पर रोक लगती है तो मलबा न निकलने से नदियों के प्रवाह व जीवनप्रणाली पर क्या प्रभाव पड़ेगा। इससे वनों व नदियों के किनारे रह रही आबादी पर क्या प्रभाव पडेंगे। तृतीय, नदियों से खनन न होने से निर्माण सामग्री पर क्या प्रभाव पड़ेगा और इससे भवन निर्माण की लागत कितनी बढ़ सकती है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने राज्य के सभी जिला मुख्यालयों को वाईफाई बनाने के लिए अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा को प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए हैं। रानीखेत, मसूरी को वाईफाई के लिए पहले ही निर्देशित किया जा चुका है। सीएम के मीडिया प्रभारी ने बताया कि सांसद राजबब्बर ने इसके लिए अपनी सांसद निधि देने पर सहमति व्यक्त की है। मण्डुवा, झिंगोरा, फाफर, चैलाय, रामदान आदि पारम्परिक जैविक फसलों से बने उत्पादों को कर मुक्त करने के लिए अपर सचिव दिलीप जावलकर को प्रस्ताव बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।

खुशहाल उŸाराखण्ड के साथ ही सांस्कृतिक उŸाराखण्ड बनेः सीएम 


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देहरादून, 24 मई (निस)। सरकार का प्रयास है कि खुशहाल उŸाराखण्ड के साथ ही सांस्कृतिक उŸाराखण्ड बने। यदि राज्य के पारम्परिक शिल्प को बचाना है तो इसे रोजगार से जोड़ना होगा। शिल्प हमारी संस्कृति का हिस्सा है। यदि संस्कृति का संरक्षण करना है तो शिल्प का संरक्षण जरूरी है। हाथीबड़कला स्थित सर्वे आॅफ इण्डिया में उŸाराखण्ड शिल्पकार चेतना मंच की स्मारिका विमोचन के अवसर बोलते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि हमें अपने गांव, अपनी खेती, अपना पानी, अपनी संस्कृति को बचाने के लिए बड़े प्रयास करने होंगे। हमारे कमजोर होते शिल्प संरक्षण के लिए जो प्रयास सरकार द्वारा अब प्रारम्भ किए गए हैं, वे 20 साल पहले किए जाने चाहिए थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शिल्पकला को संरक्षित करने के लिए तत्पर है। हम प्रयास कर रहे हैं कि भवन निर्माण में उŸाराखण्ड की भवन शैली का उपयोग किया जाए। वाद्य यंत्र बजाने वाले 60 वर्ष से अधिक आयु के कलाकारों को पेंशन योजना में लाया गया है। एक हजार शिल्पकारों को मास्टर क्राफ्टमेन बनाया जाएगा। संस्कृति संवर्धन एवं मेला वर्गीकरण समिति को संस्कृति संरक्षण के लिए योजना तैयार करने हेतु निर्देशित किया गया है। शिल्पकारों के लिए मार्केट विकसति किए जा रहे हैं। सीएम ने कहा कि गांवों में भूमि बंजर न रहे इसके लिए ‘‘हमारा पेड़ हमारा धन‘‘ योजना प्रारम्भ की गई है। पेड़ लगाने के लिए बोनस भी दिया जा रहा है। प्रवासी उŸाराखण्डियों को भी अपने गांवों में खाली पड़ी भूमि में पूड़ लगाने के लिए आगे आना चाहिए। इससे भूमि बंजर नहीं रहेगी और जलस्त्रोत भी संरक्षित रहेंगे। सीएम ने कहा कि बेकलाॅग पूरा करने के लिए संविधान के अनुसार काम किया जाएगा। इरशाद कमेटी को विस्तार नहीं दिया गया है। केवल अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कुछ समय दिया गया है। इस अवसर पर पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा, चंदर सिंह, बलवंत सिंह भारती सहित अन्य उपस्थित थे।

राजपुर क्षेत्र की समस्याओं को लेकर की भूख हड़ताल

देहरादून, 24 मई (निस)। राजपुर क्षेत्र की समस्याओं को लेकर उत्तराखंड राज्य चिन्हित आंदोलनकारी संगठन के अध्यक्ष चिंतन सकलानी भूख हड़ताल पर रहे। उनका कहना था कि राजपुर क्षेत्र की समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिस कारण लोगों में रोष व्याप्त है। चिंतन सकलानी की भूख हड़ताल के समर्थन में आंदोलनकारी संगठन के पदाधिकारी व कार्यकर्ता गांधी पार्क में धरने पर बैठे। चिंतन सकलानी का कहना है कि राजपुर क्षेत्र में सार्वजनिक शौचालय की समस्या बनी हुई है। सार्वजनिक शौचालय न होने से क्षेत्रवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा क्षेत्र में लगातार बंदरों का आतंक बना हुआ है। बंदरों के आतंक से लोग परेशान हैं, नगर निगम द्वारा बंदरों को पकड़ा नहीं जा रहा है। राजपुर क्षेत्र में बिजली की समस्या भी बनी रहती है, आए दिनों घंटों की अघोषित विद्युत कटौती की जा रही है। कुछ क्षेत्रों में लोवोल्टेज की समस्या भी बनी रहती है। राजपुर रूट पर जो सिटी बसें चलती हैं, उनका आने-जाने का कोई समय निश्चित नहीं है। इसके अलावा सड़क पर पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ की भी व्यवस्था नहीं है। उनका कहना था कि क्षेत्र की इन समस्याओं का निस्तारण जल्द किया जाए। समस्याओं का निस्तारण न होने पर आंदोलन किया जाएगा। धरने में प्रमिला रावत, मोहन सिंह, नीरज, विकास रावत, संतोष क्षेत्री, अरविंद सिंह आदि शामिल रहे।

हरीश लुटा रहे हैं जनता का धनः महाराज

देहरादून, 24 मई (निस)। पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सतपाल महाराज ने कहा कि उŸाराखण्ड  सरकार लाल बत्तियों की बंदरबाट कर रही है। हाल यह है कि 200 से अधिक लालबत्तियां अब तक बांट दी गई ह,ैं जो जनता के धन का दुरुपयोग है। उन्होंने कहा एक तो नवसृजित राज्य और ऊपर से आपदा की मार झेल रहा प्रदेश व इसके लोगों के विकास, विस्थापन, पुनर्वास, निर्माण में जो रुपया लगना चाहिये था सरकार उससेे लालबत्तियां बांट आपदा प्रभावितों के दर्द को और बढ़ा रही है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि आज जो सूबे के मुख्यमंत्री हैं उन्होंने पं0 नारायण दत्त तिवारी की सरकार के समय लालबत्तियों का प्रखर विरोध करते हुए कहा था कि यह जनता के धन की बर्बादी है। फिर अब क्यों उन्होंने 200 से अधिक लालबत्तियां बांट दी, जबकि प्रदेश आपदा का दंश झेल रहा है। यह मुख्यमंत्री की कथनी और करनी का फर्क दिखा रहा है। सरकार को सूबे की जनता और सूबे के विकास से कोई सरोकार नहीं उसे चिंता है तो खनन माफिया व आबकारी की। भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सतपाल महाराज ने कहा कि जब वह 20 सूत्री कार्यक्रम समिति के उपाध्यक्ष थे तब उन्होंने लालबत्ती का प्रयोग किया था जो कि संवैधानिक है परन्तु संसदीय सचिव बना और उनको लाल बत्तियां बांटना कौन सा संवैधानिक है। उनके 20 सूत्री कार्यक्रम का उपाध्यक्ष रहते लगातार 3 बार राज्य ने देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया सूबे का तेजी से विकास हुआ पर आज विकास तो शून्य है। माफिया और अन्य असंवैधानिक कार्यों में लिप्त लोग सक्रिय हैं। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उसे संवैधानिक और असंवैधानिक में फर्क पता होना चाहिए। उन्होंने प्रदेश की सरकार को माफिया संरक्षक सरकार करार दिया।

शीघ्र दूर करेंगे चिकित्सकों की कमी

ऋषिकेश, 24 मई (निस)। राज्य सरकार प्रदेश में चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए मन बना चुकी हैं। प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश के चिकित्सालयों में चिकित्सकों की कमी को जल्द दूर कर दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र ने उत्तराखंड के बजट में जो कटौती की हैं, वह राज्य के हित में नहीं हैं। तीर्थनगरी के मुनि की रेती में पत्रकार वार्ता में स्वास्थ्य मंत्री ने कहां कि अभी प्रदेश आपदा से उबर रहा हंै। ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से राज्य के बजट में कटौती करना सही नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों से चारधाम यात्रा पटरी पर लौटी हैं। यात्रियों की संख्या में वृद्धि हो रही हैं। साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल रहा हैं। यदि मौसम ने साथ दिया तो यात्रा अपने पुराने स्वरूप में लौट जाएगी। उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने राज्य में स्वास्थ्य सेवा के सुधार में कोई ठोस काम नहीं किया। अब सरकार इस दिशा में प्रयास कर रही हैं। जल्द ही एक हजार नए डॉक्टर नियुक्त कर दिए जाएंगे। साथ ही जिला स्तरीय चिकित्सालयों को मजबूत बनाया जाएगा। 

कशोरी के साथ डरा धमकाकर दुष्कर्म

देहरादून, 24 मई (निस) । उत्तरकाशी के बड़कोट क्षेत्र के एक गांव में शनिवार की रात किशोरी से दुष्कर्म का मामला प्रकाश में आया हैं। घटना के बाद से ही आरोपी युवक फरार हैं। उसके खिलाफ पोस्को के तहत मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने तलाश शुरू कर दी हैं। शनिवार रात किशोरी के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया हंै। सुक्कन गांव का एक युवक शनिवार को पीडि़ता के गांव आया और उसने कोठार (भंडार गृह) में 13 वर्षीय किशोरी को बंद कर डरा धमकाकर उससे दुष्कर्म किया। परिजनों के मुताबिक शनिवार की रात जब काफी देर तक पीडि़ता नजर नहीं आई तो उसे गांव में तलाश किया गया। रात को पीडि़ता को कोठार (भंडार गृह) के पीछे गुमसुम और बदहवास हालात में मिली। पूछने पर उसने अनिल नाम के युवक पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाते हुए आपबीती सुनाई। इस पर क्रोधित ग्रामीणों ने युवक की खोज की और उसे पकड़ भी लिया, लेकिन मौका देखकर वह फरार हो गया। रविवार की सुबह पीडि़ता के परिजन बड़कोट थाने पहुंचे और पिता ने आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। थानाध्यक्ष विजय भारती ने बताया की आरोपी की धरपकड़ को पोलिस टीम रवाना कर दी गई हैं। साथ ही किशोरी को मेडिकल के लिए जिला अस्पताल भेज दिया गया है। 

आॅनर किलिंग मामले में मां और बेटा गिरफ्तार

देहरादून, 24 मई (निस)। काशीपुर में रविवार को दो बेटों के साथ मिलकर बेटी की हत्या कर शव को घर में ही दबाने के मामले में पुलिस ने मृतका की मां व एक भाई को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले का खुलासा मृतका की बड़ी बहन रुखसार ने करते हुए मां व दो भाइयो के खिलाफ मुकदमा कराया था। पूछताछ में दोनों ने प्रेम प्रसंग में साहिबा की हत्या करने की बात कबुली है। ऑनर किलिंग का यह मामला लक्ष्मीपुर पट्टी, ढेला बस्ती क्षेत्र के मधुवननगर का है। नाजिर ने कई साल पहले मधुवन में मकान बनाया। नाजिर के तीन बेटे, पांच बेटियां हैं। इसमें से साहिबा (18) छठे नंबर की थी। करीब तीन साल पहले नाजिर को उसकी पत्नी भूरी और बेटों ने घर से अलग कर दिया। मधुवन में नाजिर की पत्नी भूरी अपनी बेटी साहिबा और शबीना के साथ रहने लगी। उसके दो बेटे नाजिम और आरिफ पड़ोस में ही किराए के मकान में अपने परिवार के साथ रहते हैं। बताते हैं कि नाजिर की सबसे बड़ी बेटी रुकसार की शादी शहपुरा, रामपुर उत्तर प्रदेश निवासी मोहम्मद रफी से हुई। वर्तमान में रफी पत्नी रुकसार संग हल्द्वानी के इंदिरानगर में रहता है। साहिबा, रुकसार के घर आती-जाती रहती थी और फोन पर भी बातें करती थी। भूरी को बेटी साहिबा का रुकसार के घर आना-जाना व फोन पर बात करने से ऐतराज था। उसके दो भाई नाजिम, आरिफ भी ऐतराज करते थे, लेकिन साहिबा इनकी बात न मानकर रुकसार से मिलने हल्द्वानी जाने के साथ ही फोन पर भी खूब बातें करती थीं। इधर, नौ मई को रुकसार काशीपुर आई तो उसकी साहिबा से मुलाकात हुई मगर पांच दिन बाद वह फिर काशीपुर गई तो उसे साहिबा नजर नहीं आई। रुकसार ने मां भूरी से साहिबा के बारे में पूछा तो भूरी ने साहिबा की तबीयत खराब होने और उसके कहीं चले जाने की बात कही।  रुकसार ने घर के पिछले हिस्से में मिट्टी धंसी और अगरबत्ती जली देखी। इस पर रुकसार को शक हुआ। रुकसार ने बताया कि उस दिन वह हल्द्वानी चली गई। शनिवार सुबह करीब दस बजे वह काशीपुर पहुंची और फिर मां भूरी से साहिबा के बारे में पूछा। तब भूरी बेटी शबीना के साथ अपने मायके रानीनागल, थाना भोजपुर चली गई। मां के जाने पर उसने गड्ढे की एक साइड की मिट्टी हटाई, तब बदबू आने के साथ गड्ढे में लाश दिखी। इस पर पुलिस को सूचना दी। रुकसार ने मां भूरी, भाई नाजिम व आरिफ पर बहन साहिबा की हत्या कर शव गड्ढे में दबाने का आरोप लगाया। एएसपी कमलेश उपाध्याय ने बताया कि हत्यारोपी मांग व एक भाई को गिरफ्तार कर लिया गया है। 

तूफान ने एक महिला को लीला

देहरादून, 24 मई (निस)। टिहरी के घनसाली क्षेत्र में शनिवार को आए तेज तूफान के दौरान टिन शेड के कीचन के ऊपर पेड़ की टहनी टूटकर गिरने से घायल महिला की अस्पताल में मौत हो गई। मिली जानकारी के अनुसार घनसाली ब्लॉक में पट्टी ग्यारह गांव के अंतर्गत दोणी गांव निवासी सुबधा (55 वर्ष) शनिवार की शाम टिन शेड के कीचन में खाना बना रही थी। इसी दौरान चली आंधी के चलते कीचन के पीछे एक पेड़ की डाल टूटकर कीचन के ऊपर गिर गई। इससे कीचन की छत क्षतिग्रस्त होकर नीचे गिर गई। हादसे में सुबधा बुरी तरह घायल हो गई। उसके सिर पर गंभीर चोट आई थी। उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पिलखी पहुंचाया गया। जहां उपचार के दौरान आधी रात के बाद दो बजे उसने दम तोड़ दिया। 

दो युवतियों की मौत के बाद हड़कंप

देहरादून, 24 मई (निस)। काशीपुर के कुंडा के शिवराजपुर पट्टी में पेट दर्द की रहस्यमय बीमारी से दो नवयुवतियों की मौत के बाद प्रशासन में हडकंप मच गया। डीएम की फटकार के बाद जसपुर के एसडीएम स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ स्थिति का जायजा लेने गांव को रवाना हो गए। उल्लेखनीय है कि इस गाँव में पेट दर्द की रहस्यमय बीमारी से पांच दिनों में दो किशोरियों की मौत हो चुकी है। ग्रामीणों के मुताबिक करीब पांच दिन से लड़कियों में पेट दर्द की शिकायत हो रही है। इसी गांव के जगत सिंह की 16 वर्षीय बेटी बेबी की पेट दर्द की शिकायत के बाद 19 मई को मौत हो गई थी। वह 12वीं की छात्रा थी। बीती शाम 22 मई को पेट दर्द से ग्रसित कैलाश की 17 वर्षीय बेटी प्रियंका ने भी दम तोड़ दिया, वह 10 वीं की छात्रा थी। ग्रामीणों के मुताबिक करीब 15 से 20 साल की लडकियों में इस तरह की बीमारी की शिकायत है। गांव में राजपाल की बेटी मोना, टीकाराम की बेटी आमधारा और शशिबाला, मानसी समेत छह से ज्यादा लड़कियों को पेट दर्द की शिकायत है। दो का इलाज काशीपुर अस्पताल में चल रहा है। 

अध्ययन केन्द्र के लिए स्वीकृति

देहरादून, 24 मई (निस) । अगस्त्यमुनि के राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में बहुप्रतिक्षित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के अध्ययन केन्द्र की स्थापना को दिल्ली से स्वीकृति प्रदान की गई है। शुरुआती चरण में 12 व्यवसायिक व अन्य पाठ्यक्रम संचाक्ति किए जाएंगे। नई कक्षाओं के लिए प्रवेश फार्म भी मिलने शुरू हो गए हैं। कॉलेज विद्यालय के प्राचार्य डॉ. पीएस जगवाण एवं अध्यक्ष केन्द्र के समन्वयक डॉ. अखिलेश्वर कुमार द्विवेदी ने बताया कि महाविद्यालय में इग्नू अध्ययन केन्द्र के लिए स्वीकृति प्रदान की गई है।

आगामी यात्रा सीजन में होगा बायोमैट्रिक रजिस्ट्रेशन

देहरादून, 24 मई (निस)। रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ जाने वाले यात्रियों के बायोमैट्रिक रजिस्ट्रेशन के लिए प्रशासन ने कार्ययोजना तैयार कर ली है इससे केदारनाथ घाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों का आगामी यात्रा सीजन में आसानी से बायोमैट्रिक रजिस्ट्रेशन हो जाएगा। इसके लिए प्रशासन ने स्वयं रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था करने का निर्णय लिया है। वर्तमान में दक्षिण भारत की एक एजेंसी निशुल्क रजिस्ट्रेशन का कार्य कर रही है। 2013 में हुई केदारनाथ त्रासदी के बाद यात्रियों की संख्या की सही जानकारी के लिए शासन-प्रशासन ने वैष्णों देवी की तर्ज पर चारधाम यात्रा में बायोमैट्रिक रजिस्ट्रेशन सिस्टम शुरू किया था। दक्षिण भारत की त्रिलोक सोसाइटी इस कार्य में निशुल्क सेवाएं दे रही है। पिछले साल रजिस्ट्रेशन में कुछ गड़बड़ी सामने आई थी। यात्रियों की संख्या बढ़ने पर बायोमैट्रिक रजिस्ट्रेशन को बडे़ स्तर पर किए जाने की जरूरत है, ताकि यात्रियों को घंटो इंतजार न करना पडे़। इस वर्ष गुप्तकाशी, फाटा, सोनप्रयाग एवं केदारनाथ में यह सुविधा निशुल्क मिल रही है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अधिक संख्या में यात्री केदारनाथ दर्शनों को पहुंच रहे हैं। कुछ यात्री तो ऋषिकेश से ही अपना रजिस्ट्रेशन करा रहे, लेकिन उनका पुनः सत्यापन कार्य सोनप्रयाग में किया जा रहा है। लेकिन कई स्थानों पर रजिस्ट्रेशन के लिए यात्रियों को घंटो इंतजार करना पड़ रहा है। इसे देखते हुए आगामी यात्रा सीजन में जिला प्रशासन इस व्यवस्था को स्वयं संचालित करेगा। इससे स्थानीय युवाओं को भी रोजगार मिल सकेगा। पर्यटन व तीर्थाटन पर आने वाले यात्रियों का लेखा-जोखा प्रशासन के पास उपलब्ध रहेगा।

खिर्सू में सैलानियों की आमद बढ़ी

देहरादून, 24 मई (निस) । पौड़ी जिले के नैसर्गिक सुंदरता से भरपूर पर्यटन स्थल खिर्सू में इन दिनों बीच सैलानियों की चहल-कदमी भी बढ़ने लगी है। प्राकृतिक हरितिमा को देखने के लिए पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं। स्थानीय उत्पाद पर आधारित पहाड़ी व्यजंनों का सैलानी जमकर लुत्फ उठा रहे हैं। एक सप्ताह के भीतर बाहर से आए तीन सौ से अधिक सैलानी प्राकृतिक सुंदरता का दीदार कर चुके हैं। मुख्यालय से करीब १९ किमी की दूरी पर स्थित है पर्यटन स्थल खिर्सू। यहां श्रीनगर व पौड़ी दोनों ही स्थानों से छोटे-बडे़ दोनों ही प्रकार के वाहनों से पहुंचा जा सकता है। रात्रि निवास के लिए बाजार में स्थानीय लोगों को छोटे-छोटे होटल व लॉज के साथ ही जीएमवीएन व वन विभाग के गेस्ट हाउस भी मौजूद हैं। हरे भरे बांज के जंगल के बीच सुनहरा पार्क पर्यटकों की पहली पंसद बना हुआ है। फिलवक्त मैदानों में तपिश भरी गर्मी के बीच यहां आने वाले सैलानियों को हरे जंगल सुकून दे रहे हैं। सरकारी गेस्ट हाउस में ज्यादातर सैलानी ऑनलाइन बुकिंग के माध्यम से पहुंच रहे हैं। क्षेत्र पंचायत सदस्य सुदामा देवी, सामाजिक कार्यकर्ता व कोल्ठा गांव निवासी प्रवेंद्र रावत, सिंगोरी-कमलपुर निवासी महेंद्र नेगी आदि का कहना है कि क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। यदि सरकार पर्यटन के लिहाज से यहां विकास कार्याे को तवज्जो दे तो पर्यटन के मानचित्र पर खिर्सू एक नजीर बन सकता है।

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