उत्तराखंड की विस्तृत खबर (25 मई) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 25 मई 2015

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (25 मई)

राजस्व बचाए या संत की जान खनन को लेकर पशोपेश में सूबे की सरकार
  • खनन पूरी तरह से बंद कराने को शिवानंद तप पर, अन्न के बाद जल भी त्यागा, सेहत में भारी गिरावट
  • सरकार की कमेटी पर संत को नहीं जरा भी भरोसा, राजस्व में कमी व अन्य मामलों पर चिंतित सीएम

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देहरादून,25 मई। यूं तो अवैध खनन को लेकर पूरे प्रदेश में भी माहौल बेहद गर्म है। लेकिन हरिद्वार में खनन को लेकर सरकार पशोपेश में हैं। जद्दोजेहद का मुद्दा यह है कि एक संत की जान बचाई जाए या फिर राजस्व हानि समेत अन्य मामलों की रक्षा की जाए। आलम यह है कि सरकार मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित करके समस्या का समाधान चाहती है तो संत खनन पर तत्काल रोक की मांग को लेकर अपनी जान ही देने पर आमादा हैं। हरिद्वार में मातृ सदन के स्वामी शिवानंद खनन को पूरी तरह से बंद करने का मांग को लेकर तप कर रहे हैं। शिवानंद से पहले तो अन्न छोड़ा और अब पिछले तीन रोज से जल का भी त्याग कर चुके हैं। संत का कहना है कि 25 से तीस पोकलैंड मशीने गंगा का सीना चीर रही हैं। इन पर कोई रोक नहीं लगा रहा है। सरकार अब मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन करने की बात की जा रही है। मुख्य सचिव पर उन्हें जरा भी यकीन नहीं है। पहले भी कई खत लिखे गए। लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया है। अब या तो खनन बंद होगा या फिर उनकी जान जाएगी। इधर, सरकार की अपनी समस्या है। खनन बंद होने से स्थानीय रोजगार पर तो असर पड़ेगा ही, विकास कार्यों के निमार्ण में भी दिक्कतें आएंगी। फिर अगर नदियों से चुगान नहीं होगा तो परेशानी और बढ़ेगी। खनन को लेकर दबाव में आई सरकार के मुखिया ने हरीश रावत ने इस मामले में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की है। यह कमेटी इन्हीं तमाम बिंदुओं पर कैबिनेट को अपनी रिपोर्ट देगी। सीएम का कहना है कि उसके बाद ही तय किया जाएगा कि हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में खनन पूरी तरह से बंद किया जाए या फिर नहीं।

काश तय होती रिपोर्ट की समयसीमा
सरकार ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी तो बनाई है। लेकिन रिपोर्ट के लिए कोई समयसीमा तय नहीं की है। जानकारों का मानना है कि अगर समयसीमा तय होती तो इससे यह संदेश जाता कि सरकार इस मामले में यकीनी तौर पर गंभीर है। अब कमेटी कब रिपोर्ट तैयार करेगी और कब कैबिनेट फैसला लेगी, इसे लेकर तस्वीर साफ नहीं है।

एक संत की पहले हो चुकी है मौत
इसी खनन को लेकर मातृ सदन के संत निगमानंद की मौत हो चुकी है। भाजपा शासनकाल में डा.रमेश पोखरियाल निशंक के सीएम रहते निगमानंद ने भी खनन रोकने के लिए तप किया था। उस समय समस्या का समाधान वक्त पर नहीं हो सका था और निगमानंद की मौत हो गई थी। यह वजह है कि मौजूदा सरकार स्वामी शिवानंद के तप को लेकर परेशान हैं।

संतों से यूपी के खनन माफियाओं से डील की भी है चर्चा 
चर्चाएँ तो यहाँ तक हैं कि मातृ सदन के स्वामी शिवानंद का खनन को लेकर अनशन उत्तरप्रदेश के खनन माफियाओं के इशारे पर लिया जा रहा है ताकि उत्तराखंड में खनन बंद हो और वे उत्तरप्रदेश से आकर उत्तराखंड में अपने खनन की आपूर्ति कर पायें वह भी मनमाने दामों पर. क्योंकि वर्तमान में उत्तराखंड में खनन के खुले होने से उनका माल यहाँ नहीं बिक पा रहा है।

भाजपा ने की पुस्ता लगाओ, बस्ती बचाओ की मांग, दून जिला मुख्यालय पर 16 जून को होगा प्रदर्शन
  • बिंदाल और रिस्पना नदी तट की बस्तियों का मामला

देहरादून,25 मई (निस)। भाजपा ने बिंदाल और रिस्पना नदियों के तटों पर बसी गरीबों की बस्तियों को बचाने के लिए 16 को जिला मुख्यालय पर  प्रदर्शन का एलान किया है। यहां एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में विधायक हरबंस कपूर समेत अन्य भाजपा नेताओं ने कहा कि बारिश का मौसम आने वाला है और नदियों के तटों पर बसे डेढ़ लाख लोगों को बचाने की दिशा में सिंचाई विभाग कोई काम नहीं कर रहा है। इस बारे में विभाग से लगातार मांग की जा रही है। लेकिन विभाग मुआवजे की बंदरबांट के चक्कर में इस बारे में कोई ध्यान नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग की इस लापरवाही के विरोध में भाजपा 16 जून को जिला मुख्यालय का घेराव करेगी। भाजपा का यह प्रदर्शन पुस्ता लगाओ, बस्ती बचाओ के बैनर तले होगा। इस मौके पर भाजपा मंडल अध्यक्ष विनोद शर्मा के साथ ही पार्षद बाबूराम, पार्षद अनीता सिंह और पार्षद प्रदीम दुग्गल मौजूद रहे।

कैंट बोर्ड के खिलाफ शुरू किया क्रमिक अनशन, कैंट युवा समिति का बोर्ड की मनमानी के खिलाफ अभियान

देहरादून,25 मई (निस)। कैंट युवा समिति ने कैंट बोर्ड की मनमानी और भ्रष्टाचार के खिलाफ क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है। समिति का कहना है कि बोर्ड की मनमानी से आम लोगों को खासी दिक्कत हो रही है। अनशन स्थल पर हुई एक सभा में वक्ताओं ने कहा कि कैंट बोर्ड में मनमानी और भ्रष्टाचार चरम पर है। बोर्ड के अस्पताल में व्याप्त खामियों को ठीक करने की दिशा में कोई काम नहीं किया जा रहा है। केंद्र सरकार की पहल के बाद राज्यभर के सरकारी दफ्तरों में सेवा अधिकार अधिनियम को लागू किया जा चुका है। लेकिन कैंट बोर्ड इसे लागू करने को तैयार नहीं है। वक्ताओं ने कहा कि राज्य सरकार ने सैनिकों और पूर्व सैनिकों को भवनकर से पूरी तरह से मुक्ति दे दी है। लेकिन कैंट बोर्ड इस आदेश को भी मानने के लिए तैयार नहीं है। इस क्षेत्र में सैनिकों और पूर्व सैनिकों की संख्या खासी ज्यादा है। इस आदेश का पालन न होने से इन लोगों पर आर्थिक बोझ पड़ रहा है। वक्ताओं ने कहा कि डाकरा और गढ़ी कैंट क्षेत्र में पीने के पानी की समस्या विकरास रूप ले चुकी है। इसके बाद भी बोर्ड इस दिशा में कोई काम करने को तैयार नहीं है। बोर्ड की इन्ही गड़बडघ्यिों के खिलाफ समिति ने क्रमिक अनशन शुरू किया है।

बस्तियां उजाड़ने के विरोध में इंटक का धरना

देहरादून,25 मई (निस)। इंटक का बस्तियों को उजाड़ने के विरोध में धरना जारी रहा। लैंसडोन चैक पर हुए धरने के दौरान जिलाध्यक्ष सचिन कुमार ने कहा कि वन विभाग और जिला प्रशासन किसी खास व्यक्ति की मदद करने के इरादे से गरीबों की बस्तियों को उजाड़ रहे हैं। इसे किसी भी दशा में स्वीकार नहीं किया जाएगा। अगर वन विभाग और जिला प्रशासन का यही रुख रहा तो इंटक अपने आंदोलन को तेज करने के लिए मजबूर होगी। धरना स्थल पर तरुण कुमार, अर्चना देवी, केसरिया देवी, मनीष साहनी और रेखा देवी समेत तमाम लोग मौजूद रहे।

फर्जी आईएएस प्रकरणः मित्र पुलिस की योग्यता पर भी प्रश्न चिन्ह
  • एसआईटी के पफेल होने से प्रकरण भी ठंडे बस्ते में हाईप्रोफाइल मामलों की जांच में अभी परिपक्वता नहीं

देहरादून,25 मई (निस)। फर्जी आईएएस प्रकरण मंे एसआईटी पस्त हो चुकी है। राज्य सरकार भी सीबीआई जांच कराए जाने को लेकर अपनी अस्वीकृति दर्ज करा चुकी है। यानी की यह हाईप्रोफाईल मामला अब अधर में लटक गया है। एसआईटी पहले ही जांच की दौड़ में अपनी लाचारगी प्रकट कर चुकी है तो इन परिस्थितियों में अब जांच किए एजेंसी से कराई जाए, यह एक पेचीदगी भरा सवाल बन गया है। सरकार ने साफ मना कर दिया है कि सीबीआई जांच नहीं कराई जा सकती है और स्थानीय पुलिस ही इसकी जांच करे। स्थानीय पुलिस का स्तर सबके सामने आ चुका है। इन्हीें परिस्थितियोें में रूबी चैधरी को जमानत भी मिल चुकी है। पूरा प्रकरण अब ठंडे बस्ते में है। इस प्रकरण ने उत्तराखंड पुलिस की काबलियत पर भी प्रश्न चिन्ह खड़े कर दिए हैं। स्थिति तो साफ यही दर्शाती है कि उत्तराखंड पुलिस महज साधारण मामलों की जांच के ही लायक है और किसी बड़े खुलासे की उम्मीद इस पुलिस से नहीं की जा सकती है। यही कारण है कि नेता प्रतिपक्ष ने जांच समिति बनाने का प्रस्ताव तक सरकार को दे दिया जिसमें वह जांच समिति के अध्यक्ष तक बनने को तैयार हैं। मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्राी आईएएस अकादमी के फर्जी आईएएस अकादमी प्रकरण में एसआईटी को सौरभ जैन के इर्द-गिर्द घूम कर ही ठंडी पड़ चुकी है। बड़ी मुश्किल से साहस करते हुए जांच टीम ने रूबी चैधरी के 164 के तहत दर्ज किए जाने वाले बयानों के आधार अकादमी के उपनिदेशक सौरभ जैन से पूछताछ करने की हिम्मत जुटाई थी लेकिन परिणाम कुछ नहीं निकला। जांच का पूरा दायरा सिर्फ और सिर्फ रूबी चैधरी तक ही आकर सिमट गया। एसआईटी पूरे मामलें में खानापूर्ति करती रही, साक्ष्यों के नाम पर लाईब्रेरी और वर्दी से आगे नहीं बढ़ पाई। भारी-भरकम एसआईटी हर स्तर पर फर्जी आईएएस प्रकरण में नकारी साबित हो गयी। यहां तक की एसआईटी का मनोबल इस प्रकार से टूट गया कि जांच अधिकारी बीमार हो गयी और जांच टीम से अलग हो गयीं। अन्य पुलिसकर्मियों की दशा भी महज खानापूर्ति वाली ही रही। जांच का एक सिरा भी रूबी से आगे नहंी बढ पाया जबकि रूबी द्वारा लगाए गए आरोपों की तफतीश करने तक की हिम्मत एसआईटी नहीं कर पाई। जांच का स्तर और एसआईटी पर पड़ रहा दबाव देख कर सापफ लग रहा था कि इसमें परिणाम निकलने की कोई उम्मीद नहीं थी। हुआ भी ठीक ऐसा ही। रूबी अब अपने घर है और एसआईटी भी ‘जान बची तो लाखों पाए’ सोच कर शांत बैठ गयी है।  पूरे प्रकरण में एकमात्र सीबीआई जांच से ही थी। एसआईटी की नाकामी पर पुलिस मुख्यालय ने सीबीआई जांच की सिपफारिश करते हुए फाईल सरकार के पाले में फंेक दी, लेकिन भला सरकार भी कैसे आईएएस लाॅबी से जूझे। लिहाजा सरकार ने सीबीआई जांच कराने से मना कर दिया। इसका तोड़ भी नेता प्रतिपक्ष ने निकाल लिया। सरकार को प्रस्ताव भेजा कि जांच समिति बनाई जाए जिसका अध्यक्ष बनने के लिए वह तैयार हैं। अब तक सरकार का जवाब नहीं आया है। जाहिर है कि इस मामले की तह तक पहुंचने में किसी को भी रूचि नहीं है। जिस तेजी के साथ सारा मामला उठा था उससे भी दुगनी गति से उत्तराखंड पुलिस की फजीहत करा कर यह प्रकरण अब शांत हो गया है। रूबी पर कार्रवाई तक सिमटे जांच के तरीके ने उत्तराखंड पुलिस को भी कटघरे में खड़ा कर दिया। 

तम्बाकू साइलेंट किलर हैः राज्यपाल

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देहरादून,25 मई (निस)। राज्यपाल डा0 कृष्ण कांत पाल ने युवाओं के लिए अपने प्रेरक सम्बोधन में कहा कि ‘तम्बाकू साइलेंट किलर है‘ इसके सेवन के भंयकर दुष्परिणाम देख्ेा गये हैैं। तम्बाकू सेवन जैसी बुरी आदतों से बचने के लिए युवाओं को स्वयं को रचनात्मक कार्यो से जोड़ना होगा। प्राणायाम, योग का एक ऐसा अभ्यास है जो तम्बाकू सेवन जैसी अन्य सभी बुरी लतों से मुक्त रखने का आत्मबल देने के साथ ही रचनात्मक कार्यो के लिए प्रेरित करता है। राज्यपाल ने, संसार में तम्बाकू सेवन तथा भारत में इसके चलन के इतिहास की जानकारी दी और इसके सेवन से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले बुरे प्रभावों का भी उल्लेख किया।  उत्तराखण्ड को तम्बाकू मुक्त राज्य बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों के क्रम में ‘वल्र्ड लंग फाउन्डेशन‘ के सौजन्य से  सोमवार को देहरादून के राजीव गाँधी नवोदय विद्यालय में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद  राज्यपाल ने बच्चों से कहा यदि आपका पसंदीदा फिल्मी हीरो या अन्य कोई व्यक्ति जिससे आप प्रभावित हों वह तम्बाकू या अन्य किसी नशे का  सेवन करता हो तो उससे प्रभावित न हों। बुरी आदतों के प्रभाव से भटकाव को रोकने के लिए खुद को अच्छे कामों में व्यस्त रखे। राज्यपाल ने उत्तराखण्ड को तम्बाकू मुक्त राज्य बनाने के लिए वल्र्ड लंग फाउडेंशन की पहल और प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों, धार्मिक स्थलों तथा सार्वजनिक स्थानों आदि के आस-पास किसी भी प्रकार की नशीली सामग्री के क्रय-विक्रय पर कठोर कार्यवाही आवश्यक होने के साथ ही बुरे व्यसनों के खिलाफ युवाओं में व्यापक जागरूकता कार्यक्रम चलाये जाने भी जरूरी है।  कार्यक्रम में, तम्बाकू के सेवन के दुष्परिणामों से लोगों को जागरूक बनाने के अभियान के अन्र्तगत आयोजित राज्यस्तरीय निबंध तथा चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को राज्यपाल द्वारा सम्मानित भी किया गया। इस अवसर पर आयोजकों द्वारा राज्यपाल को एक विशेष स्मृति चिन्ह भेंट किया गया जिसका घंटा बजाकर राज्यपाल ने उत्तराखण्ड को तम्बाकू मुक्त राज्य बनाने के संकल्प का प्रतीकात्मक शुभारंभ किया। कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य सचिव श्री एन. रविशंकर तथा अपर मुख्य सचिव श्री एस. राजू ने तम्बाकू मुक्त प्रदेश बनाने की पहल की सराहना करते हुए  बच्चों को इस हानिकारक व्यसन से दूर रहने की सलाह दी। वल्र्ड लंग फाउन्डेशन के चेयरमैन डा0 जी.आर. खत्री ने राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय आकड़ेा के आधार पर तम्बाकू के सेवन से होने वाली मृत्यु की संख्या व अन्य दुष्परिणामों पर विस्तृत प्रकाश डाला।

प्रदेश सरकार माफियाओं व नौकरशाही के आगे लाचारः अजय भट्ट

देहरादून,25 मई (निस)। नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने कहा कभी प्रदेश के कृषि मंत्री कहते हैं कि प्रदेश सचिवालय में सेटिंग और गेटिंग का खेल चल रहा है और नौकरशाह किसी की बात नहीं सुनते हैं, तो अब प्रदेश के कद््ावर राजस्व मंत्री ने अपनी दिल की पीड़ा बयां कर कहा कि यहाॅं कोई किसी की नहीं सुनता है जब मुख्यमंत्री के आदेश हवा में उड़ते हों तो हम क्या हैं। श्री भट्ट ने कहा कि ऐसी लाचार सरकार इससे पहले प्रदेश में कभी देखने को नहीं मिली, क्योंकि इतना ही नहीं इससे पूर्व प्रदेश के मुख्यमंत्री भी कह चुके हैं कि यहाॅ मेरे आदेश जलेबी की तरह घूमते हैं। इससे स्पष्ट है कि सरकार नाम की कोई चीज प्रदेश में है ही नहीं, और न ही अधिकारियों को कोई भय है। श्री भट्ट ने कहा कि ऐसी लाचारी में तो सर्वप्रथम सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए वरना प्रदेश के मंत्रीगण जो इस लाचारी के साथ अपना आत्मसम्मान भी गंवा रहे हैं कम से कम उन्हें तो अपने आत्मसम्मान की रक्षा के लिए तत्काल अपने पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए। श्री भट्ट ने कहा कि प्रदेश सरकार की इस लाचारी पर तरस आता है कि जब कोई विभागीय मंत्री के सामने उनके विभाग के ही अधिकारी यह कहते हों कि काश मुख्यमंत्री आते तो कोई आदेश होने की उम्मीद जगती क्योंकि विभागीय मंत्री की तो इस प्रदेश में कोई सुनता ही नहीं है। श्री भट्ट ने कहा कि इससे बड़ा अपमान और क्या हो सकता हो कि मंत्री के अधिकारियों को ही मंत्री के सामने उनकी लाचारी को उजागर करना पड़ा हो। श्री भट्ट ने कहा कि ऐसी लाचारी से जहाॅ सरकार आये दिन मात्र दिन बिताने का काम कर रहे हों वहीं दूसरी पूरे प्रदेश की आये दिन दुर्दशा हो रही है ऐसी स्थिति में नैतिकता के आधार पर बिना एक पल बिताये सरकार को प्रदेश की कुर्सी छोड़ देनी चाहिए। श्री भट्ट ने कहा कि प्रदेश सरकार मात्र खनन और शराब माफियाओं की कठपुतली बनकर काम कर रही है, बिते दिनों विकासनगर की एएसपी द्वारा तस्करों से चरस ही नहीं पकड़ी गयी बल्कि उन्होंने अवैध खनन करने वालों के खिलाफ भी जमकर मोर्चा खोल रखा था और लाखों रूपये के चालान कर प्रदेश के खजाने में जमा कराने के आदेश दिये थे, किन्तु शायद उन्हें भी नहीं पता था कि यह खनन माफिया कोई और नहीं बल्कि स्वयं पूरी प्रदेश की सरकार है, और इसके एवज में उन्हें समय से पहले अन्यत्र स्थानान्तरित कर पुरस्कृत किया जायेगा। श्री भट्ट ने कहा कि जब पुलिस अधिकारी अच्छा काम कर रहे हों और वह भी माफियाओं के खिलाफ तो उन्हें सरकार तत्काल अन्यत्र स्थानान्तरित कर उनका मनोबल तुरंत गिरा देती है, क्योंकि खनन कोई और नहीं बल्कि सरकार के ही लोग कर रहे हैं, खनन के खिलाफ इससे पूर्व भी हरिद्वार के एसएसपी ने जब मोर्चा खोलने का प्रयास किया और अपनी ईमानदारी का परिचय देना प्रारम्भ किया था तो उन्हें भी मात्र चंद महीनों में हटा दिया गया था। श्री भट्ट ने कहा अब ताजा उदाहरण विकासनगर के एएसपी तृप्ति भट्ट जो कि अंडर ट्रेनिंग थी और उन्हें कम से कम तीन महीने तक वहाॅ पर बने रहना था किन्तु सरकार ने आवाज उठाने के एवज में उन्हें भी पुरस्कृत कर समय से पूर्व ही स्थानान्तरण कर दिया।

एक सौ छह वर्ष पहले 25 मई को बिजली से रोशन हुई थी मसूरी

देहरादून,25 मई (निस)। मसूरी के पास गलोगी पावर हाउस के अस्तित्व में आने के बाद 106 साल पहले 25 मई को ही ब्रिटिश काल के दौरान पहाड़ों की रानी मसूरी बिजली की रौशनी से जगमगाई थी। गलोगी उत्तर भारत का पहला और देश का दूसरा जल विद्युत गृह है, जहां विद्युत उत्पादन शुरू हुआ था। अपनी प्राकृतिक फिजा के कारण मसूरी अंग्रेजी की पंसददीदा जगह बनी, इसलिए अग्रेजी शासन के दौरान मसूरी मे हर प्रकार की नागरिक सुविधाएं विकसित करने के प्रयास किए। इनमें विद्युत सुविधा मुहैया कराना भी एक था। इसके लिए मसूरी-देहरादून मार्ग पर भट्टा गांव से करीब तीन किमी नीचे तलहटी में सिटी बोर्ड मसूरी के माध्यम से गलोगी पावर हाउस का निर्माण करवाया गया। पावर हाउस की टरबाइन, पाइप और अन्य विद्युत सामग्री इंग्लैंड से समुद्र के रास्ते मुंबई मंगवाई गई। वहां से देहरादून तक रेल और देहरादून से राजपुर होते हुए गलोगी तक बैलगाडि़यों से यह सामान लाया गया। एक पावर हाउस हालांकि 1907 में बनकर तैयार हो गया था, लेकिन अत्यंत महत्वपूर्ण परियोजना होने के कारण अंग्रेज अधिकारी इसको चालू करने से पहले शत-प्रतिशत आश्वस्त हो जाना चाहते थे। लिहाजा, लगभग सवा साल तक ट्रायल लेते रहे और पूरी तरह आश्वस्त हो जाने के बाद 1909 में 25 मई का दिन मसूरी को विद्युत प्रकाश देने के लिए दिन नियत किया गया। आखिर वह शुभ घड़ी भी आ गई और 25 मई की शाम लाईब्रेरी चैक में जब बिजली के लट्टूओं ने चमक बिखेरी तो मसूरीवासी हतप्रभ रह गए। सबसे पहले सरकारी कार्यालयों को विद्युत सप्लाई दी गई और उसके बाद स्कूल, होटल और घरों को विद्युत कनेक्शन दिए गये। बाद में देहरादून के राजपुर, अनारवाला आदि स्थानों तक भी बिजली पहुंचाई गई। वर्तमान में भी गलोगी पावर हाउस से मसूरी के झड़ीपानी व बार्लाेगंज के इलाकों सहित कई क्षेत्रों को विद्युत सप्लाई दे रहा है।

सीएम ने लिया हेमकुण्ड साहिब यात्रा का जायजा 

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देहरादून,25 मई (निस)। सोमवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हेमकुण्ड साहिब यात्रा की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने हेमकुण्ड साहिब यात्रा की व्यवस्थाओं के लिए की गई तैयारियों पर संतुष्टि व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अधिकारियों द्वारा हेमकुण्ड साहिब की यात्रा के लिए बेहतर व्यवस्थाएं की गई है। लोनिवि को निर्देश दिये गये है कि सड़क मार्ग पर जहां-जहां पर मरम्मत की आवश्यकता है, वहां पर तत्काल मरम्मत की जाय। मुख्यमंत्री श्री रावत ने हेमकुण्ड़ साहिब यात्रा व्यवस्थाओं की तैयारी के संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक भी की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि गुरूद्वारे में श्रद्धालुओं को पहाड़ी व्यंजन उपलब्ध हो, इसके प्रयास किये जाय। साथ ही महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार किये जा रहे उत्पादों के विपणन हेतु जिला प्रशासन ठोस कार्ययोजना तैयार करे। बैठक में मुख्यमंत्री को बताया गया कि लोनिवि द्वारा गुरूद्वारा से पुलना तक मोटरमार्ग का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। 66 मीटर टाइल्स बिछाने का कार्य भी पूर्ण हो चुका है। हाई मास्क लाइट स्थापित की जा चुकी है। सुलभ शौचालय का निर्माण कार्य शीघ्र ही पूर्ण कर लिया जायेगा। चार रैन शेल्टर तथा चालीस स्टील बैंच स्थापित कर दिये गये हैं। अधिशासी अभियन्ता लोनिवि ने बताया कि यात्रा मार्ग में 9 कूड़ादान स्थापित किये गये हैं व मार्ग निर्माण हेतु 18 गैंग जिसमें 74 मजदूर लगाये गये हैं। मुख्यमंत्री ने लोनिवि को 2 किमी. पुलना पैदल मार्ग के निर्माण हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। सिंचाई विभाग की समीक्षा करते हुए बताया गया कि गोविन्दघाट गुरूद्वारे की सुरक्षा दीवार का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। मुख्यमंत्री ने अधिशासी अभियन्ता सिंचाई विभाग को गुरूद्वारे से एन.एच. लिंक मार्ग तक मोटर मार्ग की सुरक्षा के लिए वायर गेटिंग करने के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करने को कहा। उन्होंने विद्युत विभाग को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुचारू बनाये रखने के भी निर्देश दिये। स्वास्थ्य विभाग को मोबाईल फार्मासिस्टों की तैनाती एवं दवाइयों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये गये। जिला पूर्ति अधिकारी को पूरी यात्रा के दौरान मिट्टी तेल तथा खाद्यान्न की आपूर्ति के लिए भण्ड़ारण की व्यवस्था के निर्देश दिये गये। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि जल संस्थान पेयजल आपूर्ति सुचारू बनाये रखे। बैठक के दौरान अध्यक्ष नगर पालिका परिषद जोशीमठ द्वारा मारवाड़ी में भूस्खलन के कारण नदी मे आये बोल्ड़रों से बनी झील से जोशीमठ शहर को खतरा बताते हुए नदी किनारे सुरक्षा दीवार की माॅग की। इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने सिंचाई विभाग को आंगणन तैयार करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने घांघरिया का हवाई सर्वे भी किया। इस अवसर पर राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष व हेमकुण्ट साहिब ट्रस्ट के उपाध्यक्ष नरेंद्र जीत सिंह बिंद्रा, उपाध्यक्ष बीस सूत्री कार्यक्रम व विधायक बद्रीनाथ राजेन्द्र सिंह भण्ड़ारी, प्रबन्धक गुरूद्वारा समिति सेवा सिंह, अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, जिलाधिकारी अशोक कुमार सहित अन्य विभागीय अधिकारी, गुरूद्वारा कमेटी के पदाधिकारी एवं कार सेवक आदि उपस्थित थे।

अमर शहीद श्रीदेव सुमन को याद किया 

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देहरादून,25 मई (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बीजापुर अतिथि गृह में टिहरी जन क्रांति के नायक शहीद श्री देव सुमन की जयंती के अवसर पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उनका भावपूर्ण स्मरण किया। बीजापुर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि अमर शहीद श्रीदेव सुमन के बलिदान को भुलाया नही जा सकता है। उन्होंने कहा कि वे एक अदभुत व्यक्तित्व वाले थे। दुनिया में जब कभी भी अपने देश के लिए बलिदान होने वालों का इतिहास लिखा जायेगा, उसमें श्रीदेव सुमन का नाम सबसे ऊपर याद किया जायेगा। उन्होंने कहा कि श्रीदेव सुमन का सदैव यह विचार रहा है कि दरिद्रनारायण की सेवा के लिए हमेशा तैयार रहे। उन्होंने कहा कि हमारा भी यही ध्येय है, कि हम दरिद्र नारायण की सेवा तन, मन, धन से करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीदेव सुमन ने इस क्षेत्र के लिए जो बलिदान दिया, संघर्ष किया, उसे कभी भुलाया नही जा सकता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य का निर्माण भी संघर्षों से हुआ है और हमें प्रयास करना होगा कि हम इसे एक आदर्श प्रदेश बनाये। वहीं दूसरी ओर उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमर शहीद श्रीदेव सुमन के जन्म दिवस के अवसर पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में श्रद्धांजलि कार्यक्रम एवं गोष्ठी का आयेाजन किया गया। कांग्रेसजनों ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के नेतृत्व में अमर शहीद श्रीदेव सुमन के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हेें श्रद्धा सुमन अर्पित किये। इस अवसर पर आयोजित गोष्ठी को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमर शहीद श्रीदेव सुमन ने टिहरी में प्रजामण्डल की स्थापना कर सामन्तशाही के खिलाफ आन्दोलन चलाते हुए 28 वर्ष की कम उम्र में 84 दिन की अनिश्चितकालीन भूखहड़ताल कर टिहरी को राजशाही से मुक्त करवाया था। इस आन्दोलन में उन्हें अपने प्राणों का बलिदान दे दिया था। प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने मुख्यमंत्री हरीश रावत से मांग की कि अमर शहीद श्रीदेव सुमन के जीवन वृत्त को विद्यालयी पाठ्यक्रम में शामिल करते हुए प्रत्येक पुस्तकालय में उनके जीवन वृत्त को अनिवार्य रूप से उपलब्ध करवाया जाय। साथ ही उन्होंने यह भी मांग की कि उनकी स्मृति को अक्षुण बनाये रखने के लिए टिहरी झील का नाम श्रीदेव सुमन सागर रखा जाय। गोष्ठी को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता दीपेन्द्र हुड्डा, प्रदेश महामंत्री राजेश जुवांठा, प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता मथुरादत्त जोशी, प्रदेश मुख्य समन्वयक राजेन्द्र शाह, सचिव दीप बोहरा, महानगर कार्यकारी अध्यक्ष पृथ्वीराज चैहान, पार्षद जगदीश धीमान, गंगा क्षेत्री, विपुल नौटियाल, शरद चैहान, धर्मसिंह पंवार, राजेश पाण्डे, इन्द्रदेव डोभाल, अमरजीत सिंह, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष दिनेश कौशिक आदि ने संबोधित किया। गोष्ठी का संचालन प्रदेश सचिव गोपाल चमोली ने किया।  इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार सुरेन्द्र कुमार, सचिव मेहरलता जज, संजय किशोर, विवेकानन्द खण्डूरी, एनएसयूआई के श्याम सिंह चैहान, अनिल गुप्ता, जिलाध्यक्ष दीन मोहम्मद, महिला कांग्रेस की महानगर अध्यक्ष कमलेश रमन, सेवादल के रामविलास रावत, कुंवर सिंह यादव, आईटी प्रकोश्ठ के अमरजीत सिंह, अल्पसंख्यक अध्यक्ष मंजूर अहमद बेग, अनिल नेगी, स्वाति नेगी, अनिल गुप्ता, नजमा खान, टीका राम पाण्डे, पायल बहल, रोशनी गोदियाल, पुष्पलता ममगांई, सावित्री थापा, सुधा शुक्ला, राजकुमारी, सुलेमान अली, विशाल मौर्य, पुष्पा देवी, नासिर हुसैन, भरत शर्मा, बाला शर्मा, माया देवी, संगीता देवी, महावीर सिंह नेगी, श्रवण रजौरिया, आशीष उनियाल, भरत शर्मा, ललित जोशी, संयोगिता रानी, सरोज देवराडी, पुष्पांजलि दीवान, अनुराधा तिवारी, बिमला मन्हास, राधिका शर्मा, आशा शर्मा, विजय लक्ष्मी गुसांई, नीरज यादव, रविन्द्र रावत, रवि ठाकुर, गोविन्द थापा, उपेन्द्र थापली, जयराम चैहान, सोनू तिवारी, पंकज अग्रवाल, लता जोशी,यशपाल चैहान, सोनू तिवारी, सहित अनेक कांगे्रस कार्यकर्ता उपस्थित थे।

कंुजवाल ने मनाया 70 वां जन्म दिवस 

देहरादून,25 मई (निस)। प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल का 70 वां जन्म दिवस उनके आवास तल्ली बमौरी हल्द्वानी में बडी सादगी के साथ मनाया गया। इस अवसर पर प्रदेश के राज्यपाल डा. केके पाॅल, प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत, वित्त मंत्री डा. श्रीमती इन्दिरा हृदयेश, कैबिनेट मंत्री हरीश दुर्गापाल ने दूरभाष पर श्री कुंजवाल को जन्म दिवस की बधाई देते हुए उनकी दीर्घायु एवं स्वास्थ जीवन की मंगलकामना की, वहीं श्री कुंजवाल को उनके 70 वें जन्मदिवस की बधाई देने हेतु उनके आवास पर प्रातः से ही लोगों का तांता लगा रहा।  श्री कुंजवाल को बधाई देने वालों में वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद् के उपाध्यक्ष तारादत्त पांडे, मलिन बस्ती सुधार समिति के सदस्य खजान पांडे, जलागम प्रबन्धन परिषद् के उपाध्यक्ष दिनेश कुंजवाल, अल्मोडा जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष प्रशांत भैसोडा, पूर्व प्रधानाचार्य एनएस मालसूनी, नगरपालिका पिथौरागढ़ के अध्यक्ष जगत सिंह खाती, पूर्व प्रमुख लक्ष्मण सिंह लमगडिया, बलवन्त सिंह मेहरा, डा0 बुकमैन, सरदार गुरमीत सिंह, अजय गुप्ता, धीरेन्द्र बिष्ट, आयुक्त कुमायूं एएस नयाल, जिलाधिकारी दीपक रावत सहित कई प्रशासनिक अधिकारी, समाजिक राजनैतिक कार्यकता व मीडिया कर्मी मौजूद थे। इस अवसर पर श्री कुंजवाल ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारें कन्धों पर उत्तराखण्ड राज्य की उन्नति का लक्ष्य है, जिसे पूरा करने के लिए हमें निरन्तर प्रयासरत रहना होगा, ताकि जनता के सपनों को पूर्ण किया जा सके तथा प्रदेश का नाम देश ही नहीं विदेंशों में भी रोशन हो सके।

मुख्यमंत्री ने भारतीय रिजर्व बैंक के ई-कुबेर कोर बैंकिग का किया उद्घाटन

देहरादून,25 मई (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तराखण्ड राज्य हेतु ई-भुगतान एवं ई-प्राप्ति सुविधा (ई-कुबेर, रिजर्व बैंक की कोर बैंकिंग सुविधा और ई-कोष, राज्य सरकार केन्द्रीकृत कोषगार प्रणाली का समेकन) का उद्घाटन सचिवालय परिसर में किया गया।  मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि यह व्यवस्था लाभकारी सिद्ध होगी। इससे राज्य सरकार व आरबीआई के मध्य बेहतर समन्वय स्थापित होगा। हमारे यहां पहले से ही सभी कोषागार आॅन लाईन भुगतान प्रणाली पर कार्य रहे है। भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशों और अगस्त 2014 के दौरान मुख्य सचिवों एवं वित्त सचिवों के सम्मेलन में लिए गए निर्णय के अनुसार भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी राज्य सरकारों हेतु ई-प्राप्ति और ई-भुगतान सुविधा के क्रियान्वयन को विशिष्ट प्राथमिकता दी है। इसलिए रिजर्व बैंक ने ई-कुबेर (रिजर्व बैंक की करेर बैंक्रिंग सुविधा) आधारित ई-भुगतान और ई-प्राप्ति का एक मानकीकृत माॅड्यूल विकसित किया है जो प्रत्येक राज्य सरकार की आवश्यकताओं पर उनकी विशिष्ट आन्तरिक प्रक्रिया के होते हुए भी खरा उतरता है। चूॅकि ई-कुबेर आईएसओ20022 मेसेजिंग स्टैण्डर्ड को सूचना अन्तरण हेतु प्रयोग करता है, इसलिए यह राज्य सरकारों के विभिन्न प्रणाली के साथ, सुरक्षा एवं संदेशों की पूर्णता पर ध्यान केन्द्रित करते हुए एकीकरण कर लेता है। मानकीकृत ई-भुगतान माॅड्यूल ई-कुबेर और राज्य सरकार के ई-कोष(केन्द्रीकृत कोषगार प्रणाली) के मध्य सुरक्षित इंटरफेस के जरिए राज्य सरकार के भुगतानों की सीधी एवं त्वरित प्रोसेंसिंग सुनिश्चित करता है। पूरी तरह से स्वचालित इंटरफेस के जरिए राज्य सरकार के भुगतानों की सीधी एवं त्वरित प्रोसेसिंग सुनिश्चित करता है। पूरी तरह से स्वचालित प्रक्रिया होने के कारण संदेशों की एक छोर से दूसरे छोर तक निर्बाध प्रोसेसिंग, गणना और स्क्राॅल का सृजन एवं प्रेषण होता है। यह माॅडयूल सुनिश्चत करता है कि सभी भुगतानों की कुशल प्रोसेसिंग हो और लाभार्थियों को बिना विलंब के भुगतान प्राप्त हो। इस माॅड्यूल के जरिए राज्य सरकार को प्रतिदिन स्क्राॅल उपलब्ध होंगे जिसके द्वारा राज्य सरकार अपनी निधियों का अधिक कुशलता से प्रबन्धन कर सकेगी।  इस अवसर पर आरबीआई के क्षेत्रीय निदेशक आर.एल.शर्मा, राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष नरेंद्र जीत सिंह बिंद्रा, मुख्य सचिव एन. रवि शंकर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। 

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