कोर कमेटी से भाजपा का पहाड़ विरोधी मुखौटा सामने आया
देहरादून,28 मई । भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड में कोर कमेटी में कुछ को रखने और कुछ को हटाने के घटनाक्रम से भाजपा का असली चेहरा सामने आ गया है और इस कृत्य से भाजपा के पहाड़ विरोधी मुखौटे का आवरण हट गया है। बीजेपी हर मंच से उत्तराखंड बनाने की बात कहते नहीं थकती रही है लेकिन उसने इस सत्य को कभी भी प्रकट नही होने दिया कि उसने योजनापूर्वक राज्य का पहला मुख्यमंत्री पर्वतीय मूल के व्यक्ति को नहीं बनने दिया। वहीं 25 साल कांग्रेस में बड़े - बड़े पदों पर रहे स्वर्गीय नित्यानन्द स्वामी को पार्टी में लाकर प्रदेश का मुख्यमंत्री बना डाला. उनकी उपलब्धि यह रही कि उन्होंने उत्तराखंड में मूल नागरिक की अवधारणा को समाप्त कर 15 वर्ष में स्थायी नागरिक होने का एक नया प्रपंच पहाड़ के नागरिकों के हितों के विरोध में खड़ा किया। निशंक सरकार में पहाड़ के हित में कुमांउनी,गढ़वाली व जौनसारी भाषा भासी के लोगों के लिए श्रेणी ‘’ग’’ तक के पदों में 10 फीसदी का अतिरिक्त अधिमान अंक देने की व्यवस्था की थी. लेकिन आज जो लोग कोर कमेटी के सदस्य बनाये गए हैं उनमे से अधिकांश ने एक मुहिम चलाकर कैबिनेट से स्वीकार प्रस्ताव जो शासनादेश तक बन गया था को निरस्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. परिणाम आज सबके सामने हैं राज्य में रोजगार को लेकर पलायन और अन्य प्रदेशों के बेरोगारों को तो यहाँ जुगाड़ से नौकरी मिल जा रही है लेकिन राज्य के बेरोजगारों को अपने ही राज्य में नौकरी के लाले पड़ गए हैं और रोजगार की तलाश में पलायन बढ़ना शुरू हो गया। ऐसे ही पार्टी के भीतर अनेक वरिष्ठ नेता जिन्होंने उत्तराखंड में भाजपा को स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया व जो राज्य की राजधानी गैरसैंण के पक्ष में निरंतर दबाव बनाते रहे लेकिन इसी लॉबी के कारण भाजपा के कमजोर मुख्यमंत्रियों ने गैरसैंण को स्थायी नहीं तो षड्मासिक राजधानी का मान भी देने का साहस नहीं जुटा सका। आज जिन लोगों को भाजपा ने उत्तराखंड प्रदेश का कर्ता-धर्ता बनाया गया है उनमे से अधिकांश घनघोर पहाड़ विरोधी तो हैं ही साथ ही उन्हें राज्य के मैदानी जिले हरिद्वार,उधमसिंहनगर व देहरादून के अलावा पर्वतीय इलाकों का इतिहास दृ भूगोल व समस्या व संस्कृति तक की जानकारी नहीं है. अथवा वे जानना भी नहीं चाहते हैं और अब तक यह बात ढकी हुई थी जो खुद सामने आ गयी है। इस घटना से अब यह संभावना बन जाती है कि 2017 के विधानसभा चुनावों में पर्वतीय इलाकों की किसी भी विधानसभा सीट पर भाजपा का विजयी होना एक कठिन चुनौती से कम नहीं होगा वह भी मुख्यमंत्री हरीश रावत के मुख्यमंत्री रहते हुए, और अब जिनके सहारे भाजपा चुनाव की वैतरणी पार करना चाहती है ऐसे में उनके तथाकथित मैदानी नेता हरिद्वार,उधम सिंह नगर व देहरादून से आये पिछले चुनाव परिणामों को दोहरा नहीं पाएंगे . इसका ताजा उदहारण सितारगंज व भगवानपुर विधानसभा चुनाव परिणामों में देखा जा सकता है. भगवानपुर में जहाँ पार्टी के 2012 की तुलना में वोट तो दो गुने ज्यादा मिले, लेकिन हारना पड़ा 35 हजार से ज्यादा वोटों से. मैदानी जिलों में अब यह समीकरण सकता है और भाजपा की बढ़त शून्य तक भी जा सकती है। पर्वतीय इलाकों में पार्टी को नुकसान भी इनकी छवि से हो सकता है ऐसा राजनीती के जानकारों का मानना है. मोदी सरकार से लोगों की अपेक्षाओं का ही परिणाम था कि पहली बार उत्तराखंड में 54 प्रतिशत मत पाकर बीजेपी ने उत्तराखंड की लोक सभा सीटें जीती थी लेकिन भाजपा ने उत्तराखंड का अपमान करते हुए किसी को भी मंत्री पद तो नहीं दिया वहीँ एक साल में न तो पर्वतीय इलाकों में योजनाओं को और नहीं राष्ट्रीय राजमार्ग के अधीन आने वाले मार्गों का ही सुधार हुआ और न ही दिल्ली देहरादून मार्ग ने ही गति पकड़ी। ये सब बातें उत्तराखंड के पार्टी भाजपा के केंद्रीय नेताओं की उपेक्षा को दर्शाने वाले हैं जिसका राजनीतिक दृष्टि से जागरूक पर्वतीय लोगों के दृष्टिकोण से दृष्टिगोचर होता है. भाजपा ने समय रहते अपने कार्यप्रणाली में सुधार नहीं किया तो भाजपा के लिए बहुजन समाजवादी पार्टी के हाथी व समाजवादी पार्टी की साइकिल की तरह पहाड़ चढ़ना दुष्कर साबित होगा।
सरकार की मंशा को पलीता लगाने की कोशिश में सूबे की नौकरशाही, दून में विधानभवन की तैयारी फिर कर दी तेज
- पीएम मोदी भी गैरसैंण की बजाय दूर पर कर रहे फोकस, स्पीकर कुंजवाल इसे पहले ही बता चुके हैं गैरजरूरी
देहरादून, 28 मई। मुख्यसचिव और प्रधानमंत्री मोदी के बीच विडियो कांफ्रेंसिंग से हुई बात के बाद स्थायी राजधानी के मुद्दे पर भाजपा और ब्यूरोक्रेसी की मानसिकता सामने आई है। दोनों ही सरकार की मंशा को पलीता लगाकर राजधानी गैरसैंण की जगह देहरादून में ही रखना चाहते हैं। राज्य सरकार और स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल गैरसैंण में राजधानी बनाने की बात कह रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य के मुख्य सचिव एन.रविशंकर के बीच बातचीत से पता चला कि केंद्र ने रायपुर में प्रस्तावित विधानसभा व सचिवालय निर्माण के लिए एनओसी दे दी है। लेकिन आवासीय परिसर के लिए जमीन देने से इनकार कर दिया है । जून में केंद्र की टीम एक बार फिर देहरादून पहुंचकर स्थलीय निरीक्षण करेगी कि आवासीय परिसर कहां बनाया जाए। इससे यह तो साफ हो गया है न तो केंद्र सरकार और न प्रदेश की नौकरशाही ही राजधानी गैरसैंण ले जाना चाहती है। सुविधाभोगी नौकरशाह के आज तक के अधिकांश सरकारी निर्णयों में कहीं भी उत्तराखंड के आम आदमी के हितों की बात सामने नहीं आई है। हालांकि सीएम मुख्यमंत्री हरीश रावत गाहे बगाहे नौकरशाही के फैसलों के उलट कई बार निर्णय पलटवा चुके हैं। लेकिन नौकरशाही कई बार शासनादेश होने के महीनों बाद राज्य सरकार को उससे अवगत कराती रही है। एक बार फिर साफ हुआ है कि प्रधानमंत्री और राज्य की नौकरशाही दोनों में से कोई भी राज्य सरकार के इरादों के अनुसार गैरसैंण में राजधानी बनाने को तैयार नहीं है। इनके वार्तालाप में कहीं भी गैरसैण का जिक्र नहीं किया गया। यह भी नहीं बताया गया कि गैरसैंण में 500 करोड़ खर्च कर विधानभवन बनकर तैयार किया जा रहा है और वहां अन्य सुविधाएं भी जुटाई जा रही हैं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल सहित राज्य आंदोलन से जुड़े तमाम नेता राजधानी गैरसैंण में बनाने के पक्षधर हैं। वहीँ बीते दिनों विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान देश के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी अपने संबोधन में गैरसैंण में निर्माणाधीन राजधानी का जिक्र कर चुके हैं। हालांकि उन्होंने इसे ग्रीष्म कालीन राजधानी का नाम दिया था। बाद में स्पीकर कुंजवाल ने कहा ग्रीष्मकालीन नहीं हम तो गैरसैंण में पूर्ण राजधानी की बात करते हैं। स्पीकर ने इससे और आगे जाते हुए कहा कि देहरादून में नए विधानभवन की कोई जरूरत है। इसके बाद भी अफसरशाही देहरादून की रट लगाए हुए हैं। लोक सभा के पूर्व सांसद व राज्य आंदोलन से जुडेे़े प्रदीप टम्टा ने तो साफ ही कहा राजधानी गैरसैंण ही बनेगी और बननी चाहिए। राज्य आंदोलन में जान गंवाने वाले शहीदों की सपनों की वह राजधानी है और उनके सपनों को पूरा करने की जिम्मेदारी अब राज्य सरकार की है। उनका कहना था कि प्रधानमंत्री से राज्य में यात्रा, भूकंप अर्ध कुम्भ, जल विद्युत परियोजनाओं, मानसरोवर यात्रा तथा औद्योगिक पैकेज आदि विषयों पर बात हो सकती थी। लेकिन अफसरों ने राजधानी का मुद्दा जो नितांत राज्य सरकार का मामला है इस पर बहस की। यह साफ हो गया है कि भाजपा और राज्य के कुछ नौकरशाह राज्य की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर राजधानी के मुद्दे को बिलावजह तूल दे रहे हैं। उनका कहना था राजधानी का मुद्दा यदि केवल जमीन या स्थान से ही जुदा होता तो पंजाब व हरियाणा के बीच आज तक क्यों नहीं राजधानी का मामला निपट सका है। उन्होंने कहा गैरसैंण हमारी पहचान का केंद्र है और जनभावनाओं से जुडा है लिहाज इस पर राजनीती नहीं की जानी चाहिए। सबसे पहले विधायक मदन कौशिक ही गैरसैंण में राजधानी बनाने का संकल्प लेकर आए थे। तत्कालीन समय में संख्याबल के आधार पर कांग्रेस ने ही उस प्रस्ताव को गिरा दिया था। राज्य की राजधानी गैरसैंण में हो इसको लेकर भाजपा अपनी राय पहले ही प्रदर्शित कर चुकी है। कांग्रेस केवल हो हल्ला मचा कर राजधानी के मुद्दे को उलझा रही है। त्रिवेंद्र सिंह रावत, भाजपा राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य।
बदहालीः इस आयुष प्रदेश में कोई नहीं ले रहा आयुर्वेद चिकित्सा परिषद की सुध, बंदी की कगार पर सूबे की पंचकर्म इकाइयां
- विशेषज्ञों की अब तक नहीं की जा सकीं नियुक्तियां, उत्तराखंड की 26 पंचकर्म यूनिटें हो चुकी है बंद
- बाकी बची इकाइयां बगैर विशेषज्ञों के सहारे ही
देहरादून,28 मई । उत्तराखंड को आयुष प्रदेश का दर्जा देकर राज्य में विभिन्न स्थानों पर खोली गई पंचकर्म यूनिट बंदी की कगार पर हैं। राज्य के कुल 44 आयुर्वेदिक चिकित्सालयों में पंचकर्म यूनिटों खुले पांच वर्ष से अधिक हो चुके हैं।लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं हैं। इन पंचकर्म इकाइयों को खोलने का मुख्य उद्देश्य सीमांत एवं पर्वतीय जनपदों में लोगों को आयुर्वेद की इस विशिष्ट विधा का लाभ देना था। इन पंचकर्म यूनिटों को खोलने के लिए लाखों रुपये के उपकरण भी खरीदे गए। आज स्थिति यह है कि अधिकांश पंचकर्म यूनिट संचालित ही नहीं हो पा रही हैंप् सूत्रों का कहना है कि कुल 44 में 26 पंचकर्म यूनिटें बंद पडी हैं। महज यूनिटें आंशिक रूप से संचालित हो रही हैं और 16 यूनिट्स बिना पंचकर्म विशेषज्ञों एवं थेरेपिस्ट के ही किसी तरह से चल रही हैं। आयुष विभाग के द्वारा अधिकाँश यूनिटों के बंद होने के पीछे कारण स्टाफ का अभाव,पंचकर्म विशेषज्ञों के तैनाती का न किया जाना बताया गया है प् अहम बात यह है कि अधिकांश यूनिटों में तमाम जरूर उपकरण उपलब्ध है। पिथौरागढ़, टिहरी,अल्माड़ा,चमोली एवं बागेश्वर जिलों में तो पंचकर्म यूनिट महज कागजों में दिखाई गई हैं। सीमांत जनपदों की बात तो दूर राजधानी के पंचकर्म यूनिटों के भी बुरे हाल हैं। देहरादून स्थित जिला अस्पताल की पंचकर्म यूनिट में तो उपकरण पूरे नहीं हैं और पंचकर्म विशेषज्ञ की तैनाती होना शेष है। नैनीताल जिले के हल्द्वानी एवं फुटकुआं स्थित पंचकर्म यूनिट भी पंचकर्म विशेषज्ञ की बाट जोह रहे हैं। उत्तरकाशी जिले में भी नगर चिकित्सालय की पंचकर्म यूनिट संचालित तो हो रही है पर विशेषज्ञ चिकित्सक एवं उपकरणों का अभाव यहां भी है। जिले की श्यालना एवं आयुष विंग स्थित पंचकर्म यूनिट संचालित नहीं हो रही हैं। रुद्रप्रयाग जिले में आयुष विंग एवं तुनेटा आंशिक रूप से बिना विशेषज्ञ चिकित्सक एवं उपकरणों के सहारे संचालित हो रही है और तीसरी यूनिट अपूर्ण होने के कारण बंद पडी है। हरिद्वार जिले में भी रुड़की एवं मंगलौर स्थित आयुर्वेदिक चिकित्सालयों में खोली गई पंचकर्म यूनिट चल तो रही है। लेकिन जिला चिकित्सालय आयुष विंग, हल्लुमाजरा एवं ढाढेकीढाना स्थित आयुर्वेदिक अस्पतालों की पंचकर्म यूनिट बंद पडी हैं। इन सभी पंचकर्म यूनिटों में पंचकर्म थेरेपिस्ट एवं पंचकर्म विशेषज्ञों की नियुक्ति न होना संचालित न होने का कारण बताया गया है सीमांत जनपदों में इन यूनिटों को पैदल रास्तों एवं बिना भवन के अस्पतालों में भी खोल दिया गया है। नतीजा यह है कि अस्पताल में बिजली तो दूर पानी की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है प्रदेश सरकार के आयुर्वेदिक चिकित्सा के प्रति उपेक्षा का आलम यह है कि आयुर्वेदिक चिकित्सा को बढ़ावा देने हेतु इन संचालित इन पंचकर्म यूनिटों पर विशेषज्ञ चिकित्सकों को नियुक्त करने की जगह वह आयुर्वेदिक चिकित्सकों से एलोपैथिक चिकित्सकों के निर्देशन में अंग्रेजी दवाएं बटवाना चाहती है। इससे आयुर्वेदिक चिकित्सक भी अपनी पंचकर्म जैसी विधा को छोड़ एलोपैथिक दवाएं बांटना शुरू कर दें यदि यह हाल रहा तो प्रदेश के आयुर्वेदिक चिकित्सालय एलोपैथिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में तब्दील हो जाएंगे एवं पंचकर्म एवं क्षार सूत्र जैसी यूनिटें बस इतिहास का हिस्सा बन जाएगी।
विशेषज्ञों को नहीं जा रही नियुक्ति
उत्तराखंड में पंचकर्म थेरेपिस्ट एवं पंचकर्म में विशेषज्ञता के पाठ्यक्रम देहरादून एवं हरिद्वार स्थित आयुर्वेदिक कालेजों में चल रहे हैं। पंचकर्म थेरेपिस्ट एवं पंचकर्म में विशेषज्ञताधारी चिकित्सक प्रशिक्षण के बाद नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैंप् लेकिन इनकी तैनाती नहीं की जा रही है।
गंगा में औद्योगिक इकाइयों का प्रदूषित पानी छोड़ने का थम नहीं सिलसिला, पतंजलि पर भी नेशनल ग्रीन ट्रब्यूलन की निगाहें!
- हरिद्वार स्थित हीरो मोटर्स भी कार्रवाई की जद में, सिगरेट बनाने वाली कंपनी आईटीसी भी नहीं पीछे
- होटल रेडिसन ब्ल्यू ने पूरे कर लिए तमाम मानक
देहरादून,28 मई । गंगा में प्रदूषण फैलने के मामले में हरिद्वार स्थित बाबा रामदेव की पतंजलि सहित जानी मानी मोटर साइकिल कंपनी हीरो मोटर्स और सिगरेट बनाने वाली कंपनी आईटीसी पर भी गाज गिर सकती है।
नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल के निर्देश पर बनी जांच कमेटी ने होटल, आश्रम और उद्योगों के करीब 30 सैंपल इकठ्ठे किए। इनमें से ज्यादातर को नियमों का उल्लंघन करके गंगा में सीधा गंदगी डालने का दोषी पाया गया है। एनजीटी के आदेश के बाद बंद हुए रेडिसन ब्लू ने अपनी गलती मानते हुये सभी नियमों को पूरा कर लिया है। होटल ने सिडकुल के कॉमन एफलुएंट ट्रीटमेंट प्लांट का कनेक्शन लेकर होटल से निकलने वाले गंदे पानी और सीवर को इसमें छोड़ना शुरू कर दिया है। इस स्कीम के तहत अब होटल से निकलने वाला गंदा पानी ट्रीट होकर ही गंगा में मिल सकेगा। गौरतलब है कि एनजीटी ने हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा में हो रहे प्रदूषण को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुये तीन सदस्यीय कमेटी गठित की। इस कमेटी में भारत सरकार के एक सदस्य, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक सदस्य के साथ उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव विनोद सिंघल शामिल रहे। इस कमेटी ने हरिद्वार और ऋषिकेश में प्रदूषण को लेकर सर्वे किया। इस दौरान कई होटल, आश्रम और उद्योगों से निकलने वाले ऐसे पानी के सैंपल लिए, जो कि गंगा में छोड़ा जा रहा था। बताया जा रहा है कि कमेटी ने दोनों धार्मिक नगरियों से करीब 30 सैंपल इकठ्ठे किये। इनमें पातंजलि योग पीठ, हीरो मोटर्स और आईटीसी जैसी बड़ी इकाइयों के सैंपल भी फेल हो गए। इस पर उत्तराखंड पोल्यूशन बोर्ड ने इन सभी इकाइयों को नोटिस जारी कर दिए। इन इकाइयों ने निकलने वाला पानी तय मानक से ज्यादा गंदा या प्रदूषित है और अगर एक महीने में इन इकाइयों ने इस समस्या को ठीक नहीं किया तो इनको भी बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं रह जाएगा। रेडिसन ब्लू का सैंपल इससे पहले भी लिया गया था और जब उसे नोटिस देकर इस समस्या का समाधान करने को कहा तो उसने इस नोटिस को हल्के में लेकर कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद जब कमेटी को दूसरी बार वही समस्या दिखाई दी तो उसने अपनी रिपोर्ट एनजीटी को भेजी। एनजीटी ने इस मामले में गंभीर रूख अख्तियार करते हुये होटल को फौरन बंद करने का आदेश देकर कड़े रूख का इजहार किया है। इस मामले में जिलाधिकारी हरिद्वार को व्यक्तिगत रूप से एनजीटी के समक्ष पेश होने का आदेश दिया गया और डीएम को निर्देश दिया गय कि हरिद्वार में सराय एक्ट के तहत पंजीकृत होटल, धर्मशालाओं और आश्रमों की पूरी सूची समय पर उपलब्ध कराई जाए। बताया जा रहा है कि अब बारी पतंजलि, हीरो मोटर और आईटीसी सहित दर्जन भर दूसरी बड़ी कंपनियों की है। अगर तय समय पर उन्होनें मानक पूरे नहीं करे तो इन इकाइयों के बंद होने से कोई रोक नहीं सकता।
कोट---
एनजीटी के निर्देष पर एक कमेटी बनाई गई। इस कमेटी ने सैंपल लिए तो पता चला कि कई जगह पर उद्योगों का गंदा पानी बिना ट्रीट किए गंगा में छोड़ा जा रहा है। हमने पतंजलि, हीरो मोटर और आईटीसी को भी रेडिसन ब्ल्यू की तरह की कारनण बताओ नोटिस जारी किए हैं। यदि उन्होनें समस्या का समाधान नहीं किया तो उनके विरूद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।-विनोद सिंघल, सदस्य सचिव, उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
सीएम ने बिजली एंव पेयजल स्थिति की समीक्षा बैैठक ली
देहरादून,28 मई (निस)। गुरूवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बिजली व पेयजल की स्थिति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि नागरिकों को पेयजल उपलब्ध करवाना सरकार का सर्वोच्च दायित्व है। इसके लिए हरसम्भव उपाय किया जाए। इस बारे में किसी तरह की कोताही बरदाश्त नहीं की जाएगी। विशेष रूप से देहरादून में बिजली न रहने से पेयजल आपूर्ति भी प्रभावित हुई है। सीएम ने पम्पिंग स्टेशनों को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। सचिव ऊर्जा जिलों से बिजली की स्थिति पर लगातार फीडबैक लें। ऊर्जा व पेयजल विभागों के अधिकारी परस्पर समन्वय से काम करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून में बिजली लाईन शिफ्टिंग के लिए अधिकारियों को समझदारी से काम लिया जाना चाहिए था। हालांकि बिजली लाईन शिफ्टिंग का काम भी जरूरी था, परंतु इसे गलत समय पर प्रारम्भ किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पेयजल विभाग आवश्यकतानुसार जनरेटरों की व्यवस्था करे। सचिव ऊर्जा डा.उमाकांत पंवार ने बताया कि लाईन शिफ्टिंग के काम को स्थगित कर दिया गया है। प्रदेश में विद्युत उत्पादन की समस्या नहीं है। मई माह में बिजली का उत्पादन विगत वर्षों की तुलना में अधिक है। यदि रामगंगा में उŸार प्रदेश कुछ अधिक पानी छोड़ने को तैयार होता है तो अतिरिक्त बिजली पैदा की जा सकती है। सीएम ने कहा कि वे उŸारप्रदेश सरकार से इस बारे में बात करेंगे। पेयजल विभाग द्वारा बताया गया कि जनरेटर हायर करने का काम प्रारम्भ कर दिया गया है। पेयजल आपूर्ति में अब काफी सुधार हुआ है।
‘13वाँ ‘ गवर्नर्स कप गोल्फ टूर्नामेंट’ आज से, राज्यपाल डा. कृष्ण कांत पाल करेगें शुभारम्भ
देहरादून,28 मई (निस)। 2003 से प्रति वर्ष नैनीताल में आयोजित किये जा रहे ‘गवर्नर्स कप गोल्फ टूर्नामेंट’ इस वर्ष भी 29, 30 एवं 31 मई को राजभवन गोल्फ कोर्स में आयोजित किया जा रहा है। 29 मई को प्रातः 7.30 बजे इस ’’तेरहवें गवर्नर्स कप गोल्फ टूर्नामेंट -2015’’ का शुभारम्भ उत्तराखण्ड के राज्यपाल डा0 कृष्ण कांत पाल द्वारा किया जायेगा। टूर्नामेंट के संदर्भ में आज गोल्फ क्लब में मीडिया प्रतिनिधियों से हुई वार्ता के दौरान राज्यपाल ने बताया कि राजभवन नैनीताल के 200 एकड क्षेत्रफल में देवदार, बाँज आदि प्रजातियों के घने वृक्षों के बीच 3,572 गज का विस्तार लिए 18 होल्स का राजभवन नैनीताल का यह आकर्षक गोल्फ कोर्स 1926 में विकसित किया गया जो गोल्फर्स को अपनी खेल कला व दक्षता दिखाने के लिए पूरी तरह तैयार है। हमारा प्रयास है कि हम भारत के उच्च स्थलीय गोल्फ कोर्सेस में प्रथम इस खूबसूरत गोल्फ कोर्स को अन्तर्राष्ट्रीय गोल्फ व पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करें। उन्होंने शिल्पकला तथा प्राकृतिक सौन्दर्य की दृष्टि से उत्कृष्ट राजभवन नैनीताल में इस प्रतियोगिता के आयोजन के प्रमुख उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उत्तराखंड के दिव्य प्राकृतिक सौन्दर्य के बीच गोल्फ टूर्नामेंट जैसे आयोजन पर्यटन को प्रोत्साहित करने तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के गोल्फ के लिए नैनीताल जैसे गंतव्य स्थल को विकसित करके उत्तराखण्ड के पर्यटन को प्रोत्साहित करने की दृष्टि से यह एक बेहतरीन मौका है। मीडिया के सहयोग से इस क्षेत्र को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल सकती है। गोल्फ कैप्टन कर्नल (से.नि.) हरीश साह द्वारा मीडिया प्रतिनिधियों को टूर्नामेंट के विषय में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई गई। उन्होंने बताया कि इस कोर्स पार 61 स्ट्रोक, में खेलने के लिए 18 होल्स बने हैं। राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के शौकीन गोल्फर्स यहाँ खेलने आते हैं। इस गोल्फ को पार स्ट्रोक में खेलने के लिए गोल्फर को सक्षम व बेहतरीन गोल्फ का प्रदर्शन करना होगा। इस वर्ष प्रतियोगिता में 125 खिलाडी प्रतिभाग कर रहे हैं जिसमें 10 महिलाएं और 19 वर्ष से कम आयु के 14 बच्चे भी शामिल है। गोल्फ कैप्टन ने यह भी बताया कि प्रतियोगिता के दो दिन के खेल के बाद कट-आॅफ लिस्ट बनाई जायेगी जिसमें तीसरे दिन के अन्तिम दौर में बेस्ट गोल्फर को स्ट्रोक प्ले के आधार पर विजयी घोषित किया जायेगा। टूर्नामेंट में पारदर्शिता लाने के लिए इंटरनेशनल गोल्फ यूनियन (आई0जी0यू0) द्वारा नियुक्त क्वालीफाइड 16 वर्षों के तजुर्बेकार(म्गचमतपमदबमक) रेफरी राजेश जयरथ को आमंत्रित किया गया है, इसके अलावा सेना एवं अन्य संस्थानों से स्टाॅफ मार्शल भी नियुक्त किये गये हैं। प्रेसवार्ता के दौरान गवर्नर्स गोल्फ क्लब के वाईस चेयरमैन व सचिव राज्यपाल अरूण ढ़ौंडियाल तथा गवर्नर्स गोल्फ क्लब के सचिव एवं परिसहाय राज्यपाल डा0 वाई.एस.रावत सहित टूर्नामेंट व्यवस्था से जुडे अन्य सहयोगी तथा टूर्नामेंट के प्रायोजक के प्रतिनिधि मौजूद थे। इस वर्ष ओ.एन.जी.सी. ने मुख्य आयोजक की भूमिका सहर्ष स्वीकार की है इसके अतिरिक्त सह प्रायोजक के रूप में उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद् , सिडकुल, द ट्राईडैंट ग्रुप आॅफ इन्डस्ट्रीज, वैलन्टाइन तथा स्टेट बैंक आॅफ इण्डिया शामिल हैं।
पतंजलि योगपीठ में हुई घटना में बाबा रामदेव की भी हो गिरफ्तारी
- -पीसीसी अध्यक्ष ने कहा, सरकार मृतक के परिवार की करें हरसंभव मदद
देहरादून,28 मई (निस)। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि पतंजलि योगपीठ में गत दिवस हुई घटना के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने बाबा रामदेव को भी गिरफ्तार किए जाने की मांग की। कांग्रेस भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में पीसीसी अध्यक्ष ने कहा कि जिस वक्त पंतजलि योगपीठ में यह घटना हुई उस समय बाबा रामदेव भी वहीं मौजूद थे, बाबा रामदेव और उनके भाई रामभरत ने लोगों को भड़काने का काम किया है। इस मामले में बाबा रामदेव को भी गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने कहा कि इस घटना की जितनी भी निंदा की जाए वह कम है। किशोर ने कहा कि घटना में मारा गया व्यक्ति बेहद गरीब परिवार से है, उन्होंने सीएम से इस मामले में बात कर मृतक के परिजनों को हरसंभव मदद दिए जाने की मांग की। किशोर ने कहा कि उन्होंने खुद पतंजलि योगपीठ का दौरा किया है। उन्होंने कहा कि पंतजलि से हर रोज 50 ट्रक सामान की निकासी होती है। वहां से निकासी का जो कार्य स्थानीय ट्रक आॅपरेटरों को मिलना चाहिए था वह उन्हें न मिलकर बाहरी ट्रक आपरेटरों से कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गत दिवस ट्रक आपरेटरों को वहां वार्ता के लिए बुलाया गया था, इस दौरान पंतजलि के कुछ गुंडों ने वहां स्थानीय ट्रक आपरेटरों पर हमला कर दिया। दलजीत सिंह पर पाटल से हमला किया गया और फिर गोली चलाई गई। दलजीत सिंह हमले के बाद काफी देर तक वहां पर तड़पते रहे, लेकिन वहां पर मौजूद पुलिसकर्मियों द्वारा उन्हें वहां से उठाया नहीं गया। उन्होंने कहा कि जो पुलिसकर्मी वहां पर तमाशा देखते रहे उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। घटना के वक्त वहां बाबा रामदेव भी मौजूद थे। बाबा रामदेव और उनके भाई रामभरत ने लोगों को भड़काने का कार्य किया है, रामभरत को तो गिरफ्तार किया जा चुका है, बाबा रामदेव को भी गिरफ्तार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा केंद्र सरकार का एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर देशभर में 26 मई से 31 मई तक जनकल्याण पर्व के रूप में मनाया जा रहा है, जबकि केंद्र सरकार का एक वर्ष का कार्यकाल निराशाजनक रहा है। 31 मई को भाजपा के जनकल्याण पर्व के समापन अवसर पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा इस दिन को काला दिवस के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ 31 मई को कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा सभी जिलों में कालीपट्टी बांधकर जिला मुख्यालय तक मार्च किया जाएगा। देहरादून में कांग्रेस कार्यकर्ता गांधी पार्क में एकत्रित होंगे और वहां से केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जिला मुख्यालय तक मार्च करेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का सदस्यता अभियान 15 जून तक चलेगा। सदस्यता अभियान के लिए सभी पार्टी पदाधिकारियों, विधायकों, पूर्व विधायकों, पूर्व सांसदों, विधायक और सांसद का चुनाव हारे लोगों और दायित्वधरियों को निश्चित टार्गेट दिया गया है। यदि दायित्वधारी अपना सदस्यता का टार्गेट पूरा नहीं करेंगे तो उनसे दायित्व वापस भी लिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि संस्कृति और पर्यटन को जोड़कर राज्य सरकार द्वारा गढ़वाल मंडल और कुमांऊ मंडल में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी आंमत्रित किया जाएगा। पत्रकार वार्ता में पार्टी प्रवक्ता मथुरा दत्त जोशी, राजेंद्र शाह, अमरजीत सिंह भी मौजूद रहे।
कर्नल कोठियाल की टीम को दी बधाई
देहरादून,28 मई (निस)। उत्तराखण्ड के पौड़ी गढ़वाल से सांसद मेजर जनरल भुवन चन्द्र खण्डूड़ी एवीएसएम (से.नि.) द्वारा निम संस्था के कर्नल कोठियाल एवं उनकी टीम केे द्वारा श्री केदारनाथ धाम मंे अच्छा काम करने तथा यात्रा को सुचारू रूप से चलाने पर बधाई एवं शुभकामनाऐं दी हैं। पौड़ी संासद ने कहा कि श्री केदारनाथ धाम उनके संसदीय क्षेत्र में आता है तथा आपदा से इस क्षेत्र के लोगों को जो पीड़ा पहुची है उसको वह अच्छी तरह महसूस करते हैं। पौड़ी संासद ने कहा कि उन्हें खुशी है कि श्री केदारनाथ धाम की यात्रा में श्रद्वालु आने शुरू हो गये है जिससे यहाॅ के लोगो को पुनः रोजगार के अवसर प्राप्त हो रहे है। उन्होनें श्री केदारनाथ से प्रार्थना की है कि यात्रा पहले की तरह सुचारू रूप से चले तथा अधिक से अधिक श्रद्धालु श्री केदारनाथ धाम के दर्शन करने आयें।
नगर के गरीबों को रोजगार जनित प्रशिक्षण दिलायेंः पंवार
देहरादून,28 मई (निस)। प्रदेश के शहरी विकास, राजीव गांधी शहरी आवास योजना, पशुपालन, मतस्य पालन चारा एवं चारागाह विकास, नागरिक सुरक्षा होमगार्ड एवं जेल मंत्री उत्तराखण्ड सरकार, प्रीतम सिंह पंवार की अध्यक्षता में आज विधानसभा स्थित सभागार में (सूड़ा) राज्य नगरीय विकास अभिकरण की शासी निकाय की समीक्षा बैठक हुई। बैठक में उन्होंने कहा कि स्वर्ण जयन्ती शहरी विकास योजना से नगर के गरीबों को रोजगार वृद्धि हेतु कौशल प्रशिक्षण कराते हुए बाजार की मांग के अनुरूप सम्बन्धित व्यवस्थायों में रोजगार जनित प्रशिक्षण दिलायें। नगरीय मलिन बस्ती वासियों को जन मूल-भूत आवश्यतायें सड़क, पानी, स्ट्रीट लाईट, सीवर, सामुदायिक केन्द्र, प्राभमिक शिक्षा सामुदायिक शौचालय आदि का कार्य बेरोजगार निर्धनों को मजदूरी के रूप में रोजगार देते हुए उपलब्ध कराया जाय। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों से कहा कि नगरीय क्षेत्र में महिलाओं के समग्र एवं सर्वागीण विकास को सुद्वृीकरण करते हुए महिला समूहों की सहभागिता सुनिश्चित करते हुए महिलाओं को लाभान्वित किया जाये। बैठक में उन्होंने कहा कि शहरी गरीबी उन्मूलन के अन्तर्गत सामाजिक संगठन एवं सस्ंथान का विकास करते हुए त्रिस्तरीय सरचंना, स्वयं सहायता समूह, क्षेत्र स्तरीय संघ, नगर स्तरीय संघ निर्माण करवाया जाय। तथा बेरोजगार व अल्प बेरोजगार शहरी गरीबों को बाजार मांगानुरूप रोजगार जनित कौशल विकास प्रशिक्षण दिलाते हुए न्यूनतम 50 प्रतिशत लाभार्थिंयों को प्लेसमेन्ट तथा स्वरोजगार उद्यम में जोड़ने के लिए प्रेरित किया जाये। बैठक मंे सूड़ा के अधिकारियों ने अवगत कराया है कि राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के वर्ष 2015-16 में भारत सरकार को स्वीकृति हेतु भौतिक एवं वित्तिय लक्ष्य भेजे गये है। जिनमें सामाजिक उत्प्रेरक एवं संस्थागत विकास के लिए 320 समूह गठन, जिसका वित्तीय लक्ष्य 150.58 लाख रू0 व्यय होेगा । ई0एस0 टी0पी0 ’’उत्थान ‘‘ के लिये 5600 प्रशिक्षणार्थी लिये जायेंगे जिसमें 844.52 लाख रू0 का व्यय होगा। स्वरोजगार कार्यक्रम हेतु 1000 व्यक्तिगत श्रृण प्रदान करायें जायेंगे जिसमें 46.51 लाख रू0 की धनराशि व्यय होगी। शहरी गरीब आश्रय कार्यक्रम के तहत 14 नये आश्रय निर्माण तथा 2 आश्रय नवीनीकरण करवायें जायेंगे जिसमें 1220 लाख रू0 व्यय होंगे। इसके साथ ही फेरी व्यवसायी सहयोग कार्यक्रम के तहत 6400 फेरी व्यवसायियों को पहचान पत्र दिये जायेंगे एवं 15 वेण्डिगं जोन का निर्माण तथा 3 फेरी बाजार का विकास होगा इसके लिये 307.5 लाख रू0 का व्यय किया जायेगा। बैठक में राजीव आवास योजना की समीक्षा करते हुए बताया गया कि राजीव आवास योजनान्तर्गत प्रदेश में कुल 12 परियोजनायें स्वीकृत की गई है। जो अगस्तमुनि, रूद्रप्रयाग, जोशीमठ, बाजपुर, नैनीताल, सितारगंज, उखीमठ, बड़कोट, भीमताल, केला खेड़ा, शक्तिगढ एवं हरिद्वार में 4132 आवासों का निर्माण कराया जाना है।
बीमा कम्पनी को 5.79 लाख भुगतान का आदेश
उपभोक्ता फोरम ने चोरी की सूचना देने के आधार पर बीमा क्लेम निरस्त करने को माना सेवा मेें कमी
देहरादून,28 मई (निस)। जिला उपभोक्ता फोरम उधमसिंह नगर ने वाहन चोरी होने पर बीमा क्लेम न देने को सेवा में कमी मानते हुये बीमा कम्पनी को 5 लाख 79 हजार रूपये का भुगतान करने का आदेश दिया है। इसमें वाद व्यय रू. 5 हजार भी शामिल है। इसके अतिरिक्त बीमा कम्पनी को 6 प्रतिशत वार्षिक की दर से वाद दायर करने से भुगतान की तिथि तक का ब्याज भी भुगतान करने को आदेशित किया गया है। चोरी की सूचना यू.पी.सी. से देने को भी फोरम ने वैध माना। अखिलेश कुमार की ओर से नदीम उद्दीन एडवोकेट ने जिला उपभोक्ता फोरम उधमसिंह नगर मेें परिवाद दायर करके कहा गया था कि परिवादी ने श्री राम जनरल इश्योरेन्स कं0लि0 से रू. 24438 का प्रीमियम भुगतान करके अपनी कार यू0के006 एन 6838 का बीमा कराया। बीमा अवधि में कार ड्राइवर के घर से सामने से दि0 29-12-2010 को चोरी होने पर पुलिस मेें रिपोर्ट दर्ज करायी गयी तथा बीमा एजेन्ट के बताये फोन नम्बरोें पर सूचना दी लेकिन जब बीमा कम्पनी के किसी अधिकारी या सर्वेयर ने कोई सम्पर्क नहीं किया तो डाक के माध्यम से सूचना दी। बीमा कम्पनी ने चोरी की सूचना 53 दिन देरी से देेने का आरोप लगाते हुये बीमा क्लेम निरस्त कर दिया। बीमा कम्पनी की ओर से तर्क दिया गया कि चोरी की लिखित सूचना पंजीकृत डाक से नहीं दी गयी है इसलिये यह मान्य नहीं है। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष हेतराम तथा सदस्या नरेश कुमारी छाबड़ा ने परिवादी के अधिवक्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट के तर्कों को सुनने के बाद निर्धारित किया कि बीमा कम्पनी द्वारा प्रस्तुत की गयी पालिसी की शर्तों में इस बात का उल्लेख नहीं है कि लिखित सूचना बीमा कम्पनी को कैसे दी जायेगी। जिसका तात्पर्य यह है कि इस शर्त में यह कहीं अंकित नहीं हैै कि ऐसी सूचना पंजीकृत डाक के माध्यम से बीमा कम्पनी को दी जायेगी। इसमें हम कोई ऐसा कारण नहीं पाते है कि यू0पी0सी0 द्वारा प्रेषित सूचना को अवैैध माना जाये या बीमा कम्पनी की शर्त का उल्लंघन माना जाये। फोरम के निर्णय के अनुसार पुलिस रिपोर्ट से इस बात की पुष्टि होती है कि परिवादी का वाहन चोरी हुआ था। अतः परिवादी का दावा स्वीकार करने योग्य था। विपक्षी बीमा कम्पनी नेे बीमा दावा निरस्त करके सेवा में कमी की है। जिला उपभोक्ता फोरम ने वाहन की कीमत रू. 575000 में से एक्सीस क्लाज के 1000 रू. कम करते हुये परिवादी को 5,74000 की धनराशि प्राप्त करने का अधिकारी माना है और इस धनराशि को 30 दिन के अन्दर 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से परिवादी की तिथि से भुगतान की तिथि तक का ब्याज जोड़ते हुये फोरम में जमा करने तथा 5 हजार रू. वाद व्यय भुगतान करने का आदेश बीमा कम्पनी को दिया है।
कूटनीति पहली बार विकास का अंग बनीः सुषमा स्वराज
- -विदेश मंत्री ने कहा, पाकिस्तान से वार्ता के लिए तीन सिद्धांत रखे हैं सरकार ने
- -कहा, मोदी सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल में विश्व में भारत का सम्मान बढ़ा
देहरादून,28 मई (निस)। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि मोदी सरकार ने कूटनीति को विकास से जोड़ा है। पाकिस्तान से वार्ता के लिए भारत सरकार द्वारा तीन सिद्धांत रखे गए हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल में विश्व में भारत का सम्मान बढ़ा है। सुभाष रोड स्थित एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत में कूटनीति पहली बार विकास का अंग बनी है। मोदी सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल में अंतर्राष्ट्रीय जगत में भारत का सम्मान बढ़ा है। एक वर्ष के कार्यकाल के दौरान सरकार के सामने चार बड़ी चुनौतियां आईं, जिनका कि सरकार ने सफलतापूर्वक सामना किया। यूक्रेन, इराक, लीबिया और यमन में गृहयुद्ध के दौरान वहां फंसे भारतीयों को सफलतापूर्वक सुरक्षित निकाला गया। इराक से 7000, लीबिया से 3000 और यमन से 4500 भारतीयों को भारत सरकार द्वारा सुरक्षित निकाला गया। दो कट्टर विरोधी देशों सऊदी अरब और यमन से जब भारत ने इस संकट में बात की तो इन दोनों देशों ने वहां फंसे भारतीयों को निकालने के लिए तीन-तीन घंटे का समय दिया, जिसमें कि सभी भारतीयों को सुरक्षित निकाला गया। उन्होंने कहा कि 33 देशों ने लिखित में भारत से अपने लोगों को वहां से निकालने का अनुरोध किया था, जबकि भारत ने 48 देशों के लोगों को वहां से सुरक्षित निकाला। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के एक वर्ष कार्यकाल में विश्व में भारत का सम्मान बढ़ा है। पाकिस्तान से बातचीत के लिए भारत सरकार ने तीन सिद्धांत रखे हैं। इन तीन सिद्धांतों में शांतिपूर्ण माहौल में वार्ता, वार्ता में किसी तीसरे देश या पक्ष की मध्यस्था स्वीकार नहीं और बम धमाकों के बीच वार्ता नहीं के सिद्धांत शामिल हैं। भारत ने पाकिस्तान को साफ बता दिया है कि वार्ता के लिए शांतिपूर्ण माहौल जरूरी है। सौहार्द्धपूर्ण वार्ता बम धमाकों के बीच नहीं हो सकती, वार्ता के लिए किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्था भारत को बिल्कुल भी स्वीकार नहीं है। इसी तरह के सिद्धांत चीन से वार्ता के लिए रखे गए हैं। उन्होंने कहा कि लोगों ने जिस उम्मीद से मोदी सरकार को चुना था, सरकार उन उम्मीदों को पूरा करने की दिशा में काम कर रही है। सरकार द्वारा हर वर्ग के कल्याण के लिए योजनाएं शुरु की गई हैं। गरीबों के लिए प्रधानमंत्री दुर्घटना बीमा योजना, पीएम जीवन बीमा योजना, कौशल विकास योजना, अटल पेंशन योजना समेत कई लोककल्याणकारी योजनाएं केंद्र सरकार द्वारा शुरु की गई हैं। देश में जन-धन योजना शुरुकर सरकार ने एक वर्ष में हर घर का खाता खोलने का कार्य किया है। सरकार द्वारा जनांदोलन के तहत खाता खोलने का कार्य किया गया है। प्राकृतिक आपदा से किसानों को होने वाले नुकसान से निपटने के लिए केंद्र सरकार द्वारा मुआवजा के मानकों को आसान किया गया है। पहले फसल को 50 प्रतिशत नुकसान होने पर किसान को मुआवजा मिलता था, अब सरकार 33 प्रतिशत नुकसान पर भी मुआवजा दे रही है। मुआवजा राशि में भी डेढ़ गुना बढ़ोत्तरी की गई है। छोटे व्यापारियों के लिए मुद्रा बैंक की स्थापना की गई है। मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा केंद्र सरकार पर लगाए जा रहे इस आरोप कि केंद्र सरकार द्वारा राज्य के बजट में की गई कटौती से प्रदेश को 3300 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है पर विदेश मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह आरोप सत्य से परे है। केंद्र सरकार ने खनिजों की नीलामी से राज्य को मिलने वाले 32 प्रतिशत राजस्व को बढ़ाकर 42 प्रतिशत कर दिया है। जीएसटी शुरु होने से राज्यों को और अधिक लाभ होगा। उन्होंने कहा कि ग्र्रीन बोनस के मामले में सरकार शीघ्र कार्यवाही करने जा रही है, इसका सबसे अधिक लाभ उत्तराखंड को होगा। पत्रकार वार्ता में सांसद डा. रमेश पोखरियाल निशंक, माला राज्य लक्ष्मी शाह, राज्यसभा सांसद तरूण विजय, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत भी मौजूद रहे।
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