दून क्लब में महिला की इज्जत पर हमला. शिकायत पर क्लब प्रबंधन ने नहीं लिया सख्त एक्शन
- दिल्ली निवासी महिला के साथ वेटर ने की छेड़छाड़, महिला ने मेल से की मामले की क्लब से शिकायत
- क्लब ने वेटर को निलंबित कर मामले से झाड़ा पल्ला
देहरादून,29 मई (निस)। शहर की शान माने जाने वाले दून क्लब में एक महिला के साथ छेड़छाड़ जैसा गंभीर मामला सामने आया है। अहम बात यह है कि क्लब प्रबंधन ने महिला की शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज कराने की बजाय छेड़छाड़ करने के आरोपी एक वेटर को निलंबित करके मामले से पल्ला झाड़ लिया। पिछले कई रोज से यह मामला क्लब मेंबरों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। सूत्रों ने बताया कि कुछ रोज पहले दिल्ली की रहने वाली संभ्रात परिवार की एक महिला दून क्लब के एक कमरे में रुकी थी। बताया जा रहा है कि रात को लगभग एक बजे क्लब के एक वेटर ने महिला के कमरे में घुसकर छेड़छाड़ का प्रयास किया। बताया जा रहा है कि महिला ने कमरे का दरवाजा बंद कर लिया तो वेटर ने दरवाजे को तोड़ने की कोशिश भी की। बताया जा रहा है कि इस वारदात के कुछ समय बाद महिला वापस दिल्ली चली गई। सूत्रों ने बताया कि संभ्रात परिवार की इस महिला ने दिल्ली जाकर क्लब प्रबंधन समिति को इस बारे में एक मेल भेजा और पूरे प्रकरण की सूचना दी। मेल मिलते ही प्रबंध समिति में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में मामले की जांच के लिए एक इंटरनल कमेटी भी बना दी गई। सूत्रों का दावा है कि इस कमेटी ने भी महिला की शिकायत को सही पाया है। इसके बाद प्रबंधन ने आरोपी वेटर को निलंबित कर दिया है। यह मामला क्लब के मेंबरों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। धीरे-धीरे यह वारदात अन्य लोगों तक भी पहुंच रही है। ऐसे में सवाल यह खड़ा हो रहा है कि महिला के साथ छेड़छाड़ करने वाले के खिलाफ कोई सख्त एक्शन क्यों नहीं लिया गया। लोगों का कहना है कि अगर दून क्लब जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में महिलाएं सुरक्षित नहीं रह सकती तो अन्य स्थानों के बारे में कहा भी क्या जा सकता है।
खनन, खनन और अवैध खनन! माफिया के हौसले बुलंद, थम नहीं रहे अफसरों पर हमले
- सियासी संरक्षण के सामने मौन साध रहे हैं अफसर. उत्तराखंड को कहीं मिल न जाए खनन प्रदेश का दर्जा
देहरादून,29 मई (निस)। सूबे में हर ओर से बस ही आवाज सुनाई दे रही है खनन, खनन और अवैध खनन। फिल्मी अंदाज में रोजाना किसी न किसी अफसर पर हमला हो रहा है और अफसर ऊपर वालों की वजह से बेबसी के चलते जुबां तक खोलने को तैयार नहीं हैं। सबसे ज्यादा अवैध खनन का हल्ला ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार में हो रहा है। अगर यह हाल रहा है तो आने वाले समय में इस प्रदेश का नाम अवैध खनन प्रदेश ही पड़ जाए तो किसी को आश्चर्य नहीं होगा। हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और देहरादून जिले के कई हिस्सों में अवैध खनन सरेआम चल रहा है। सियासी संरक्षण के चलते अवैध खनन करने वालों के हौंसले बुलंद हैं। रोकने की कोशिश करने वाले अफसरों पर या तो हमला किया जा रहा है या फिर दबंगई करके अवैध खनन के माल से भरे वाहन छुड़ाए जा रहे है। माफिया को इतने से भी शांति नहीं मिल रही है तो अफसरों का तबादला करवा दिया जा रहा है। अभी हाल में ही महिला आईपीएस का विकासनगर से तबादला इसी कड़ी में देखा जा रहा है। बाजपुर में महिला आईएफएस कल्याणी पर हमले का मामला अभी ठंडा भी नहीं हो पाया था कि दो रोज पहले सुल्तानपुर पट्टी में पुलिस चैकी इंचार्ज से खनन का माल भरे वाहन छुड़ा लिए गए। विगत गुरुवार को ऊधमसिंह नगर के सितारगंज इलाके में अवैध खनन को रोकने गए एएसपी टीडी बेला और एसडीएम की टीम को कुचलने का प्रयास किया गया। टीम ने दबाव बनाकर किसी तरह से 22 वाहनों को सीज कर दिया। अहम बात यह भी है कि इस मामले में एएसपी या फिर एसडीएम की ओर से किसी के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं कराया गया। आलम यह है कि ये अफसर इस हमले की बात को जुबां पर लाने तक के लिए तैयार नहीं है। बताया जा रहा है कि माफिया ने पूरे मामले की जानकारी देहरादून में बैठे अपने आका को दी तो आका की ओर से अफसरों को नसीहत भरे अंदाज में समझा दिया गया। हरिद्वार जिले का मामला तो और भी अजीब है। यहां भी सरेआम खनन हो रहा है। मातृ सदन के स्वामी शिवानंद इसे बंद कराने पर आमादा हैं तो जिला प्रशासन इसे किसी भी दशा में रोकने को तैयार नहीं है। चार रोज पहले तप पर बैठे स्वामी शिवानंद की हालत बिगड़ी तो हरिद्वार के डीएम हरीश चंद्र सेमवाल ने रात को दो बजे खनन बंद करने का सहमति पत्र उनके पास भिजवाया। इस पर संत ने जल ग्रहण कर लिया तो अगले रोज ही फिर से खनन शुरू कर दिया गया। यह स्थिति उस वक्त है, जबकि खुद मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गंगा के जल को घाटों तक लाने का काम रोकने का आदेश दिया था। यहां बता दें कि जल को घाटों के नजदीक लाने के नाम पर ही हरिद्वार में अवैध खनन के जरिए गंगा का सीना छलनी किया जा रहा है। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि आखिर सूबे में हो रहे इस अवैध खनन को किसका सरंक्षण मिला हुआ है। माफिया का तंत्र पुलिस से ज्यादा मजबूत हो रहा है। पुलिस टीम कब कहां जाने वाली है, इसकी सूचना माफिया तक तत्काल पहुंच रही है और माफिया अपने आका से बात करके पुलिस टीम के पहुंचने से रोकने में कामयाब हो रहा है। जाहिर है कि इन हालात में इस देवभूमि को अवैध खनन प्रदेश के रूप में जाना जाने लगे तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
क्या हाईकोर्ट को मिलेगी सही तस्वीर
अवैध खनन के एक मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने डीजीपी और डीआईजी की जमकर क्लास ली थी। अफसरों ने कुछ कहना चाहा तो हाईकोर्ट ने महिला आईएफएस कल्याणी पर हमले का मुद्दा उठाया। इस पर सरकार की ओर से महाधिवक्ता यूके उनियाल ने खंठपीठ से कुछ समय मांगा और कहा कि अगली तारीख से पहले राज्य में खनन के मामले की पूरी तस्वीर और उसे रोकने की योजना पेश की जाएगी। अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि जब माफिया की पकड़ ऊपर तक है तो क्या महाधिवक्ता खनन की सही तस्वीर हाईकोर्ट की खंडपीठ के सामने रख पाएंगे।
पी.पी. मोड में अस्पतालों को दे कर सरकार कर रही उŸाराखण्ड की जनता से खिलवाड़: सतपाल महाराज
देहरादून,29 मई (निस)। पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं भाजपा राश्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सतपाल महाराज ने आज एक बयान में कहा कि प्रदेष के सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों को पी.पी. मोड में देकर सरकार कर रही है राज्य की जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के आॅडिट में भी यह बात सामने आ गई है। जनता के लिए कल्याणकारी योजनाएं तो सरकार ला नहींे रही अपितु पहले से चल रही योजनाओं को भी निजी हाथों में दे सरकार राज्य की जनता का हक उनसे छीन रही है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री महाराज ने आगे कहा कि उŸाराखण्ड राज्य सैनिक बहुल राज्य है जहां के ज्यादातर युवा रक्षा सेवाओं में समायोजित हैं। ऐसे में अपने पोस्टिंग स्थल पर जाते हुए वे अपने वृद्ध मां-बाप को घर पर छोड़ कर जाते हैं परन्तु राज्य में सरकार द्वारा स्वास्थ्य केन्द्रों को पी.पी. मोड में देने से उन्हें उपचार नहीं मिल रहा हालात यह हैं कि दवाईंया जो निःषुल्क मिलनी चाहिए थी वह बाजार से खरीदनी पड़ रही है, पैथोलाॅजिकल टेस्ट के लिए भी बाहर भुगतान करना पड़ रहा है। ठेकेदार तन्ख्वाह तो 12 डाक्टरों की ले रहें हैं और काम 3 डाॅक्टर ही कर रहे हैं। ऐसे में गरीब आदमी को उपचार नहीं मिल पा रहा वे अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। भाजपा राश्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सतपाल महाराज ने कहा कि सरकार जन कल्याण के लिए होती है, मलाई खाने के लिए नहीं पर प्रदेष की सरकार को तो मलाई से मतलब है जनकल्याण से उसका कोई सरोकार नहीं। उन्होंने कहा कि क्या मुूख्यमंत्री सरकार को भी पी.पी. मोड पर चलायेंगे।
रिटायरमेंट की आयु सीमा 60 वर्ष से बढाकर 62 वर्ष करने पर बढेगी बेरोजगारी
देहरादून,29 मई (निस)। राज्य सरकार द्वारा रिटायरमेंट की आयु 60 वर्ष से बढाकर 62 वर्ष किये जाने पर चिन्ता व्यक्त की गयी। अधिकांष वक्ताओं का कहना था सरकार के इस कदम से बेरोजगारी को बढ़ावा मिलेगा। उत्तराखण्ड विद्युत कर्मचारी संविदा संगठन केे एक चर्चा के दौरान वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि राज्य में लगातार बेरोजगार युवक व युवतियों की संख्या बढती जा रही है, जिससे रिटायरमेंट की आयु सीमा 60 वर्ष से बढाकर 62 वर्ष किये जाने से प्रदेश में और अधिक बेरोजगारी बढ जायेगी तथा राज्य सरकार पर वित्तीय भार भी बढ जायेगा। जहां राज्य के विभिन्न विभागों व निगमों में लगभग 18000 कर्मचारी उपनल के माध्यम से संविदा पर कार्य कर रहे हैं, तथा अपने कार्य को पूर्ण निष्ठा एवं ईमानदारी से प्रदेश हित में कर रहे हैं लेकिन सरकार उनको नियमित करने के बजाय इस तरह के निर्णय लेने में रूची दिखा रही है जो कि पूर्ण रूप से कर्मचारी विरोधी है। इससे यह प्रतीत होता है कि सरकार किसी खास वर्ग के कर्मचारियों को खुश रखने के लिए ऐसा कदम उठा रही है। बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि यदि राज्य सरकार रिटायरमेंट की आयु 60 वर्ष से बढाकर 62 वर्ष करती है तो संगठन उसका पुरजोर विरोध करेगा, क्योंकि इस निर्णय से रोजगार के अवसरों पर विराम लग जायेगा। इस सम्बन्ध में संगठन का प्रतिनिधि मण्डल शीघ्र ही मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड सरकार से भी मुलाकात कर संगठन की अन्य मांगो से भी अवगत करायेगा। बैठक में विनोद कवि, अनिल नौटियाल, घनश्याम शर्मा, निरज उनियाल, पदमिनी, संगीता, स्वाती आदि उपस्थित थे।
भाजपा नेताओं तथा केन्द्र सरकार के इशारे पर किसानों का उत्पीड़न
- पदार्था फूड पार्क गोलीकाण्ड की जांच एसआईटी से कराने की मांग
देहरादून,29 मई (निस)। रामदेव के पातंजलि योगपीठ के पदार्था फूडपार्क में हुई घटना के विरोध में प्रदेश कांग्रेस आई.टी प्रकोष्ठ के संयोजक सरदार अमरजीत सिंह के नेतृत्व में दिलाराम चैक से कचहरी तक रैली निकाल कर जिलाधिकारी देहरादून के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन में कांग्रेसजनों ने कहा है कि पदार्था में जो दुःखद घटना घटी हम उसकी कड़े शब्दों में निन्दा करते हैं। रामदेव की देखरेख में उनके सुरक्षा कर्मियों द्वारा जिस प्रकार एक व्यक्ति की गोली मार कर निर्मम हत्या कर दी गई, एक गम्भीर मामला है। रामदेव द्वारा स्थानीय किसानों की कृषि भूमि कौडियों के भाव खरीद कर उन्हें पातंजलि संस्थान में रोजगार देने की बजाय बाहरी लोगों को रोजगार दिया जा रहा है। कृषि भूमि जाने के बाद स्थानीय किसान का रोजगार छिन गया है। जब स्थानीय लोगों द्वारा शांतिपूर्ण आन्दोलन चलाकर माल ढुलाई के लिए स्थानीय ट्रांस्पोटरों को काम देने की मांग की गई तो फूडपार्क के संचालक रामदेव के भाई रामभरत द्वारा उन पर गोली चलवाई गई, लाठी डण्डे बरसाये गये जिससे एक व्यक्ति की मौके पर मौत हो गई। रामदेव ने विगत लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में मतदान के लिए जनता को प्रेरित किया तथा अब भाजपा नेताओं तथा केन्द्र सरकार के इशारे पर किसानों का उत्पीड़न कर रहे हैं। रामदेव एवं उनके सहयोगियों के इस कृत्य पर यदि रोक नहीं लगाई गई तो भविष्य में बड़ी घटना घट सकती है। कांग्रेसजनों ने मांग की कि पदार्था फूड पार्क गोली काण्ड में मारे गये व्यक्ति के परिजनों को पातंजलि योगपीठ से 25 लाख रूपये का मुआबजा दिलवाया जाय तथा पदार्था फूड पार्क गोलीकाण्ड की जांच एसआईटी से कराते हुए गहन तलाशी लेकर इस पार्क के अन्दर निवास कर रहे सभी व्यक्तियों की जांच करने के साथ-साथ इस पार्क में अवैध हथियारों की खोजबीन की जाय। पदार्था फूड पार्क गोलीकाण्ड के मुख्य जनक रामदेव व उनके अन्य सहयोगियों को गिरफ्तार किया जाय तथा स्थानीय लोगों को पातंजलि योगपीठ में अनिवार्य रूप से 70 प्रतिशत रोजगार का प्रावधान किया जाय तथा स्थानीय ट्रास्पोर्टरों को ही माल ढुलाई का कार्य दिया जाय।
ज्योोतिर्मठ आश्रम पर शंकराचार्य कर रहे हैं कब्जे का दुष्प्रयासः अजेन्द्र
देहरादून,29 मई (निस)। भाजपा नेता व पूर्व दायित्वधारी अजेन्द्र अजय ने शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के उस बयान को आपत्तिजनक बताया है, जिसमें उन्होंने नैतिकता के आधार पर शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती महाराज को जोशीमठ स्थित आश्रम को खाली करने को कहा है। उन्होंने स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती को पुख्ता सुरक्षा दिए जाने की मांग करते हुए इस सम्बन्ध में दूरभाष पर चमोली के पुलिस अधिक्षक सुनील कुमार मीणा से आवश्यक कदम उठाने की मांग की है। अजेंद्र ने कहा कि वर्तमान में स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती और स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती दोनों जोशीमठ के प्रवास पर हैं। शंकराचार्य पद को लेकर निचली अदालत के फैसले के खिलाफ स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती द्वारा इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अपील की गयी है। मामला न्यायालय में विचाराधीन है। मगर स्वामी स्वरूपानंद और उनके समर्थक अनर्गल बयानबाजी कर माहोल को तनावपूर्ण बनाने की कोशिशों में लगे हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया की कांग्रेस समर्थित स्वामी स्वरूपानंद लगातार विवादों को जन्म देते रहे हैं और उनके द्वारा कुछ वर्ष पूर्व ज्योतिर्मठ पर कब्जे का दुष्प्रयास भी किया जा चुका है। हालांकि, उनका दुष्प्रयास तब विफल साबित हो गया था। इसके अलावा स्वामी स्वरूपानंद ने केदारनाथ धाम में स्फटिक शिवलिंग की स्थापना का भी दुष्प्रयास किया था। तब भी उनको मुंह की खानी पड़ी थी।
समाज विकास में पत्रकारिता का उल्लेखनीय योगदानः सीएम
देहरादून,29 मई (निस)। भारतीय लोकतंत्र में हिन्दी पत्रकारिता का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। हिन्दी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि लोकतंत्र के चतुर्थ स्तम्भ पत्रकारिता ने देश की राजनीति के साथ ही आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक आदि विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है। वैश्विकरण व सूचना प्रौद्योगिकी के दौर में भी हिन्दी पत्रकारिता पीछे नहीं रही है। देश व समाज पर इसका बहुआयामी प्रभाव देखा जा सकता है। उत्तराखण्ड में हिन्दी पत्रकारिता का स्वर्णिम इतिहास रहा है और यहां के पत्रकारों ने आजादी के आन्दोलन से लेकर उत्तराखण्ड राज्य प्राप्ति आन्दोलन में भी अपनी लेखनी से जनजागरण का महान कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर शुभकामना देते हुए कहा कि पत्रकारों पर जहां अपनी लेखनी के माध्यम से शासन के समक्ष जनसरोकारों से जुड़ी समस्याओं को रखने का महत्वपूर्ण दायित्व है, वहीं अपनी विश्वसनीयता को बनाए रखने की भी चुनौती है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया है कि हिन्दी पत्रकारिता 21वीं सदी की चुनौतियों का बखूबी सामना करेगी, विशेषकर राष्ट्र को महाशक्ति के रूप में प्रतिष्ठित करने में पत्रकार महत्वपूर्ण योगदान करेंगे।
तीन लाख श्रद्धालु पहुंचे चारधाम यात्रा पर
देहरादून,29 मई (निस)। प्रदेश में चल रही चार धाम यात्रा में गुरूवार शाम तक लगभग 3 लाख 9 हजार 9 सौ तीस श्रद्धालुओं ने यात्रा का लाभ प्राप्त किया है। यात्रा एडमिनिस्ट्रेशन आॅर्गेनाइजेशन, ऋषिकेश से प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरूवार 28 मई को चारों धामों में कुल 11707 श्रद्धालुओं ने दर्शन किये, जिसके अंतर्गत गंगोत्री धाम में 2794, यमुनोत्री धाम में 1776, केदारनाथ धाम में 2061 तथा बदरीनाथ धाम में 5076 श्रद्धालुओं ने दर्शन किये। प्राप्त जानकारी के अनुसार यात्रा आरम्भ होने से गुरूवार शाम तक लगभग 3 लाख 9 हजार 9 सौ तीस श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुॅचे, जिसके अंतर्गत गंगोत्री धाम में 64014, यमुनोत्री धाम में 56207, केदारनाथ धाम में 66722 तथा बदरीनाथ धाम में 122987 श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुॅच चुके हैं।
राज्यपाल ने किया 13वें गवर्नर्स कप गोल्फ टूर्नामेंट 2015 का शुभारंभ
देहरादून,29 मई (निस)। उत्तराखण्ड के राज्यपाल डा0 कृष्ण कांत पाल ने आज प्रातः 7.30 बजे टी-आॅफ शाॅट खेलकर तीन दिवसीय ‘गवर्नर्स कप गोल्फ टूर्नामेंट, 2015’ का शुभारंभ किया। राजभवन नैनीताल के नैसर्गिक सौंदर्य व आकर्षक परिवेश में आयोजित इस 13वें टूर्नामेंट का औपचारिक शुभारंभ करने के उपरान्त राज्यपाल ने कहा- ‘‘नैनीताल जैसे खूबसूरत शहर में टूर्नामेंट का आयोजन करने के पीछे नैनीताल को गोल्फ के लिए सर्वश्रेष्ठ गंतव्य स्थल के रूप में राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का प्रयास है जो राज्य के पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा देने में मददगार होगा। इससे प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार सृजन तथा आर्थिकी विकास में भी वृद्धि होगी। राज्य में पर्यटन के विकास व विस्तार की अपार सम्भावनायें हैं जिनके लिए बुनियादी सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण के साथ ही व्यापक प्रचार-प्रसार की भी जरूरत है। राजभवन गोल्फ कोर्स की लोकप्रियता के दृष्टिगत भविष्य में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का टूर्नामेंट आयोजित करने पर भी विचार किया जा रहा है।’’ राज्यपाल ने बताया कि गोल्फ के शौकीन स्थानीय स्कूलों के विद्यार्थियों को इस गोल्फ कोर्स मंे प्रशिक्षण की सुविधा दी जा रही है। सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए निःशुल्क प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है। इस टूर्नामेंट में, 94 वर्षीय वरिष्ठ अनुभवी गोल्फर स्क्वाड्रन लीडर डी.एस.मजीठिया तथा सबसे कम उम्र के गोल्फर 7 वर्षीय आर्यमन की प्रतिभागिता साबित कर रही है कि यह खेल हर आयु वर्ग के शौकीनों को आकर्षित करता है। टूर्नामेंट में देश के विभिन्न क्षेत्रों से आये शौकीन गोल्फर्स के साथ ही नैनीताल के 20 खिलाडि़यों सहित पहले दिन 48 खिलाड़ी खेल रहे हैं सभी को 18 होल्स खेलने होंगे। इस उद्घाटन सत्र में राज्यपाल के सचिव अरूण ढ़ौडि़याल, राज्यपाल के विधि परामर्शी विवके भारती, कुमायूँ मण्डलायुक्त ए.एस.नयाल, जिलाधिकारी नैनीताल दीपक रावत, एस.एस.पी सैंथिल अबुदई, राज्यपाल के ए.डी.सी.(पी.) व गोल्फ क्लब के सचिव डा0 वाई.एस. रावत, दूसरे ए.डी.सी जन्मेजय खण्डूरी, गोल्फ कैप्टन कर्नल (रिटायर्ड) हरीश साह, सहित अनेक विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ प्रतिनिधि, गोल्फर्स, अनेक विशिष्ट महानुभाव तथा मीडिया के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
विशेष राज्य के दर्जे को बरकरार रखने की पैरवी करें स्वराजः सीएम
- मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की तारिफ की
देहरादून,29 मई (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केन्द्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को एक गंभीर एवं वरिष्ठ मंत्री व सम्मानित नेता बताते हुए कहा कि मैं उन्हंे अत्यंत गंभीरता से लेता हूं। भाजपा के प्रदेश नेताओं द्वारा उनके समक्ष राज्य के आर्थिक व अन्य पक्षों को न रखने के कारण ही मुझ पर उन्हांेने कुछ आक्षेप लगा दिया है। सीएम ने श्रीमती स्वराज द्वारा राज्य को ग्रीन बोनस व हिमालयन राज्यों के वाजिब हकों की बात करने पर आभार प्रकट किया। मुख्यमंत्री ने श्रीमती स्वराज से आग्रह किया है कि वे उŸाराखण्ड के विशेष राज्य के दर्जे को बरकरार रखने की पैरवी केंद्र से करें। सीएम ने कहा कि उत्तराखण्ड को महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, गोवा, हरियाणा आदि राज्यों के समकक्ष नहीं रखा जा सकता है। केन्द्रीय करों के रूप में इन संपन्न राज्यों से अधिक कर राजस्व प्राप्त होता है जबकि उत्तराखण्ड एक नवोदित राज्य है व हिमालयन राज्यों में आय के संसाधन कम होने के वजह से लगभग 65 प्रतिशत भूभाग वनों से आच्छदित होने के कारण हमारे राज्यों में आय के स्त्रोत सीमित हैं। हमारा राज्य सम्पन्न राज्यों के मुकाबले में बिना केन्द्रीय उदार सहायता के आगे बढ़ने में उतना सक्षम नहीं हो सकता, उन्होंने केन्द्रीय मंत्री से यह भी आग्रह किया कि भारत के संघीय व्यवस्था में और प्रधानमंत्री मोदी की टीम इंडि़या के पार्टनर के रूप में हमारे राज्य को पूर्व की भांति ही केन्द्र से विशेष राज्य के दर्जे के तहत मिलने वाले 90ः10 के अनुपात में आर्थिक सहायता प्राप्त होनी चाहिए।मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने यदि राज्य से सम्बंधित सभी तथ्य केन्द्रीय मंत्री के समक्ष रखे होते तो अभी तक राज्य को विभिन्न मदों में काफी आर्थिक सहायता प्राप्त हो जाती। केन्द्रीय बजट में आठ परियोजनाओं को केंद्रीय सहायता से पूर्णतः मुक्त कर दिया गया है । 24 योजनाओं में फंडिंग पैटर्न बदला गया। मुख्यमंत्री ने कहा है कि सुषमा स्वराज राष्ट्रीय स्तर की नेता है, वरिष्ठम मंत्री में से एक है मैं उन्हे बहुत गंभीरता से लेता हूं, परन्तु विनम्रतापूर्वक यह भी अवगत कराना चाहता हूं कि पुलिस आधुनिकरण हेतु गत वर्ष लगभग 24 करोड रूपए प्राप्त हुए। पिछले पांच वर्षो में लगभग 110 करोड रूपए पुलिस आधुनिकरण हेतु राज्य को प्राप्त हुए। जबकि इस वर्ष अभी तक केन्द्र से कोई भी धनराशि इस मद में नहीं मिली है। इसी प्रकार जेल आधुनिकरण हेतु केन्द्रीय गृह मंत्री द्वारा धन आवंटन दिया गया था लेकिन अभी तक कोई धनराशि नही मिली। वर्ष 2010 में आयोजित कुंभ के लिए केन्द्र सरकार से 1000 करोड़ की धनराशि प्राप्त हुई थी। वर्ष 2016 में आयोजित होने वाले अर्द्धकुंभ के लिए विगत एक वर्ष से केंद्र सरकार से अनुरोध करने के बावजूद अभी तक कोई धनराशि नहीं मिली है जबकि अर्धकुंभ मेला देश एवं दुनिया की अस्मिता से जुड़ा हुआ है। प्रदेश में किसानों की स्थिती किसी से छिपी से नहीं है। राज्य अतिवृष्टि से प्रभावित हुआ है। गन्ना मूल्य भुगतान के लिए केन्द्र से बार-बार धनराशि की मांग की गई लेकिन कोई सकारात्मक रेस्पोन्स नहीं मिला। हमारी सरकार जब केन्द्र में थी उस समय चीनी का दाम लगभग 3200 रूपए प्रति क्विंटल था और किसानों को तुरन्त राहत देने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा 6600 करोड़ का विशेष पैकेज दिया गया जबकि प्रदेश सरकार द्वारा मांग करने के बावजूद किसानो एवं गन्ना उत्पादकों के लिए कोई राहत नहीं दी गई है हां बैठकांे का दौर लगातार जारी है नतीजा शून्य है। परिवर्तित हिस्सेदारी के साथ जारी योजनाओं में पशुधन विकास, एकीकृत बागवानी विकास मिशन, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, राष्ट्रीय पशुधन मिशन, राष्ट्रीय वाहनीय कृषि विकास मिशन, डेयरी विकास अभियान, पशु चिकित्सा सेवा और पशु स्वास्थ्य, राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम, स्वच्छ भारत अभियान (ग्रामीण और शहरी), राष्ट्रीय वानिकी कार्यक्रम, राष्ट्रीय जल-पारिस्थितिकी-प्रणाली योजना (एनपीसीए), राष्ट्रीय एड्स तथा एसटीडी कार्यक्रम, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, राष्ट्रीय शहरी पशुधन मिशन (एनयूएलएम), राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए), राज्य उच्च शिक्षा के लिए कार्यनीतिक सहायता-राष्ट्रीय उच्च शिक्षा अभियान (आरयूएसए), न्यायपालिका के लिए अवसंरचना विकास, राष्ट्रीय भू-रिकार्ड आधुनिकीकरण कार्यक्रम, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम), ग्रामीण आवास सबके लिए घर, समेकित बाल विकास सेवा, राजीव गांधी खेल अभियान (आरजीकेए) पूर्व में पंचायत युवा क्रीड़ा और खेल अभियान (पीवाईकेकेए), पीएमकेएसवाई (वाटरशेड और लघुसिंचाई कार्यक्रमों सहित), एआईबीएफएमपी के मूल्यांकन अध्ययनों का प्रभाव शामिल हैं। केंद्रीय सहायता से पूर्णतया मुक्त योजनाओं में राष्ट्रीय ई-शासन योजना, पिछड़ा अनुदान कोष, पुलिस बलों का आधुनिकीकरण, राजीव गांधी पंचायत सशक्तिकरण अभियान (आरजीपीएसए), निर्यात अवसंरचनाओं के विकास के लिए राज्यों को केंद्रीय सहायता की योजनाएं, 6000 मॉडल स्कूलों की स्थापना के लिए योजना, राष्ट्रीय खाद्य प्रसंस्करण मिशन और पर्यटन अवसंरचना योजना शामिल हैं।
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