पटना, 26 जून, 2015, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिवमंडल सदस्य अखिलेख कुमार और राज्य कार्यकारिणी सदस्य गिरिजानंदन सिंह के नेतृत्व में एक जाँच दल आज घटनास्थ्ल जहानाबाद के जाफरगंज में पैदा हुए तनाव क्षेत्र का दौरा कर वापस आने पर घटना के संबंध में बताया है कि जाफरगंज के उत्तर नदी के किनारे स्व. मुस्लिम राइन के परिवार की रैयती जमीन है। इस परिवार ने अपनी जमीन जिसका खाता संख्या 365/25 खेसरा सं॰- 2209/977 है को जोतने-कोड़ने के लिए गांव के ही मो॰ कैसर राइन को दिया। साथ ही यह भी निदेष दिया था कि इसकी आमदनी का एक हिस्सा मस्जिद को भी दिया जाय। कुछ सालों तक ठीक-ठाक चला। बाद में कैसर मस्जिद का हिस्सा देना बंद कर दिय।
उन्होंने बताया कि मस्जिद कमिटी ने कैसर राइन से उक्त जमीन लेकर उस पर कब्रिस्तान बनाने का फैसला किया और प्रषासन को सूचित कर जमीन की मापी कराई गई। मो॰ कैसर को लगा कि वह इस जमीन से बेदखल हो रहा है, तो उसने दुसरे समुदाय को गलत सूचना देकर उन्हें भड़काने की कोषिष की । जब इससे भी बात नहीं बनी तो वह विष्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल से मिलकर इसे साम्प्रदायिक रंग देने का कार्य किया। फलस्वरूप रोड़ेबाजी, नारेबाजी हुए और शरारती तत्वों को गिरफ्तार कर ले जा रही पुलिस प्रषासन पर हमले हुए तथा गोलीबारी की घटना घटी।
जाँच दल ने बताया कि प्रषासन यदि मुस्तैदी दिखाता तो इस घटना को टाला जा सकता था। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी जाँच दल की यह समझ है कि भाजपा एवं संघ परिवार की सोची समझी साजिष का परिणाम है जहानाबाद की घटना । भूमि विवाद से जिनका कुछ लेना-देना नहीं था, उन्होंने जान-बुझकर स्थिति को बिगाड़ने की कोषिष की।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जाँच दल ने मांग की है कि ऐसे लोगों को चिन्हित कर उन्हें गिरफ्तार किया जाय, घटना स्थल पर पुलिस बल तैनात कर दहषत के वातावरण को खत्म किया जाए, भूमि विवाद का निपटारा किया जाए ताकि आगे किसी तरह का विवाद पैदा न हो। अंत में दोनों पक्षों से जाँच दल ने अपील किया है कि अफवाहों पर ध्यान न दें तथा शांति बनाए रखें।
जाँच दल में अखिलेख कुमार और गिरिजानंदन सिंह समेत भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी जहानाबाद जिला सचिव अम्बिका प्रसाद, चन्द्रमणि प्रसाद, आफताब आलम कादरी, डा॰ नरेन्द्र शर्मा, रविन्द्र कुमार, अनिल कुमार, महावीर प्रसाद रमेष प्रसाद शामिल थे।
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