बिहार : भोले -भाले लोगों को चूना लगाने वाले गिरोह सक्रिय - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 26 जून 2015

बिहार : भोले -भाले लोगों को चूना लगाने वाले गिरोह सक्रिय

  • गिरोह के झांसे में आ गयी ए.एन.एम.दीदी
  • सोने के बिस्कुट के बदले में दीदी रिंग थमा दी

gold fraud in bihar
पटना। राजधानी में इन दिनों कथित सोने के बिस्कुट थमाने के बाद बदले में मोटी रकम हथियाने वाले गिरोह सक्रिय हो गए हैं। ऐसे गिरोह के निशाने पर भोले-भाले लोग हैं। मास्टर माइंड गिरोह के सदस्य टेम्पू पर बैठकर यात्री को जाल में फांसते हैं। इस बार प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की एक ए.एन.एम.दीदी गिरोह के जाल में फंसकर हाथ की उंगली के रिंग गंवा बैठी। 

हुआ यह कि फुलवारीशरीफ के पास पहले से ही अंजान लोग टेम्पू पर बैठे थे।कोई तीन-चार की संख्या में मेल गिरोह के सदस्य बैठे थे। टेम्पू पर जगह रहने के कारण प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की ए.एन.एम.दीदी टेम्पू पर आकर बैठ गयीं।उस टेम्पू में अकेली महिला थीं। अकेली महिला को देखकर गिरोह के लोग सक्रिय हो गए। अपने जाल में महिला को फंसाने के लिए उस्तादी करने लगे। गुमसुम अवस्था में ए.एन.एम.दीदी बैठी थीं। उसको विश्वास में लेने के लिए बातचीत करने का प्रयास करने लगे।

इस बीच उन्हीं में से एक शख्स ने दीदी के सामने ही एक सोने के बिस्कुट गिरा दिया। कुछ देर के बाद टेम्पू को रूकवाकर गिरोह के अन्य सदस्य सोने के बिस्कुट लेकर उतर गया। उसके उतरते ही तत्क्षण ही एक अन्य व्यक्ति ने ए.एन.एम.दीदी से पूछ बैठा कि यहाँ पर कुछ चीज गिर गयी थी।सो वह चीज कहाँ है? दीदी बोली कि जो टेम्पू से उतरा है। वही व्यक्ति चीज लेकर उतर गया है। ए.एन.एम.दीदी के कहने पर टेम्पू को रूकवाकर गिरोह के सदस्य उतरकर व्यक्ति को पकड़कर टेम्पू पर बैठा लेते हैं।

इसके बाद टेम्पू पर बैठे लोग सोने के बिस्कुट के बारे में चर्चा करने लगे और आपस में वितरण करने लगे। आपस में ही बोलने लगे कि सोने के बिस्कुट में हिस्सेदारी महिला की भी होनी चाहिए। एक सोने की बिस्कुल की कीमत 10 हजार रू. लगाने लगे। आपस में लेनदेन करने के बाद महिला से पूछा गया कि आप एक सोने के बिस्कुट ले लें। इसकी कीमत दे दीजिए। इस पर ए.एन.एम.दीदी ने कहा कि मेरे पास केवल 2 सौ रूपए हैं। इसी रकम से एक सोने के बिस्कुट दे दें। इस पर गिरोह के सदस्य सहमत नहीं हुए। आप कान की बाली दे दें। यह बहुत भारी और मंहगी है। सो आप हाथ की उंगली के रिंग दे दें। इस पर सहमति बन गयी। दीदी ने हाथ की उंगली के रिंग दे दी। इतना करने के बाद ए.एन.एम.दीदी को उतरने का समय आ गया। वह जल्दी से टेम्पू से उतर गयी। 

गिरोह के लोगों से मिली सोने के बिस्कुट लेकर महिला खुशी-खुशी सोनार की दुकान पहुँच गयी। सोनार से सोने के बिस्कुट चेक करने को कहती हैं। सोनार देखते ही कह उठता है कि यह तो विशुद्ध पीतल है। आप तो गिरोह से ठगा गयी हैं। ए.एन.एम.दीदी कहती हैं कि सात हजार रू0 की उंगली के रिंग ठगकर ले चला गया। 

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