मालेगांव विस्फोट जांच धीमी करने का आरोप झूठा : नकवी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 26 जून 2015

मालेगांव विस्फोट जांच धीमी करने का आरोप झूठा : नकवी


maaleganv-blame-lie-naqvi
केंद्रीय संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शुक्रवार को उन आरोप को 'बकवास' करार दिया है, जिसमें कहा गया है कि नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार मालेगांव विस्फोट मामले की जांच धीमी करना चाहती है। नकवी वर्ष 1975-77 के बीच देश में लगे आपातकाल के 40 साल पूरा होने पर पार्टी कार्यकर्ताओं के एक सम्मेलन में शिरकत करने के लिए पणजी पहुंचे। उन्होंने कहा, "मैं किसी पर आरोप नहीं लगा रहा, लेकिन यह सरकार पर हर वक्त आरोप लगाने की साजिश का एक हिस्सा है।" इस मामले में अभियोजन पक्ष की विशेष अधिवक्ता रोहिणी सालियान ने सप्ताह की शुरुआत में यह आरोप लगाया था कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उनसे मालेगांव मामले में कानूनी कार्यवाही की रफ्तार धीमी करने को कहा था। इस मामले में कुछ कट्टरपंथी हिंदू संगठनों के सदस्य आरोपी हैं।

मालेगांव विस्फोट में सात लोगों की मौत हो गई थी। आतंकवादी घटना के संदेह में पुलिस ने शुरुआत में कई मुस्लिम युवकों को गिरफ्तार किया था, बाद में पता चला कि यह कट्टरपंथी हिंदू संगठनों की कारस्तानी है।  महाराष्ट्र की आतंकवाद-रोधी बल (एटीएस) ने जांच के बाद इस घटना के लिए हिंदू कट्टरपंथी संगठनों के कुछ सदस्यों को जिम्मेदार ठहराया था। केंद्रीय मंत्री नकवी ने कहा कि कानून अपने तरीके से काम करता है। उन्होंने कहा, "जो लोग निर्दोष हैं, उन्हें दंड नहीं दिया जाएगा और दोषी बख्शे नहीं जाएंगे। इसमें तेज और धीमा चलने का सवाल कहां पैदा होता है? न्यायिक प्रक्रिया जारी है।" 

कोई टिप्पणी नहीं: