पीडि़त महिला को न्याय दिलाने की बजाय समझौते पर दिया जाता रहा है जोर, आखिर किस काम का ये है महिला आयोग
- राज्य गठन के बाद कई चर्चित मामलों में ऐसी ही रही है भूमिका, अफसरों-नेताओं के सामने शीर्षीसन और आम लोगों पर एक्शन
देहरादून,25 जून। राज्य गठन के बाद से ही शुरू हुआ राज्य महिला आयोग के कामकाज का ढर्रा आजतक बदल नहीं पाया है। आम लोगों की शिकायत मिलने पर आयोग तीखे तेवर अपनाता रहा है और अगर मामला बड़े नेताओं या फिर अफसरों का आता है तो आयोग की रुचि समझौता कराकर मामले को रफा-दफा करने में ही रहती है। एक आईएएस पर एक महिला की ओर से लगाए गए आरोपों को आयोग ने समझौते के माध्यम से रफादफा करके साफ कर दिया है कि इंसान के बदलने से आयोग का रवैय्या बदलने वाला नहीं है। आईएएस अफसर विनय शंकर पांडे पर एक महिला ने आरोप लगाया था कि अफसर ने रात को दो लोगों के साथ उसके घर में घुसने का प्रयास किया। विरोध करने पर धमकियां दी और अभद्रता की। महिला ने इसकी शिकायत पहले पुलिस से की। अफसर की धौंस के आगे पुलिस ने कोई एक्शन नहीं किया। इसके बाद महिला को लगा इस मामले में उसे महिला आयोग से मदद और न्याय मिल सकता है। महिला ने पूरे मामले की शिकायत साक्ष्यों के साथ महिला आयोग से की। आयोग ने तत्काल ही आईएएस अफसर को तलब किया। लगा कि आयोग मामले में सख्त रुख अपनाने जा रहा है। नतीजा सामने आया तो लगा कि भले ही आयोग की अध्यक्षा और सदस्य बदल गए हैं। लेकिन आयोग की कार्यशैली में कोई बदलाव नहीं आया है। आयोग की टीम ने महिला और आईएएस अफसर के बीच सुलहनामा करा दिया। बताया जा रहा है कि महिला को लगा कि जब न्याय मिलने ही नहीं वाला है तो इसी रास्ते को अपना लिया जाए। अब आयोग की ओर से कहा जा रहा है कि अफसर के माफीनामे के बाद महिला ने अपनी शिकायत वापस ले ली है। इस मामले का एक अहम पहलू यह भी है कि आईएएस के माफीनामे के बाद यह बात पूरी तरह से साफ हो गई है कि महिला के आरोप पूरी तरह से सही थे। जाहिर है कि आईएएस अफसर ने अपराध किया था। ऐसे में सवाल यह खड़ा हो रहा है कि अपराध को माफ करने का अधिकार आयोग को किसने दिया। अब तो अदालतों की कार्यशैली में भी बदलाव आ रहा है। अदालत को लगता है कि अपराध हुआ तो वह पीडित पक्ष की इच्छा के विपरीत भी मुकदमा जारी रखती है। फिर महिला आयोग ने एक अफराध करने वाले को क्या केवल इसलिए छोड़ दिया कि आरोपी एक रसूखदार सरकारी अफसर है। वैसे राज्य महिला आयोग में इस तरह का कोई पहला मामला नहीं है। आयोग ने आज तक अपनी ओर से किसी पीडि़त महिला के मामले की सुनवाई को खुद ही कदम कभी नहीं बढ़ाए। हां, अगर कोई आम आदमी आयोग की पकड़ में आ जाता है तो आयोग नोटिस पर नोटिस जारी करके मामले की सुनवाई करता रहा है। और अगर कोई नेता या अफसर गिरफ्त में आता दिखता है तो आयोग या तो यह कहकर पल्ला झाड़ लेता है कि उसके पास किसी तरह की शिकायत ही नहीं आई और अगर शिकायत आती भी है तो उसे इसी तरह से रफादफा कर दिया जाता है।
ये हैं पहले के कुछ मामले
राज्य गठन के बाद से जैनी प्रकरण, शिवानी प्रकरण और गीता खोलिया प्रकरण लंबे समय तक मीडिया की सुर्खियों में बने रहे। इन तीनों ही मामलों में राजनेताओं पर शिकंजा कसा जा सकता था। लेकिन राज्य महिला आयोग ने कहीं कोई सक्रियता नहीं दिखाई। इसी तरह लाल बहादुर शास्त्री अकादमी में घुसपैठ करने के मामले में महिला रूबी चैधरी अपनी सफाई में चीखती रही। लेकिन महिला आयोग के कानों तक उसकी गूंज नहीं पहुंची। यह मामला भी आला अफसरशाही से ही जुड़ा था।
चारधाम यात्रा को रोका नहीं गया यात्रियों को मौसम देखते हुए ठहराया गया है।
देहरादून,25 जून। राज्य में मानसून पहुंचने की पुष्टि के साथ ही समूचे प्रदेश में देर रात से रूक रूककर बारिश का दौर शुरू हो गया है। देर रात राज्यभर में बारिश शुरू हुई जो कि सुबह तक जारी रही। जबकि दून समेत आसपास के इलाकों व अन्य कुछ जगहों पर पल भर के लिए शांत हुई बारिश ने घण्टाभर बाद फिर से बरसना शुरू कर दिया था। बारिश को लेकर राज्य में मैदानी और पर्वतीय इलाकों मंे करीब-करीब एक जैसे हाल रहे। मौसम विभाग ने आज और कल फिर गढ़वाल और कुमाऊं में कुछ जगहों पर भारी बारिश की बात दोहराई है। जबकि रूद्रप्रयाग में भारी बारिश के चलते केदारनाथ यात्रा को मौसम में सुधार आने तक के लिए रोक दिए जाने की खबर मिली है। वहीं दोपहर मसूरी-कैंम्पटी मार्ग में पहाड़ी से मलबा आने की खबर रही। बताया गया कि मार्ग में सियागांव के समीप सड़क पर भारी मलबा आने से यातायात बाधित हो गया। राजधानी दून से शुरूआत करें तो यहां देर रात से जारी बारिश दोपहर तक चल रही थी। जबकि विकासनगर, सहसपुर और ऋषिकेश, रूड़की समेत हरिद्वार में भी बारिश होना बताया गया। मौसम विभाग की और से 25 और 26 को समूचे राज्य में मध्यम से हल्की बारिश और कहीं कहीं भारी बारिश हो सकने की बात कही गई थी। ऐसा दिखा भी, राज्य में जहां गढ़वाल परिक्षेत्रा में उत्तरकाशी, चमोली, पौड़ी और रूद्रप्रयाग में भारी बारिश की खबर रही, वहीं कुमाऊं के पिथौरागढ़ और नैनीताल में भी मौसम को लेकर कमोबेश यही हाल रहा। प्रदेश के मैदानी इलाकों में झमाझम बारिश ने लोगों की दिनचर्या बदलकर रख दी। जरूरी होने पर ही लोग बाहर निकले। मौसम विभाग का कहना कि बारिशमय मौसम ने राज्य के न्यूनतम तापमान में खासी गिरावट पैदा कर दी है। मौसम विभाग ने आज फिर दोहराया कि उत्तरकाशी, चमोली, रूद्रप्रयाग, पौड़ी और पिथौरागढ़, नैनीताल आदि जगहांे पर कल भी भारी बारिश हो सकती है। पिथौरागढ़ में तेज बारिश को देखते हुए जिला प्रशासन ने मशीनरी को अलर्ट रहने के आदेश दे दिए हैं। अल्मोड़ा में भी कुछ जगहों पर कल भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। जबकि चंपावत, बागेश्वर समेत अन्य अधिकांश इलाकों में मध्यम दर्जे की बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने भारी बारिश की चेतावनी जारी करते हुए संवेदनशील इलाकों में सावधानी बरतने की सलाह भी दी है। जबकि विभाग का कहना कि 27 जून को भी राज्य में अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश की बात कही है। विभाग का कहना कि 28 से मौसम में कुछ सुधार देखने को मिल सकता है।
चारधाम यात्रा को रोके जाने संबंधी कतिपय खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने स्पष्ट किया है कि चारधाम यात्रा को रोका नहीं गया है। राज्य सरकार द्वारा लगातार हो रही बरसात में यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए चारधाम यात्रियों को कुछ समय के लिए कुछ स्थानों पर ठहराया गया है। मौसम के अनुकूल होते ही यात्रियों को आगे जाने दिया जाएगा। चारधाम यात्रा अनवरत जारी है। जिलाधिकारियों को निर्देश दिये गए है कि जहां-जहां पर पर मार्ग अवरूद्ध हो रहे है, उन्हें अविलम्ब खोला जाए। सुरक्षित स्थानों पर ठहराए गए यात्रियों के रहने व खाने की पूरी व्यवस्था हो। उन्हें किसी प्रकार की असुविधा ना हो। यह जानकारी मुख्यमंत्री के मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र कुमार ने दी है।
पंतनगर कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की बेशकीमती भूमि पर कर लिया अवैध कब्जा, सरकारी भूमि पर दबंग ने खड़ी कर दी इमारतें
- किराए के रूप में वसूल रहे मोटी रकम, राज्यपाल के आदेश पर भी एक्शन नहीं
देहरादून, 25 जून (निस) । पंतनगर कृषि विश्वद्यियालय सरकारी भूमि पर कब्जे और अतिक्रमण करके दबंग मोटी कमाई कर रहे हैं। राज्यपाल के आदेश पर भी इनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं हो रहा है और दंबग सरकार की करोड़ों की जमीन पर इमारत बनाकर उन्हे बेचने में लगे है। बताया जा रहा है कि विवि प्रशासन की भी इन लोगों से मिली भगत है। इस गोरखधन्धे की जांच कर दंबगों के खिलाफ एक्शन की मांग कई बार स्थानीय लोगों ने विवि प्रशासन से की गई। लेकिन कुछ नहीं किया गया। विवि के कुलाधिपति और पूर्व राज्यपाल ने विश्वविद्यालय प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि सरकारी भूमि पर किसी प्रकार का अतिक्रमण या कब्जा न होने दिया जाए। इसके बाद विवि प्रशासन ने दंबगों को आगाह करके खानापूरी कर ली। लेकिन विश्वविद्यालय ही नहीं, इसके आसपास के क्षेत्रों में भी सरकारी भूमि से दंबगों की चांदी हो रही है। पिछले कुछ सालों से कुछ दंबगों ने सरकारी भूमि पर कब्जा कर तथा उस पर इमारतें बनावाई और अब लोगों से किराया वसूला जा रहा है। कई मामलों में राज्यपाल ने जमीन को तत्काल खाली कर प्रशासन को कब्जा लेने के निर्देश भी दिए। लेकिन कुछ किया नहीं गया। बताया जा रहा है कि निहित स्वार्थों के चलते विवि के अफसर भी मौन साधे बैठे हैं। जिस तरह से सरकारी भूमि पर कब्जा है उसे साफ लगता है कि निचले हिस्से की प्रशासन की पूरी टीम दंबगों से मिली है। स्थानीय प्रशासन ही नहीं, जिला प्रशासन पर भी इन लोगों से मिलीभगत के आरोप लगते रहे हैं।
क्या है मामला
सूचना अधिकार अधिनियम के तहत मिली जानकारी के अनुसार विश्वविद्यायल परिसर की बड़ी मार्केट स्थिति सराकरी भूमि पर कुछ दंबगों ने कई सालों से कब्जा कर रखा है। इस भूमि पर दंबग दुकानें बनाकर लोगों से लाखों रूपये किराए या फिर बेचने के नाम ऐंठ चुके हैं। इसके बाद आरटीआई कार्यकर्ता राजेश कुमार ने एक तत्कालीन राज्यपाल अजीज कुरैशी को पत्र भेजकर मामले से अवगत कराया। इस पर राज्यपाल ने विवि प्रशासन को उक्त भूमि को जल्द खाली करवा अपने कब्जे में लेने के आदेश दिए थे। लेकिन एक वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है और आज तक विद्यालय प्रशासन उक्त भूमि को कब्जे में नहीं ले सका है।
सियासी दबाव में एक्शन नहीं
1950 में उत्तर प्रदेश सरकार ने पंतनगर विवि भूमि दी थी। इस पर धीरे-धीरे विवि की स्थापना हुई। लेकिन कुछ सालों में तराई भाबर के सफेदपोश नेताओं ने इस विवि की भूमि को अपने हाथों में लेकर उसे धीरे धीरे बेचना शुरू कर दिया। कई एकड भूमि को दंबगों ने अपने कब्जे में ले रही है। इस जमीन पर कई उद्योग चल रहे हैं। इस गोरखधंधे में ऊधमसिंह नगर के कई सफेदपोश नेता शामिल हैं। विवि प्रशासन अगर कोई एक्शन लेता है राजनीतिक दबाव बना दिया जाता है। नतीजा यह है कि दंबगों पर कोई ठोस एक्शन नहीं हो पाता है।
इस विवि में कुलपति का प्रभार लिए हुए अभी तीन माह ही हुए हैं। उनके संज्ञान में मामला अभी आया है। वे जल्द ही इस मामले में अधिकारियों दिशा निर्देश देकर एक्शन करवाएंगे। ; मंगला राय, कुलपति, पंतनगर विवि
मेडिकल कालेज के दाखिलों में दलाली का मामला, अभी भी फंसे हैं कई पेंच
- अब अपर सचिव (गृह) परखेंगे रिपोर्ट की सच्चाई, पुलिस की रिपोर्ट में एएसपी पर उठे रहे हैं सवाल
- अन्य कर्मियों की भूमिका नहीं की गई है स्पष्ट
देहरादून,25 जून (निस)। मेडिकल कालेजों में एडमिशन के नाम पर हुए दलाली के खेल में पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर उठे सवालों असल जवाब तलाशने पर भी नहीं मिल रहा है। एसटीएफ ने अपनी रिपोर्ट में एक एएसपी की भूमिका पर तो सवाल उठाए हैं। लेकिन अन्य किसी पुलिस कर्मी की भूमिका पर कोई रोशनी नहीं डाली है। ऐसे में एक अहम सवाल यह उठ रहा है कि क्या एएसपी इस मामले में अकेले ही दोषी है। इस सवाल का जवाब तलाशने को अब एसएसपी रिपोर्ट की तह तक जाने का जिम्मा अपर सचिव (गृह) को दिया गया है। दलाली के इस मामले का खुलासा करके वाहवाही लूटने वाली पुलिस टीम अगले ही दिन सवालों के घेरे में आ गई थी। मामला मीडिया की सुर्खियां बना तो पुलिस मुख्यालय ने इसकी जांच एसटीएफ के एसएसपी सदानंद दाते को सौंप दी। एसएसपी ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया है कि एएसपी मणिकांत मिश्रा की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। लेकिन दाते ने अपनी इस रिपोर्ट में किसी अन्य पुलिस कर्मी की भूमिका पर कोई बात नहीं की है। पुलिस मुख्यालय से यह रिपोर्ट शासन को भेज दी गई थी। शासन के आला अफसरों ने इस रिपोर्ट का अध्ययन किया तो पाया कि क्या केवल एएसपी ही इस काम को अंजाम दे सकता है। लेकिन उस वक्त मीडिया का दबाव था। ऐसे में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मणिकांत मिश्रा को हटाने का आदेश दिया। इस पर शासन ने उन्हें पुलिस मुख्यालय से संबद्ध कर दिया है। एसएसपी दाते की इसी रिपोर्ट के आदेश पर एएसपी के खिलाफ अनुशासनात्मक एक्शन होना है। सूत्रों ने बताया इस बारे में मणिकांत मिश्रा को नोटिस जारी करके पूछा गया है कि क्यों न उनके खिलाफ अनुशासनात्मक एक्शन लिया जाए। इस मामले में एक अहम पहलू यह भी है कि भले ही एएसपी के खिलाफ एक्शन की शुरुआत कर दी गई है। लेकिन गृह विभाग के आला अफसरों का मानना है कि इस खेल की कई कडि़यां अभी भी अनसुलझी हैं। इस मामले की तह तक जाने के लिए अपर सचिव (गृह) और आईपीएस अफसर अजय सिंह रौतेला को जिम्मा सौंपा गया है। गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि अपर सचिव की पड़ताल के बाद हो सकता है कि कुछ और नए तथ्य सामने आएं।बहरहाल, अपर सचिव की पड़ताल में क्या सामने आता है, यह तो आने वाला समय ही बताएगा। लेकिन इतना तय है कि इस प्रकरण ने पुलिस महकमे की साख पर बट्टा जरूर लगा है। अब देखने वाली बात यह होगी कि पुलिस मुख्यालय या फिर गृह विभाग दामन पर लगे इस दाग को किस तरह से साफ करता है।
दो अलग-अलग हादसों में पांच की मौत
देहरादून 25 जून (निस) । हरिद्वार में श्यामपुर थाना क्षेत्रा के अंतर्गत अलसुबह हुए सड़क हादसे में परिवार खत्म हो गया। तेज रफ्तार कार ने स्कूटर को टक्कर मार दी। दुपहिया सवार दंपत्ति और उनका छह वर्षीय पुत्र कार की चपेट में आने से मौके पर ही मृत्युकारित हो गए। श्यामपुर पुलिस ने कार को कब्जे में लेकर सीज करने के साथ ही आरोपी चालक को हिरासत में लिया है। शवों को पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। मृतक परिवार मूल रूप से बिजनौर के नूरपुर गांव का रहने वाला था। नूरपुर के सौनीपुरा निवासी महिपाल 46, पत्नी माया और छह साल के बेटे कार्तिक के साथ स्कूटर में सवार होकर घर लौट रहे थे। सुबह साढ़े छह बजे करीब कांगड़ी गांव में तिरछापुल के समीप सामने से आ रही तेज रफ्तार कार ने स्कूटर को टक्कर मार दी। स्कूटर सवार तीनों लोग कार के नीचे आ गए। मौके पर अफरातफरी भी मची। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर कार्रवाई शुरू की। पुलिस ने बिजनौर में रिश्तेदारों को पफोन पर सूचना दी, जिसके बाद वहां कोहराम मचाना बताया गया। बिजनौर से भी रिश्तेदार हरिद्वार पहुंचे। बदरीनाथ हाईवे में देवप्रयाग के पास तोताघाटी के पास ऋषिकेश से श्रीनगर की ओर जा रही स्विफ्ट कार के खाई में गिरने से भाई बहन की मौत हो गई, जबकि बच्चे समेत चार लोग घायल हैं। यह हादसा गुरुवार की सुबह करीब साढ़े आठ बजे हुआ। कार में छह लोग सवार थे। दुर्घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंच गई। स्थानीय लोगों की मदद से खाई से मृतकों और घायलों को बाहर निकाला गया। चार घायलों को ऋषिकेश अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दुर्घटना में सुनीता चैहान 43 वर्ष निवासी 3/14 सेक्टर 18 रोहिनी दिल्ली व उसका भाई राजेंद्र पंवार 45 वर्ष, निवासी हाउस नंबर के 9, गली नंबर 5 भजनपुरा दिल्ली की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में सुनीता का पति मोहन सिंह 46, मोहन की बेटी रिया 17 वर्ष, दोनों मृतकों की बहन यशोदा 35 वर्ष निवासी ज्वालपुर गोकुलपुरी दिल्ली, यशोदा का बेटा राहुल सात वर्ष घायल हो गए। सभी दिल्ली से देवप्रयाग के निकट बिंदा पंतगांव जा रहे थे। इस गांव में मोहन का परिवार रहता है।
भाषा पर चारू चन्द्र पाण्डे व मथुरादत्त मठपाल को मुख्यमंत्री ने दी बधाई
देहरादून 25 जून (निस) मुख्यमंत्री हरीश रावत ने साहित्य अकादमी द्वारा भाषा सम्मान दिये जाने की घोषणा पर चारू चन्द्र पाण्डे व मथुरादत्त मठपाल को हार्दिक बधाई दी है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने अपने बधाई संदेश में कहा है कि चारू चन्द्र पाण्डे व मथुरादत्त मठपाल द्वारा कुमाऊंनी भाषा व साहित्य में उल्लेखनीय योगदान दिया गया है। उन्हें दिए गए इस सम्मान से कुमांउनी भाषा व साहित्य को नई पहचान मिलेगी। मुख्यमंत्री श्री रावत ने स्नेहा राणा व एकता बिष्ट को भारत और न्यूजीलैण्ड के बीच शुरू होने वाले एक दिवसीय महिला क्रिकेट सीरिज के लिए चयन होने पर भी बधाई दी है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने अपने बधाई संदेश में स्नेहा राणा व एकता बिष्ट के उज्जवल भविष्य की कामना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की इन युवा प्रतिभाओं ने अपनी प्रतिभा से उत्तराखण्ड का ही नही भारत का नाम भी रोशन किया है।
देहरादून स्मार्ट सिटी योजना में षामिल, सरकार ने केन्द्र सरकार का किया आभार
देहरादून,25 जून, (निस)। मुख्यमंत्री के मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र कुमार ने केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया है कि पूरे देश में स्मार्ट सिटी योजना शुरू कर रहे है जिसमें देहरादून को भी शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य की अपनी जनसंख्या के अलावा वर्षभर तीर्थयात्रियों व पर्यटकों के आने के कारण फ्लोटिंग जनसंख्या दबाव बढ़ जाता है। प्रदेश मंे लगभग एक करोड़ से अधिक तीर्थयात्री, पर्यटक व अन्य लोग कुम्भ, चारधाम यात्रा, हरिद्वार, ऋषिकेश में होने वाले स्नान में आते हैए इस कारण हमारी नागरिक सेवाओं के ऊपर भारी जन दबाव बढ़ जाता है। राज्य सरकार के प्रतिनिधि ने मांग की कि राज्य के अन्य शहर व कस्बे भी स्मार्ट सिटी योजना में शामिल किये जाने योग्य है। इसलिए केन्द्र सरकार से अनुरोध है कि उत्तराखण्ड राज्य के अन्य महत्वपूर्ण शहरों व कस्बों को भी स्मार्ट सिटी व अम्रत सिटी योजना में शामिल किया जाय। इसके साथ ही स्मार्ट सिटी योजना के लिए जो 500 करोड़ रुपये अम्रत सिटी की धनराशि भी काफी कम हैए प्रभावी सार्वजनिक परिवहन, आधारभूत संरचनाए, कूड़ा प्रबन्धन, पेयजल, शिक्षा व स्वास्थ्य को और मजबूत करने के लिए जवाहरलाल नेहरु अरबन डेबलेपमेन्ट की तरह इसे और अधिक बढ़ाये जाने की आवश्यकता है।
परिवार को बंधक बनाकर हजारों की लूट
रामनगर, 25 जून, (निस)। पिरुमदारा क्षेत्र में बेखौफ बदमाशों ने रात को तमंचे की नोक पर एक परिवार को बंधक बनाकर हजारों रुपये और जेवरात लूट लिए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मौका मुआयना कर परिजनों के बयान दर्ज लिए हैं। मिली जानकारी के अनुसार, पिरुमदारा की मधुवन कालोनी में टेक चंद परिवार के साथ रहते हैं। बताया जा रहा है कि रात करीब 10 बजे चार बदमाश उनके घर में घुस गए। इससे पहले परिवार वाले शोर मचाते, बदमाशों ने तमांचा दिखाकर उन्हें चुप करा दिया। इसके बार उन्होंने परिवार के सभी सदस्यों को रस्सी से बांधकर बंधक बना दिया। फिर पूरे घर को खंगालने के बाद बदमाश तड़के फरार हो गए। सुबह परिजनों के शोर मचाने पर आसपास के लोगों ने रस्सी खोलकर उन्हें आजाद किया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने पड़ोसियों और परिजनों से पूछताछ की। टेकचंद ने बताया कि बदमाश घर से करीब 10 हजार रुपये की नकदी और करीब एक लाख रुपये के सोने-चांदी के जेवर ले गए। घटना से क्षेत्र में दहशत का माहौल है।
केदारपुरी में शहीदों की याद में स्मारक
रुद्रप्रयाग, 25 जून, (निस)। आपदा के बाद रेस्क्यू के दौरान वायु सेना के एमआई-17 हेलीकाप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने पर मारे गए 20 जवानों की याद में गुरुवार को केदारनाथ में सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, वायु सेना और गृह मंत्रालय ने संयुक्त रूप से रेस्क्यूयर-डे मनाया। इस दौरान भारी बारिश के बीच मारे गए जवानों की याद में मंदिर के पचास मीटर पीछे एक स्मारक भी स्थापित किया गया। 16 जून वर्ष 2013 को केदारनाथ आपदा के बाद वायु सेना के साथ थल सेना व अर्द्धसैनिक बल रेस्क्यू अभियान में जुट गए थे। रेस्क्यू के दौरान हताहतों की अंत्येष्टी के लिए लकडि़यां ले जा रहा वायु सेना का एमआई-17 हेलीकाप्टर 25 जून को गौरीकुंड व रामबाड़ा के बीच दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इसमें पायलट सहित वायु सेना के पांच अधिकारी, एनडीआरएफ के नौ और आईटीबीपी के छह जवान मारे गए थे। इन शहीद अधिकारियों व जवानों की याद में वायु सेना, आईटीबीपी व एनडीआरएफ संयुक्त रूप से केदारनाथ में गुरुवार की सुबह दस बजे श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया। साथ ही केदारपुरी में शहीदों की याद में स्मारक भी बनाया गया। इस मौके पर आइजी गढ़वाल संजय गुंज्याल, रुद्रप्रयाग के पुलिस अधीक्षक बीजे सिंह के साथ ही आइटीबीपी, एनडीआरएफ के जवान व अधिकारी मौजूद थे।
अधूरा निर्माण छोड़ कर एजेंसी गायब
बड़कोट, 25 जून, (निस)। तहसील बड़कोट के मोल्डा खांसी मोटर मार्ग पर पीएमजीएसवाइ से निर्मित सड़क का अधूरा निर्माण छोड़ कर एजेंसी गायब हो गई है। विभाग ने भी सड़क का काम पूरा होने से पहले ही एजेंसी को पचास फीसद भुगतान कर दिया। अब ग्रामीण इस आधे अधूरे मोटर मार्ग पर जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं। पीएमजीएसवाइ के सड़क निर्माण के तौर तरीकों पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। वर्ष 2010-2011 में एक करोड़ 47 लाख रुपये के बजट में स्वीकृत मोल्डा खांसी सड़क भी इसका जीता-जागता उदाहरण है। साढ़े ग्यारह किमी प्रस्तावित इस सड़क के निर्माण का काम आरबी ग्रुप डैव्लप एंड बिल्डर नाम की कंपनी को दिया गया था। वर्ष 2013 तक कंपनी की मशीने सड़क पर काम करती दिखाई दी। सात किमी 600 मीटर सड़क कटिंग के बाद कंपनी को विभाग की ओर से 75 लाख रुपये का भुगतान किया गया। रकम लेने के बाद कंपनी काम अधूरा छोड़कर चली गई। यह अधूरा काम भी इस तरह किया गया कि कई मोड़ों पर सड़क की कटिंग अधूरी छोड़ी गई, जबकि समतलीकरण की जहमत भी नहीं उठाई गई। सड़क बनाने के नाम पर की गई इस खानापूर्ति से ग्रामीणों में काफी रोष है। बीडीसी नौगांव की बैठक में भी इस सड़क का मुद्दा उठाया जा चुका है। ग्रामीण इस बाबत कई बार शासन प्रशासन को अवगत करा चुके हैं, लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं गया है। लिहाजा ग्रामीण इस जोखिमभरी सड़क पर ही आवाजाही करने को विवश हैं। वहीं विभाग की मानें तो कंपनी के साथ काफी पत्राचार किया गया। इसका आज तक कोई जवाब नहीं मिल सका है। मोल्डा के ग्रामीण आरोप लगाते हैं कि कंपनी की राज्य के सत्ताधारी दल से नजदीकियां होने के कारण उस पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं की जा सकी है।
केदारनाथ यात्रा रूकी, 900 यात्री फंसे, सोनप्रयाग में मोटरपुल हुआ तिरछा, कई वाहन फंसे
देहरादून, 25 जून। लगातार हो रही बारिश के चलते प्रशासन ने केदारनाथ यात्रा को रोक दिया गया है। अब बारिश थमने के बाद ही यात्रा शुरू होगी। फिलहाल यात्रियों को सुरक्षित पड़ावों पर ठहराया गया है। वहीं एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिलीफ फोर्स) और पुलिस के जवान यात्रियों की सुरक्षा में जुट गए हैं। जानकारी के मुताबिक लगभग 900 तीर्थयात्रियों को अलग-अलग पड़ावों पर रोका गया है। नदी का जल स्तर बढ़ने के कारण सोनप्रयाग में मोटरपुल तिरछा हो गया है। इस पर अब वाहन नहीं चल पा रहे हैं। सोनप्रयाग-गौरीकुंड के बीच सड़क जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गई है। बुधवार रात से केदारघाटी में तेज बारिश हो रही है। ऐसे में केदारनाथ की यात्रा प्रभावित हो गई है। गुरूवार को एक भी यात्री सोनप्रयाग से आगे नहीं बढ़ पाया। प्रशासन ने एहतियातन सभी यात्रियों की सुरक्षित पड़ावों पर रहने की व्यवस्था कर दी है। केदारनाथ, लिनचोली, भीमबली, जंगलचट्टी, गौरीकुंड, सोनप्रयाग समेत अन्य पड़ावों में सात सौ से अधिक यात्री रूके हुए हैं। खराब मौसम को देखते हुए सोनप्रयाग से कई यात्री गुप्तकाशी की ओर लौट आए। खराब मौसम के चलते हेलीकाॅप्टर भी केदारनाथ के लिए उड़ान नहीं भर पाए। केदारनाथ में 350, लिनचोली-77, भीमबली में 60, जंगलचट्टी में 200 और गौरीकुंड में 213 यात्रियों को ठहराया गया है। जंगलचट्टी और भीमबली से यात्रियों को गौरीकुंड लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। सोनप्रयाग में नदी का जलस्तर बढ़ने से पुल तिरछा हो गया है। नदी का जलस्तर और बढ़ा तो पुल ढहने की संभावना है। लोनिवि (एनएच) के अधिशासी अभियंता प्रवीण कुमार वस्तु-स्थिति देखने मौके पर पहुंच गए हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल वाहनों की आवाजाही पूरी तरह रोक दी गई है। यहां पर वैकल्पिक इंतजामात किए जाएंगे। गौरीकुंड-सोनप्रयाग के बीच राजमार्ग जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गया है। ऐसे में गौरीकुंड की ओर कई वाहन फंस गए हैं। पुलिस उपाधीक्षक स्वतंत्र कुमार ने बताया कि सभी यात्री सुरक्षित हैं। बारिश बंद होते ही सभी यात्रियों को सोनप्रयाग पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ और पुलिस के जवान यात्रियों की सुरक्षा में लगे हुए हैं।
सिरोबगड़ में राष्ट्रीय राजमार्ग हुआ बाधित
भारी बारिश के चलते सड़कें बाधित होने लगी हैं। जगह-जगह पहाड़ों से बड़े-बड़े बोल्डर गिर रहे हैं। ऐसे में वाहनों के पहिए थमने लगे हैं। बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के सिरोहबगड़ में मलबा आने से सड़क बाधित हो गई है। यहां पर सड़क खोलने का काम चल रहा है। बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के सिरोहबगड़ में सांय करीब साढ़े पांच बजे पहाड़ी से मलबा आ गया। जिसके चलते राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से ठप पड़ गई। जवाड़ी बाईपास पर भी जगह-जगह मलबा आने से राजमार्ग बाधित रहा। बद्रीनाथ हाईवे के खांकरा-नरकोटा के बीच राजमार्ग पर जगह-जगह बोल्डर गिर रहे हैं। रुद्रप्रयाग-चोपता-पोखरी मोटरमार्ग से मयकोटी इंटर काॅलेज को जोड़ने वाली सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है। अधिकतर लिंक मोटरमार्गाें पर मलबा आने से वाहनों की आवाजाही बाधित हो रही है।
केदारनाथ में मंदाकिनी-सरस्वती का जलस्तर तीन गुना बढ़ा, रामबाड़ा में पुल को खतरा, प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने की दी सलाह
केदारनाथ में मंदाकिनी और सरस्वती नदी के जलस्तर में तीन गुना वृद्धि हो गई है। अचानक जलस्तर बढ़ने से तीर्थयात्रियों के साथ ही वहां रह रहे लोग भयभीत हैं। रामबाड़ा पुल में मंदाकिनी का जलस्तर दो भागों में बंट गया है। जलस्तर बढ़ने से पुल को खतरा हो गया है। वहीं रूद्रप्रयाग में अलकनंदा और मंदाकिनी नदी का जलस्तर बढ़ने पर प्रशासन ने नदी से सटे इलाकों में रहने वाले लोगों को एहतियात बरतने को कहा है। दोपहर तक रुद्रप्रयाग में 45.7, जखोली में 41 एमएम और ऊखीमठ 45.7 एमएम बारिश दर्ज की गई। बुधवार रात 10 बजे से केदारनाथ में लगातार बारिश हो रही है। केदारनाथ से मिली सूचना के मुताबिक मंदाकिनी और सरस्वती नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। दोनों नदियों का जलस्तर सामान्य से तीन गुना अधिक बढ़ गया है। केदारनाथ के पीछे भारी-भरकम मलबा होने और जलस्तर में तेजी से वृद्धि होने के कारण तीर्थयात्री और वहां रह रहे लोग डरे हुए हैं। बारिश के कारण तीर्थयात्री सुबह से ही अपने टेंटों से बाहर नहीं आए। तीर्थ पुरोहित उमेश पोस्ती ने बताया कि दो वर्ष पूर्व केदारनाथ में इसी तरह बारिश हो रही थी। ऐसे में सभी लोग डरे हुए हैं और बारिश थमने का इंतजार कर रहे हैं। केदारनाथ में पुलिस अधीक्षक बरिन्दर जीत सिंह, एसडीएम लक्ष्मी राज चैहान, पुलिस, एसडीआरएफ और निम के कर्मचारी मौजूद हैं। सभी यात्रियों की सुरक्षा का ध्यान रखा जा रहा है। निम की ओर यात्रियों को टेंट में ही गर्म पानी और चाय उपलब्ध कराई जा रही है। पुलिस अधीक्षक बरिन्दर जीत सिंह ने बताया कि सभी यात्री सकुशल हैं। यात्रियों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। बारिश बंद होने के बाद एक-एक यात्री को सोनप्रयाग पहुंचाया जाएगा। वहीं प्रशासन ने मंदाकिनी और अलकनंदा नदी का जलस्त बढ़ने पर नदी किनारे रह रहे लोगांें को सतर्क रहने को कहा है। बाकायदा एनाउंसमेंट करवाकर लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने की सलाह दी गई।
पिथौरागढ़ जिले भर में बुधबार की रात से भारी बारिश हो रही है। मुनस्यारी में 34 एमएम बारिश दर्ज की गई। गोरी नदी उफान पर है। बसंतकोट में गोरी नदी में बना पुल बह गया । इससे दर्जनों गांव अलग थलग पड़ गए।
जौनपुर जुटा पारंपरिक उत्सव की तैयारियों में
देहरादून, 25 जून (निस)। पहाड़ों की रानी मसूरी से सटा जौनपुर क्षेत्र इन दिनों मछलियां पकड़ने के पारंपरिक उत्सव की तैयारियों में जुटा हुआ है। 28 जून को आयोजित होने वाले मौण मेले के रूप में मनाए जाने वाले इस सामूहिक पर्व में दस हजार से भी ज्यादा ग्रामीण सामूहिक रूप से मछली पकड़ेंगे। राजशाही के दौर से ही अगलाड़ नदी में सामूहिक रूप से मछली पकड़ने का महोत्सव मनाया जाता रहा है। इस वर्ष मौण मेले का आयोजन 28 जून को होगा। नैनबाग में आयोजित मौण मेले के पांतीदारों की बैठक में मेले की रूपरेखा तय की गई। मेला संयोजक डॉ. विरेंद्र रावत ने बताया कि 28 जून को सुबह ग्यारह बजे अगलाड़ नदी के मौणकोट से मौण मेला शुरू हो जाएगा। मछलियों को मारने के लिए खासतौर पर तैयार किए जाने वाले टिमरू की छाल से पाउडर बनाने के काम में सिलवाड़ पट्टी के खरसोन, खरक, सुरांसू, बणगांव, जैद्वार, कोटी, पाब, टटोर, चिलामू, मसोन, संड़ब, फफरोग गांवों के ग्रामीण सप्ताह भर से जुटे हैं। इसी पाउडर को नदी में डालकर मछलियां मारी जाएंगी। इस साल आयोजित होने वाले मौण मेले में जौनपुर के अलावा देहरादून के जौनसार एवं बिंहार तथा उत्तरकाशी जिले के गोडर खाटल पट्टी के दस हजार से अधिक ग्रामीण पारंपरिक वाद्य ढोल-दमाऊ के साथ हिस्सा लेंगे।
केदारनाथ यात्रा रूकी, 900 यात्री फंसे, सोनप्रयाग में मोटरपुल हुआ तिरछा, कई वाहन फंसे
देहरादून, 25 जून। लगातार हो रही बारिश के चलते प्रशासन ने केदारनाथ यात्रा को रोक दिया गया है। अब बारिश थमने के बाद ही यात्रा शुरू होगी। फिलहाल यात्रियों को सुरक्षित पड़ावों पर ठहराया गया है। वहीं एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिलीफ फोर्स) और पुलिस के जवान यात्रियों की सुरक्षा में जुट गए हैं। जानकारी के मुताबिक लगभग 900 तीर्थयात्रियों को अलग-अलग पड़ावों पर रोका गया है। नदी का जल स्तर बढ़ने के कारण सोनप्रयाग में मोटरपुल तिरछा हो गया है। इस पर अब वाहन नहीं चल पा रहे हैं। सोनप्रयाग-गौरीकुंड के बीच सड़क जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गई है। बुधवार रात से केदारघाटी में तेज बारिश हो रही है। ऐसे में केदारनाथ की यात्रा प्रभावित हो गई है। गुरूवार को एक भी यात्री सोनप्रयाग से आगे नहीं बढ़ पाया। प्रशासन ने एहतियातन सभी यात्रियों की सुरक्षित पड़ावों पर रहने की व्यवस्था कर दी है। केदारनाथ, लिनचोली, भीमबली, जंगलचट्टी, गौरीकुंड, सोनप्रयाग समेत अन्य पड़ावों में सात सौ से अधिक यात्री रूके हुए हैं। खराब मौसम को देखते हुए सोनप्रयाग से कई यात्री गुप्तकाशी की ओर लौट आए। खराब मौसम के चलते हेलीकाॅप्टर भी केदारनाथ के लिए उड़ान नहीं भर पाए। केदारनाथ में 350, लिनचोली-77, भीमबली में 60, जंगलचट्टी में 200 और गौरीकुंड में 213 यात्रियों को ठहराया गया है। जंगलचट्टी और भीमबली से यात्रियों को गौरीकुंड लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। सोनप्रयाग में नदी का जलस्तर बढ़ने से पुल तिरछा हो गया है। नदी का जलस्तर और बढ़ा तो पुल ढहने की संभावना है। लोनिवि (एनएच) के अधिशासी अभियंता प्रवीण कुमार वस्तु-स्थिति देखने मौके पर पहुंच गए हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल वाहनों की आवाजाही पूरी तरह रोक दी गई है। यहां पर वैकल्पिक इंतजामात किए जाएंगे। गौरीकुंड-सोनप्रयाग के बीच राजमार्ग जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गया है। ऐसे में गौरीकुंड की ओर कई वाहन फंस गए हैं। पुलिस उपाधीक्षक स्वतंत्र कुमार ने बताया कि सभी यात्री सुरक्षित हैं। बारिश बंद होते ही सभी यात्रियों को सोनप्रयाग पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ और पुलिस के जवान यात्रियों की सुरक्षा में लगे हुए हैं।
सिरोबगड़ में राष्ट्रीय राजमार्ग हुआ बाधित
भारी बारिश के चलते सड़कें बाधित होने लगी हैं। जगह-जगह पहाड़ों से बड़े-बड़े बोल्डर गिर रहे हैं। ऐसे में वाहनों के पहिए थमने लगे हैं। बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के सिरोहबगड़ में मलबा आने से सड़क बाधित हो गई है। यहां पर सड़क खोलने का काम चल रहा है। बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के सिरोहबगड़ में सांय करीब साढ़े पांच बजे पहाड़ी से मलबा आ गया। जिसके चलते राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से ठप पड़ गई। जवाड़ी बाईपास पर भी जगह-जगह मलबा आने से राजमार्ग बाधित रहा। बद्रीनाथ हाईवे के खांकरा-नरकोटा के बीच राजमार्ग पर जगह-जगह बोल्डर गिर रहे हैं। रुद्रप्रयाग-चोपता-पोखरी मोटरमार्ग से मयकोटी इंटर काॅलेज को जोड़ने वाली सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है। अधिकतर लिंक मोटरमार्गाें पर मलबा आने से वाहनों की आवाजाही बाधित हो रही है।
केदारनाथ में मंदाकिनी-सरस्वती का जलस्तर तीन गुना बढ़ा, रामबाड़ा में पुल को खतरा, प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने की दी सलाह
केदारनाथ में मंदाकिनी और सरस्वती नदी के जलस्तर में तीन गुना वृद्धि हो गई है। अचानक जलस्तर बढ़ने से तीर्थयात्रियों के साथ ही वहां रह रहे लोग भयभीत हैं। रामबाड़ा पुल में मंदाकिनी का जलस्तर दो भागों में बंट गया है। जलस्तर बढ़ने से पुल को खतरा हो गया है। वहीं रूद्रप्रयाग में अलकनंदा और मंदाकिनी नदी का जलस्तर बढ़ने पर प्रशासन ने नदी से सटे इलाकों में रहने वाले लोगों को एहतियात बरतने को कहा है। दोपहर तक रुद्रप्रयाग में 45.7, जखोली में 41 एमएम और ऊखीमठ 45.7 एमएम बारिश दर्ज की गई। बुधवार रात 10 बजे से केदारनाथ में लगातार बारिश हो रही है। केदारनाथ से मिली सूचना के मुताबिक मंदाकिनी और सरस्वती नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। दोनों नदियों का जलस्तर सामान्य से तीन गुना अधिक बढ़ गया है। केदारनाथ के पीछे भारी-भरकम मलबा होने और जलस्तर में तेजी से वृद्धि होने के कारण तीर्थयात्री और वहां रह रहे लोग डरे हुए हैं। बारिश के कारण तीर्थयात्री सुबह से ही अपने टेंटों से बाहर नहीं आए। तीर्थ पुरोहित उमेश पोस्ती ने बताया कि दो वर्ष पूर्व केदारनाथ में इसी तरह बारिश हो रही थी। ऐसे में सभी लोग डरे हुए हैं और बारिश थमने का इंतजार कर रहे हैं। केदारनाथ में पुलिस अधीक्षक बरिन्दर जीत सिंह, एसडीएम लक्ष्मी राज चैहान, पुलिस, एसडीआरएफ और निम के कर्मचारी मौजूद हैं। सभी यात्रियों की सुरक्षा का ध्यान रखा जा रहा है। निम की ओर यात्रियों को टेंट में ही गर्म पानी और चाय उपलब्ध कराई जा रही है। पुलिस अधीक्षक बरिन्दर जीत सिंह ने बताया कि सभी यात्री सकुशल हैं। यात्रियों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। बारिश बंद होने के बाद एक-एक यात्री को सोनप्रयाग पहुंचाया जाएगा। वहीं प्रशासन ने मंदाकिनी और अलकनंदा नदी का जलस्त बढ़ने पर नदी किनारे रह रहे लोगांें को सतर्क रहने को कहा है। बाकायदा एनाउंसमेंट करवाकर लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने की सलाह दी गई।
पिथौरागढ़ जिले भर में बुधबार की रात से भारी बारिश हो रही है। मुनस्यारी में 34 एमएम बारिश दर्ज की गई। गोरी नदी उफान पर है। बसंतकोट में गोरी नदी में बना पुल बह गया । इससे दर्जनों गांव अलग थलग पड़ गए।
जौनपुर जुटा पारंपरिक उत्सव की तैयारियों में
देहरादून, 25 जून (निस)। पहाड़ों की रानी मसूरी से सटा जौनपुर क्षेत्र इन दिनों मछलियां पकड़ने के पारंपरिक उत्सव की तैयारियों में जुटा हुआ है। 28 जून को आयोजित होने वाले मौण मेले के रूप में मनाए जाने वाले इस सामूहिक पर्व में दस हजार से भी ज्यादा ग्रामीण सामूहिक रूप से मछली पकड़ेंगे। राजशाही के दौर से ही अगलाड़ नदी में सामूहिक रूप से मछली पकड़ने का महोत्सव मनाया जाता रहा है। इस वर्ष मौण मेले का आयोजन 28 जून को होगा। नैनबाग में आयोजित मौण मेले के पांतीदारों की बैठक में मेले की रूपरेखा तय की गई। मेला संयोजक डॉ. विरेंद्र रावत ने बताया कि 28 जून को सुबह ग्यारह बजे अगलाड़ नदी के मौणकोट से मौण मेला शुरू हो जाएगा। मछलियों को मारने के लिए खासतौर पर तैयार किए जाने वाले टिमरू की छाल से पाउडर बनाने के काम में सिलवाड़ पट्टी के खरसोन, खरक, सुरांसू, बणगांव, जैद्वार, कोटी, पाब, टटोर, चिलामू, मसोन, संड़ब, फफरोग गांवों के ग्रामीण सप्ताह भर से जुटे हैं। इसी पाउडर को नदी में डालकर मछलियां मारी जाएंगी। इस साल आयोजित होने वाले मौण मेले में जौनपुर के अलावा देहरादून के जौनसार एवं बिंहार तथा उत्तरकाशी जिले के गोडर खाटल पट्टी के दस हजार से अधिक ग्रामीण पारंपरिक वाद्य ढोल-दमाऊ के साथ हिस्सा लेंगे।
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