केदारघाटी में फंसे तीर्थयात्रियों का रेस्क्यू आॅपरेशन रहा सफल, 180 लोगों को हेलीकाॅप्टर तो 843 यात्री पैदल पहुंचे सोनप्रयाग
- चार धाम यात्रा सुरक्षित और यात्री भी सुरक्षित, बीते दिनोें की बारिश ने लिया हमारा आपदा प्रबंधन का टेस्ट: हरीष रावत
देहरादून,26 जून। मुख्य मंत्री हरीष रावत ने कहा बीते दिनोें की बारिश हमारे लिए एक टेस्ट की तरह थी, इसके बाद हम और बहेतर काम करेंगे। उन्होने कहा इस बारिश से अभी तक की क्षति से 50 करोड़ के लगभग का आकलन किया गया है। उन्होने कहा राज्य के चार धाम यात्रा पूरी तरह सुरक्षित चल रही है, गंगोत्री,यमनोत्री,हेमकुंड साहिब की यात्रा रोकी नहीं गयी हैं बल्कि केदार नाथ में अभी यात्रियों को असुविधा से बचाने के लिये अस्थाई तौर पर सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है। राज्य के यात्रामार्ग पर पड़ने वाले पुलों जो बीेते दिन की अप्रत्याषित वर्षा के चलते बह गये थे उनको ठीक कर पुनः यातायात के लिए तैयार किया जा रहा है। उन्होने कहा केदार नाथ के रास्ते में सोनप्रयाग के पास टूटे पुल को जल्द ही ठीक कर दिया जायेगा। उन्होने बताया कि भारी बारिश से अभी तक करीब 6 पुल टूटे हैं इस बारिश से अभी तक की क्षति 50 करोड़ के लगभग हुआ है। उन्होने बताया भारी बारिश के चलते हर स्थिति से निपटने को बड़े अधिकारियो की टीम बनाई गयी है। केदार नाथ और अलग अलग स्थानों से आज करीब लगभग 600 यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर हेलीकाप्टर के जरिये लाया गया है और एक दो दिन के भीतर यात्रा मार्ग की रेकी कर यात्रियों को केदारधाम जाने दिया जायेगा
उन्होने कहा जोशीमठ और गोविंन्द घाट इलाके में वर्षा से भारी नुक्सान हुआ है। लेकिन वहां किसी भी तरह से जानमाल की क्षति नहीं हुई है। हेमकुण्ड व घंधरिया से यात्रियो को सकुशल व सुरक्षित जोषीमठ लाया गया है।
उन्होने बताया हेमकुण्ड मार्ग पर पुलना के आगे घघरिया में तीन पुल टूट चुके हैं। वहां आर्मी और आईटीबीपी और राज्य सरकार के कर्मचारियों सहित 60 लोग पुल बनाने में लगे हंै। उन्होने बताया कि यात्रियों की सुविधा के लिए 6 हैलीकाप्टर लगाये गये हैं।
प्रशासन ने शनिवार तक यात्रा पर लगाई रोक
केदारनाथ सहित विभिन्न यात्रा पड़ावों पर फंसे 900 से अधिक तीर्थयात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है। विषम परिस्थिति को देखते हुए प्रशासन ने शनिवार तक यात्रा रोक दी है। यात्रा प्रभावित होने से पड़ावों पर सन्नाटा पसर गया है। गुरूवार को दिनभर हुई बारिश के चलते गौरीकुंड से केदारनाथ तक सैकड़ों तीर्थयात्री और स्थानीय लोग फंस गए थे। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस की मदद से यात्रियों को सुरक्षित पड़ावों पर ही रोक दिया गया। शुक्रवार को मौसम ने पूरा साथ दिया। हालांकि सुबह-सवेरे आसमान में हल्के बादल थे, लेकिन कुछ देर बाद आसमान पूरी तरह खुल गया। केदारघाटी में यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए सुबह से ही रेस्क्यू आॅपरेशन शुरू हो गया था। केदारनाथ में फंसे 112 तीर्थयात्रियों और 68 स्थानीय लोगों को हेलीकाॅप्टर से शेरसी हेलीपैड पहुंचाया गया। यहां से यात्री अपने गंतव्य की ओर चल दिए। केदारनाथ में 394, लिनचोली में 77, भीमबली में 85, जंगलचट्टी में 29 और गौरीकुंड में 369 तीर्थयात्री फंसे हुए थे। कुल 954 यात्री केदारनाथ से लेकर गौरीकुंड तक फंसे हुए थे। हालांकि यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, निम और पुलिस के जवान सक्रिय थे। चलने में असमर्थ, बुजुर्ग और बच्चों को हेलीकाॅप्टर से रेस्क्यू करने में प्राथमिकता दी गई। अन्य यात्रियों को जवानों की मदद से पैदल मार्ग के जरिए सोनप्रयाग पहुंचाया गया। कुल 843 तीर्थयात्री पैदल मार्ग से गौरीकुंड पहंुचे। बारिश के कारण रास्ता जगह-जगह क्षतिग्रस्त और फिसलन भरा हो गया है। इसके बावजूद एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, निम और पुलिस ने जगह-जगह रास्ता ठीक करते हुए और यात्रियों को कंधे पर उठाते हुए सोनप्रयाग पहुंचाया।
वर्ष 2013 की आपदा की यादें एक बार फिर हुई ताजा, मंदाकिनी नदी के बढ़े जल स्तर के कारण केदारघाटी के लोग भयभीत
बुधवार देर रात्रि से बुहस्पतिवार रात तक लगातार हुई बारिश के कारण मंदाकिनी नदी का जल स्तर बढ़ने से केदारघाटी के आपदा पीडि़तों की रातों की नंदी उड़ गई हैं। बृहस्पतिवार रात भर आपदा पीडि़त क्षेत्रों के लोग खौफ के कारण सौ नहीं पाये। प्रभावितों को हर समय यही डर सता रहा है कि न जाने कब मंदाकिनी नदी विकराल रूप धारण करके एक बार फिर 16-17 जून वर्ष 2013 की यादों को ताजा कर दें। प्रभावित लोगों का रात्रि का अधिकांश समय मंदाकिनी नदी के जल स्तर को देखने में गुजरा। भारी बारिश के कारण केदारघाटी का पूरा जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लोग एक बार फिर से खौफ के साये में हैं। मंदाकिनी नदी किनारे बसे लोग सहमे एवं डरे हुये हैं। उन्हें यही डर सता रहा है कि वर्ष 2013 को मंदाकिनी नदी में आई बाढ़ की पुनरावृत्ति न हो। विगत दो दिनों तक हुई लगातार बारिश के कारण मंदाकिनी के जल स्तर में हुई भारी वृद्धि से केदारघाटी में दहशत का माहौल है। जगह-जगह अस्थाई पुल बहने से लोगों की दिनचर्या भी प्रभावित हो गई है। बृहस्पतिवार को मंदाकिनी नदी का जल स्तर बढ़ने से कई आपदा प्रभावित अपने घरों को छोड़ने के लिये मजबूर हो गये। नदी का बहाव इतना तेज था कि लोग 16-17 जून 2013 की आपदा को याद करने लगे। गंगानगर, विजयनगर, सिल्ली, जवाहरनगर, बेडूबगड़, चन्द्रापुरी सहित अन्य स्थानों के लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जल स्तर बढ़ने से मंदाकिनी नदी किनारे बनाई गई कई सुरक्षा दीवारें भी ध्वस्त हो गई हैं। जबकि कई स्थानों पर सुरक्षा दीवारों के ऊपर से पानी बह रहा है। स्थानीय आपदा पीडि़त रमेश बैंजवाल का कहना है कि मंदाकिनी नदी के जल स्तर में हो रही लगातार वृद्धि के कारण नदी किनारे बसे लोग डरे हुये हैं। केदारघाटी में कभी भी आफत बरस सकती है। ऐसे में प्रशासन को पूर्व से ही नदी किनारे बसे लोगों को सुरक्षित रखने की व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नदी का जल स्तर बढ़ने से रात्रि के समय लोग अपने घरों को खाली कर सुरक्षित स्थानों की ओर भाग रहे हैं। केदारघाटी में अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो रहा है। वहीं दूसीर ओर शुक्रवार को अलकनंदा नदी के जल स्तर में भारी वृद्धि देखने को मिली। नदी किनारे स्थित सभी स्नान घाट भी जलमग्न हो गये। नगरपालिका के पुराने कार्यालय तक पानी का स्तर बढ़ गया था। इसके साथ ही विशाल शिव मूर्ति भी जलमग्न हो गई थी। प्रशासन ने भी दोनों नदियों के बढ़ते जल स्तर को देखते हुए अलर्ट जारी कर दिया था।
गांवों को जोड़ने वाले कई लिंक मोटरमार्ग बाधित, ग्रामीण क्षेत्र के लोगांे की बढ़ी दिक्कतें
दो दिनों तक हुई भारी बारिश के कारण ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने वाले विभिन्न लिंक मोटरमार्ग भी क्षतिग्रस्त हो गये हैं। अभी तक मोटरमार्गोंं को खोलने की दिशा में विभागों की ओर से कोई पहल शुरू नहीं की गई है। जिस कारण ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मोटरमार्ग बंद होने से कई वाहन भी जगह-जगह फंसे हुये हैं। ग्रामीण कई किमी का पैदल सफर तय करने के बाद अपने गंतव्यों तक पहुंच रहे हैं। लोक निर्माण विभाग के नौ मोटरमार्ग मलबा आने के कारण जगह-जगह बंद पड़ गये हैं। बुधवार से बृहस्पतिवार देर रात्रि तक हुई भारी बारिश के कारण आम जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। शहरी क्षेत्रों से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की दिनचर्चा खासी प्रभावित हो गई है। मोटरमार्गों पर जगह-जगह मलबा आने के कारण ग्रामीण लोगों को कई किमी का अतिरिक्त सफर तय करना पड़ रहा है। ग्रामीण कई बार विभागीय अधिकारियों को मोटरमार्गों के बंद पड़े होने की सूचना दे चुके हैं, लेकिन अभी तक एक भी मोटरमार्ग से मलबा नहीं हटाया गया है। लोक निर्माण विभाग रुद्रप्रयाग का रुद्रप्रयाग-पोखरी, बुगानी-मयकोटी, पोखरी-कोलूबैंड-तड़ाग, विजयनगर-तैला, खांखरा-खेड़ाखाल, काण्डई-कमोल्डी, रैंतोली-जसोली, ग्वाड़-खेड़ीखाल, रतनपुर-स्वीली-जवाड़ी-दरमोला मोटरमार्ग जगह-जगह मलबा आने के कारण बंद पड़ गये हैं। सभी मोटरमार्गों पर जगह-जगह भारी मात्रा में मलबा आ गया है। मोटरमाार्गों से मलबा हटाने में एक-दो दिन का समय लग सकता है। ऐसे में ग्रामीणों की दिक्कतें ओर अधिक बढ़ सकती हैं। मोटरमार्ग बंद होने के कारण कई वाहन भी जगह-जगह फंसे हुये हैं। ग्रामीण विभाग को समस्या से अवगत करा चुके हैं, लेकिन अभी तक एक भी मोटरमार्ग आवाजाही लायक नहीं खुल पाया है। ग्रामीणों को कई किमी का पैदल सफर तय करने के बाद रोजमर्रा की सामग्री जुटानी पड़ रही है। वहीं दूसरी ओर पीएमजीएवाई जखोली के अंतर्गत तिलवाड़ा-सौंराखाल मोटरमार्ग पर घेंघडखाल के निकट भारी मात्रा में मलबा आने के कारण कई वाहन फंस गये हैं। मोटरमार्ग पर मलबा आने के कारण ग्रामीणों को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र की जिला पंचायत सदस्य श्रीमती आशा डिमरी ने विभागीय अधिकारियों से शीघ्र मोटरमार्ग से मलबा हटाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मोटरमार्ग पर मलबा आने के कारण ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। साथ वाहन के फंसने से समस्याएं ओर अधिक बढ़ गई हैं। इधर लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता इन्द्रजीत बोस का कहना है कि मोटरमार्गों को खोलने के लिये जेसीबी मशीनें भेजी जा रही हैं। एक-दो दिन के भीतर सभी मोटरमार्गों से मलबा हटाया जाएगा।
बारिश थमने से ली लोगों ने राहत की सांस, विभिन्न पड़ावों में फंसे यात्रियों को निकालने का काम शुरू
देहरादून,26 जून(निस)। शुक्रवार को गढ़वाल मंडल में बारिश थमने से लोगों ने राहत की सांस ली है। सुबह से ही पर्वतीय जनपदों में धूप खिली हुई है। वहीं कुमाऊं मंडल के पर्वतीय जनपदों में अब भी बारिश जारी है। हाईवे बंद होने से बदरीनाथ, हेमकुंड, गंगोत्री व केदारनाथ यात्रा बंद पड़ी है। बारिश थमने के बाद प्रशासन ने केदारनाथ, बदरीनाथ समेत विभिन्न यात्रा पड़ावों में फंसे यात्रियों को हेलीकॉप्टर से निकालने का काम शुरू कर दिया है। साथ ही प्रशासन ने बंद पड़े हाईवे खोलने का काम भी तेज कर दिया। गुरुवार को हुई मूसलाधार बारिश से पर्वतीय क्षेत्रों में कई स्थानों पर सड़कें धवस्त हो गई थी। रुद्रप्रयाग जनपद में के लिए गुप्तकाशी-गौरीकुंड हाईवे मुनकटिया के पास ध्वस्त हो गया था। साथ ही सोनप्रयाग के पास मंदाकिनी नदी में बना मोटर पुल भी ध्वस्त हो गया। इसके गौरीकुंड हाईवे पूरी तरह से बंद है। हालांकि सोनप्रयाग के पास पैदल पुल सुरक्षित है, यहां से लोग पैदल जा सकते हैं। बारिश के चलते प्रशासन ने सुरक्षा के लिहाज से हेमकुंड व केदारनाथ यात्रा शुक्रवार को भी रोकी हुई है। फिलहाल केदारनाथ समेत विभिन्न यात्रा पड़ावों में फंसे यात्रियों को हेलीकॉप्टर से निकालने का काम शुक्रवार की सुबह छह बजे से शुरू कर दिया गया। केदारनाथ समेत गौरीकुंड, लिनचोली, भीमबली आदि यात्रा पड़ावों में गुरुवार को करीब सात सौ से अधिक यात्रियों को रोक दिया गया था। चमोली जिले में सुबह कुछ देर बूंदाबांदी के बाद मौसम साफ हो गया। हेमकुंड व बदरीनाथ से यात्रियों को जोशीमठ पहुंचाने के लिए चार हेलीकॉप्टर लगा दिए गए हैं। विभिन्न स्थानों पर बंद बदरीनाथ हाईवे को खोलने का कार्य सुबह से ही शुरू कर दिया गया। पीपलकोटी से लेकर बदरीनाथ तक हाईवे कई स्थानों पर भूस्खलन से बंद है। अभी बीआरओ ने पागलनाला, चमोली व मैठाणा में हाईवे खोल दिया, लेकिन टंगणी, पीपलकोटी, लामबगड़, रडांग बैंड आदि स्थानों पर हाईवे बंद है।
फूलों की घाटी को जाने वाला पुल बहा
देहरादून,26 जून(निस)। गुरुवार को लक्ष्मणगंगा नदी का जल स्तर बढ़ने से गोविंदघाट से फूलों की घाटी को जाने वाला पुल बह गया था। इसके स्थान पर दूसरा पुल तैयार करने को सेना के जवान मौके के लिए रवाना हो गए हैं। वहीं गुरुवार की रात को अलकनंदा व लक्ष्मण गंगा का जलस्तर बढ़ने से गोविंदघाट में पार्किंग में खड़ी दो कार नदी में समा गई,साथ ही गोविंदघाट गुरुद्वारे के नीचले हिस्से में पानी घुसने से वहां ठहरे यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। सभी को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया। अभी बदरीनाथ पीपलकोटी से लेकर बदरीनाथ तक विभिन्न यात्रा पड़ावों में करीब तेरह हजार यात्रियों को सुरक्षा के लिहाज से ठहराया हुआ है। इनमें बदरीनाथ में करीब तीन हजार, घांघरिया में पांच हजार, गोविंघाट में 1500 यात्री हैं। बदरीनाथ, हेमकु्ंड व गोविंदघाट आदि स्थानों के निरीक्षण के लिए सुबह हेलीकॉप्टर से अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा व हेमकुंड गुरुद्वारा कमेटी के उपाध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा गोविंदघाट पहुंच गए। वहीं देवीय आपदा सचिव व लोक निर्माण सचिव व अन्य विभागों के अधिकारी, सोनप्रयाग व गोविंदघाट का निरीक्षण कर रहे हैं। उत्तरकाशी में सुक्की व हर्षिल के पास गंगोत्री हाईवे मलबा आने से बंद पड़ा है। इसे खोलने के लिए बीआरओ ने मशीने लगाई हुई है। हाईवे बंद होने के कारण गंगोत्री व अन्य पड़ावों में करीब छह सौ यात्रियों को ठहराया हुआ है। पौड़ी जनपद में सुबह से धूप खिली है। अभी जिले के दस संपर्क मार्ग बंद पड़े हैं। चारधाम यात्रा की सुरक्षा और सुविधा के लिए एसडीआरएफ की टीम गोविंदघाट व गुप्तकाशी भेज दी गई है। साथ ही व्यवस्थाओं पर नजर रखने को मुख्यमंत्री के सलाहकार रनजीत सिंह रावत घांघरिया पहुंच गए। उन्होंने बताया कि एसडीआरएफ और पुलिस की सहायता से सभी यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है। कहीं किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है।
कुमाऊं के पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश जारी
देहरादून,26 जून(निस)। कुमाऊं के पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश जारी है, जबकि तराई भाबर में मौसम खुल गया है। पिथौरागढ़ में लगातार बारिश के चलते धारचुला-मुनस्यारी- डीडीहॉट मार्ग बंद है। पिथौरागढ़- टनकपुर और अल्मोडा मार्ग भी बंद पड़ा है। जिले के सीमान्त इलाके में संचार व्यवस्था ठप है। चंपावत में गुरुवार से लगातार बारिश जारी है। हाईवे पर मलवा आने से आवाजाही प्रभावित हो रही है। ग्रामीण क्षेत्रों की सडकें बंद हो गई हैं। दूरदराज के कुछ इलाकों की बिजली गुल है। नदी नाले उफान पर हैं। इधर दो दिन से लगातार हो रही बारिश से चंपावत जिले में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। शुक्रवार की सुबह तक चंपावत में 155 एमएम व बनबसा में 159 एमएम बारिश हुई। बनबसा में शारदा नदी का जल स्तर 221.50 पर पहुंच गया है। शुक्रवार की सुबह 11 बजे 255872 क्यूसेक पानी चल रहा था। आपदा कंट्रोल रूम शारदा का जल स्तर 221.70 होने पर अलर्ट जारी करता है, लेकिन बैराज से एहतियातन सुबह ही अलर्ट जारी कर दिया गया था। बारिश की वजह से धौन- सल्ली, धौन- द्यूरी व मंच- नीड़ मोटर मार्ग बंद है। लगातार बारिश व भूस्खलन के चलते नैनीताल जिले की 15 सड़कें बंद हो गई। इसमें जिला मुख्यालय को जोड़ने वाला भुजान बेतालघाट गर्जिया के अलावा चीनखानं-अंजड़, पंगोट-कुंजखड़क,रुसी-खुरपाताल, सेनिटोरियम-सिरोड़ी, देवीपुरा-सौड़, देवीपुरा-बोहरगाव, अमृतपुर-बानना, घोड़ाखाल-धुलई, भंडारपानी- पाटकोट, मोरनौला-मझेड़ा, ढोलीगांव आदि मार्ग प्रमुख हैं।
विद्युत उत्पादन ठप्प पड़ा
देहरादून,26 जून(निस)। गंगा में जलस्तर बढ़ने के साथ सिल्ट और गाद की मात्र भी बढ़ गई है। इसके चलते चीला जल विद्युत गृह में बिजली उत्पादन ठप हो गया। गंगा में उफान के बाद प्रातः छह बजे जल विद्युत निगम ने फ्लड पास करने के लिए बैराज में सभी फाटक खोल दिए थे। इसके बाद सात बजे चीला में उत्पादन निल हो गया। अभी उत्पादन शुरू होने की कोई गुंजाइश नहीं है। पहाड़ों में हुई बारिश से गंगा में उफान में आ गई। टिहरी झील का जलस्तर 746.76 मीटर पहुंच गया है। इससे कोई खतरा नहीं है। वहीं डोबरा-भिलंगना मोटर मार्ग बंद है। ऋषिकेश में गंगा चेतावनी रेखा 339.50 मीटर से 20 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है । जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक जलस्तर 10 सेंटीमीटर तक और बढ़ सकता है। ऋषिकेश में 340.50 मीटर पर है खतरे का निशान। ऋषिकेश व आसपास क्षेत्र के गंगा तटीय इलाकों में प्रसाशन ने अलर्ट जारी किया है। हरिद्वार में गंगा खतरे निशान से करीब दो मीटर 60 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। तटवर्ती इलाकों में खासकर सतर्कता बरती जा रही है।
कैलास मानसरोवर यात्रियों का चैथा दल रोका
देहरादून,26 जून(निस)। कैलास सरोवर यात्रा मार्ग खेत और छिरकिला के पास बंद पड़ा है। साथ ही वैकल्पिक मार्ग तीनतोला के पास मलबा आने से बंद है। इस पर सुरक्षा की दृष्टि से पैदल यात्रा में जाने वाले चैथे दल को अभी आधार शिवीर धारचुला ही रोका गया है। यह गुरूवार को धारचूला पहुंचा था। शुक्रवार को इसे पैदल पड़ाव सिरखा रवाना होना था। दल में 54 सदस्य है। इधर गुरुवार सुबह व्यालधार के पास मार्ग पर मलबा आने से छोटा कैलास जा रहा चैथा तीर्थयात्रियों का दल चार घंटे फंसा रहा। बीआरओ के मार्ग को खोलने के बाद तीर्थयात्री आगे बढ़े। प्राप्त जानकारी के अनुसार, गुरुवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे बारिश के चलते धारचूला से 27 किलोमीटर दूर व्यालधार के पास मार्ग पर मलबा आग गया। इससे छोटा कैलास जा रहा चैथा दल फंस गया। सूचना पर बीआरओ की टीम मौके पर पहुंची। करीब चार घंटे की मशक्कत के बाद मार्ग को खोला गया। इसके बाद तीर्थयात्रियों का दल आगे रवाना हो गया। दल में 26 तीर्थयात्री हैं।
शिक्षक दिवस पर ‘गवर्नर्स टीचर्स अवार्ड‘ से सम्मानित होंगे राज्य के उत्कृष्ट शिक्षक
देहरादून, 26 जून (निस)। राज्यपाल डा0 कृष्ण कांत पाल द्वारा लिए गये निर्णयानुसार प्रत्येक वर्ष 05 सितम्बर व शिक्षक दिवस के अवसर पर राज्य के श्रेष्ठ शिक्षकों को राजभवन में ‘गवर्नर्स टीचर्स अवार्ड‘ से सम्मानित किया जायेगा। राज्य गठन के बाद आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में श्रेष्ठ शिक्षकों को राज्यपाल द्वारा सम्मानित किए जाने का यह पहला अवसर होगा। राज्यपाल के प्रस्तावानुसार अवार्ड हेतु प्रत्येक जनपद के शासकीय विद्यालयों से राज्य सरकार द्वारा दो श्रेष्ठ शिक्षकों का चयन किया जायेगा जिनमें एक शिक्षक महिला वर्ग एवं एक पुरूष वर्ग से चयनित होगा। इस प्रकार राज्य के कुल 13 जनपदों से 26 श्रेष्ठ शिक्षक व शिक्षिकाओं को प्रतिवर्ष यह सम्मान दिया जायेगा। इसके अन्तर्गत चयनित शिक्षक व शिक्षिका को राज्यपाल द्वारा पाँच हजार रूपये की नकद धनराशि तथा ‘गवर्नर्स टीचर्स अवार्ड‘- प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया जायेगा। राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थियों को सही मार्गदर्शन, ज्ञान देकर उनका भविष्य संवारने, उन्हें एक जिम्मेदार नागरिक व अच्छा इंसान बनाकर उन्हें राष्ट्र निर्माण हेतु मजबूत इकाई के रूप में तैयार करने के लिए समर्पित शिक्षकों का सम्मान करना पूरे समाज का दायित्व है, यह हमारी परम्परा भी रही है, सम्मान से शिक्षकों का मनोबल ऊँचा रहता है।
खोदी गयी सड़क दोबारा बनाने को लेकर लोगांे ने लगाया जाम
देहरादून, 26 जून (निस)। सीवर लाइन बिछाने के लिए खोदी गई सड़क को दोबारा ठीक नहीं करने से गुस्साए स्थानीय लोगों ने शुक्रवार को चकराता रोड जामकर दी। उन्होंने एडीबी प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। जाम से राहगीरों और वाहनों में बैठे लोगों को खासी दिक्कतें हुई। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और लोगों की बीच नोकझोंक की स्थिति भी पैदा हुई। काफी देर बाद आश्वासन मिलने के बाद लोगों ने जाम हटाया। शुक्रवार को भाजपा पार्षद अमिता सिंह के नेतृत्व में विजयपार्क, हरी विहार, हरिकुंज, नेहरू एन्कलेव के लोग भारी संख्या में चकराता रोड पर बल्ड बैंक के समीप एकत्रित हुए और रोड जाम कर दिया। लोगों का कहना था कि एडीबी ने एक साल पहले क्षेत्र में सीवर लाइन बिछाने के लिए सड़क खोदी थी। अभी तक सड़क की मरम्मत नहीं की है। इसके चलते मार्ग पर रोजाना दुपहिया चालक फिसलकर चोटिल हो रहे हैं, वहीं बरसात से मार्ग पर पैदल चलना भी दूभर हो गया है। जाम के कारण सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लगी रही। गर्मी में परेशान लोगों ने प्रदर्शनकारियों से मार्ग खोलने का अनुरोध भी किया, लेकिन वो नहीं माने। सूचना पर पहुंची गढ़ी कैंट पुलिस ने व्यवस्था बनाने के लिए यातायात दूसरी रोड पर डायवर्ट किया। जाम लगने के एक घंटे बाद भी एडीबी और प्रशासन के अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे। बाद में आश्वासन के बाद लोगों ने जाम खोला। प्रदर्शन करने वालों में कमलेश्वरी रौतेला, जगजीत भाटिया, सरोज भाटिया, विपिन डबराल आदि शामिल थे।
युवक ने पंखे से लटककर की खुदकुशी
देहरादून, 26 जून (निस)। तीर्थनगरी ऋषिकेश के बापूग्राम में शादी के एक महीने बाद एक युवक ने पंखे से लटककर खुदकुशी कर दी। वह लंबे समय से अवसादग्रस्त बताया जा रहा था। घटनास्थल से कोई सुसाइट नोट भी नहीं मिला है। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मिली जानकारी के अनुसार बापूग्राम गली नम्बर-2 निवासी रविंद्र उर्फ टिंकू (25 वर्ष) पुत्र पृथ्वीपाल सिंह शुक्रवार सुबह जब काफी देर तक नहीं उठा। इस पर रविंद्र के कमरे का दरवाजा परिजनों ने जबरदस्ती खोला। कमरे में उसका शव पंखे पर लटका हुआ था। सूचना पर पंहुची पुलिस ने शव पंखे से नीचे उतार कर कमरे की तलाशी ली। आईडीपीएल चैकी प्रभारी प्रकाश पोखरियाल ने बताया पिछले कुछ समय से रविंद्र मानसिक रूप से परेशान था, उसका जॉलीग्रांट अस्पताल में इलाज भी चल रहा था। बताया कि उसकी शादी करीब एक माह पूर्व हुई थी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
नशे के खिलाफ मिलकर करना होगा जागरूकः अनूप नौटियाल
देहरादून, 26 जून (निस)। नशाखोरी और नशीली दवाओं के बढ़ते प्रचलन का सबसे ज्यादा गलत असर प्रदेश के युवाओं पर देखने में आ रहा है। नशे के व्यापार पर प्रतिबंध होने के बावजूद इस धंधे को चलाने वाले पैसे और अपनी पहुंच के बलबूते पर चोरी छुपे युवाओं को नशे का लती बनाकर उनके भविष्य को अंधकारमय बना रहे हैं। नशामुक्त समाज निर्माण के लिए नशे के दुष्परिणामों के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाना होगा, जिसमें समाज के हर वर्ग को अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। यह बात नशीली दवाओं के सेवन और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस के मौके पर इंडियन मीडिया सेंटर, आईएमसी उत्तराखंड के चेयरमैन एवं स्वास्थ्य विषयों के जानकार अनूप नौटियाल ने कही। अनूप नौटियाल ने कहा है कि युवाओं में बढ़ती नशे की लत को छुड़ाने और उन्हें जागरूक करने के लिए आईएमसी की ओर से समाज के हर वर्ग के लोगों को साथ लेकर समय-समय पर गोष्ठियों का आयोजन किया जाता रहा है। इस दौरान साझा रूप से निकलकर आने वाले विचारों और सुझावों से प्रदेश सरकार को अवगत करवाने का कार्य भी आइएमसी की ओर से किया जा रहा हैै। अनूप नौटियाल ने बताया कि हाल ही में प्रदेश सरकार ने छात्रों को नशे से दूर रखने के लिए पुलिस-प्रशासन को स्कूलों के आस-पास नशीली वस्तुओं पूरी तरह रोक लगाने और इस धंधे में लिप्त लोगों पर सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। नशे पर रोक की दिशा में यह एक अच्छी शुरूआत कही जा सकती हैै। अनूप नौटियाल ने कहा कि नशीले पदार्थों की तस्करी करने तस्करों के पुलिस के गिरफ्त में आने वाली सभी खबरों में पुलिस को मिलने वाली पूर्व सूचना सबसे बड़ा आधार होती है। इस मुहिम में और अधिक तेजी लाए जाने की जरूरत है जिसके लिए पुलिस को अपने पूर्व सूचना देने वाले तंत्र को और अधिक मजबूत बनाना होगा। क्षेत्रवासियों का सहयोग भी इस कार्य में सफलता पाने का एक बड़ा जरिया बन सकता है। अनूप नौटियाल ने कहा कि समाज के विकास के लिए सभी व्यक्तियों का स्वस्थ होना बेहद जरूरी है। उन्होंने नशे की लत से दूर रहने और अपने आस-पास के लोगों के साथ यथासमय इस विषय पर चर्चा करने के साथ ही नशीली दवाओं के सेवन और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस के मौके पर युवाओं से नशे की आदत का शिकार न बनने का आह्वान किया है।
चेन लूट का प्रयास करता युवक दबोचा
देहरादून, 26 जून (निस)। शुक्रवार की सुबह मोर्निंग वॉक पर निकली महिला से चेन लूटने का प्रयास कर रहे एक युवक को स्थानीय लोगों ने दबोचकर पुलिस के हवाले कर दिया। आरोप युवक समाज कल्याण विभाग के एक एकाउंटेंट का बेटा बताया जा रहा है।मिली जानकारी के आनुसार, शुक्रवार सुबह सारिका पत्नी जितेंद्र निवासी मोहनी रोड घर के समीप टहलने गई थी। बताया जा रहा है कि इस दौरान अचानक पीछे से एक युवक आया और महिला का मुंह दबा दिया। महिला इससे पहले कुछ समझ पाती उसने गले में हाथ डालकर चेन खींचने की कोशिश कर दी। महिला के शोर मचाने पर युवक बिना चेन लूटे भागने लगा। उसे कुछ लोगों ने पीछा करते हुए कुछ दूरी पर पकड़ लिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। आरोपी ने पूछताछ में अपना नाम अभिषेक राणा पुत्र यशवंत राणा निवासी नेहरू कॉलोनी बताया। उसने बताया कि उसक पिता यशवंत राणा समाज कल्याण विभाग में एकाउंटेंट हैं।
दो स्थानों पर चट्टानें खिसकने से मार्ग बंद
पिथौरागढ़, 26 जून (निस)। टनकपुर तवाघाट राष्ट्रीय राजमार्ग में पिथौरागढ़ से धारचूला के मध्य दो स्थानों पर चट्टानें खिसकने से मार्ग बंद हो गया है। पलेटा मंदिर के पास चट्टानें खिसकने से मंदिर के पुजारी और उनके साथ एक व्यक्ति बाल-बाल बचे हैं। मलबे में आ गए पुजारी और दूसरे व्यक्ति को काफी मशक्कत के बाद निकाला जा सका। खिरचिना के पास विशाल चट्टानें खिसक कर आने से मार्ग बंद हो चुका है। दोनों तरफ सैकड़ों वाहन फंसे हुए हैं। उधर काली नदी का जलस्तर धारचूला में खतरे के निशान तक पहुंच चुका है। नेपाल में बंगाबगड़ जाने वाला पैदल मार्ग बह चुका है। चल गांव में दो पुल बहने से गांव टापू बन चुका है। भारी वर्षा के चलते हाईवे किनारे स्थित सतगढ़ मंदिर के पास मलबा आ गया था। मलबा आने से मंदिर परिसर के कक्ष में बैठे मंदिर के पुजारी और एक अन्य व्यक्ति मलबे में फंस गए थे। इस दौरान सड़क से गुजर रहे वाहनों के यात्रियों ने दोनों को बाहर निकाला । मलबे में दबने से दोनों को हल्की चोटें आई हैं। दोनों खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं। वहीं इस स्थान से लगभग 15 किमी दूर खिरचना के पास विशाल चट्टानें टूट कर सड़क में आ गई है। फलस्वरूप दो बजे से सैकड़ों वाहन और यात्री फंसे हुए हैं। देर सायं तक मार्ग नहीं खुलने से कई वाहन वापस लौट चुके हैं। उधर थल, मुनस्यारी मार्ग में हरडिया और रातीगाड़ के पास फिर मलबा आ गया है। इस स्थान पर रामगंगा नदी में बनी झील बढ़ती जा रही है । धारचूला में काली नदी भारत नेपाल पुल पर खतरे के निशान से थोड़ा नीचे बह रही है। काली नदी का जल स्तर बढ़ने से नेपाल में बंगाबगड़ जाने वाला पैदल मार्ग बह चुका है। नदी का जलस्तर लगातार बढ रहा है। जिसके चलते धारचूला से लेकर जौलजीवी तक नदी किनारे रहने वाले लोग भयभीत हैं। उधर दारमा में चल गांव को दोनों तरफ से जोड़ने वाले घटगाड़ पुल और धौली गंगा नदी के पुल बह चुके हैं। धौलीगंगा नदी किनारे स्थित चल गांव टापू बन चुका है। धारचूला से पूजा के लिए चल गांव पहुंचे लोग फंस चुके हैं।
सीमांत जिले में जमकर बरसा पानी
पिथौरागढ़़, 26 जून (निस)। सीमांत जिले में मानसूनी वर्षा ने दस्तक दे दी है। पिछले 15 घंटे से लगातार आसमान बरस रहा है। मुनस्यारी तहसील क्षेत्र में आठ घंटे के भीतर जिले में सर्वाधिक 34 एमएम वर्षा हुई है। जिले की प्रमुख काली, गोरी, धौली , सरयू , रामगंगा और मंदाकिनी नदियां ऊफान पर हैं। गोरी नदी का कहर शुरु हो गया है। बसंतकोट के पास गोरी नदी पर बना पुल बह गया है। फलस्वरूप गोरी पार क्षेत्र के एक दर्जन गांवों की लगभग 11 हजार की आबादी अलग-थलग पड़ गई। यहां पर गरारी की रस्सी भी गल कर टूट चुकी है। मदकोट में नदी किनारे बन रहे अधूरे तटबंध डूबने लगे हैं। नदी का जलस्तर बढ़ने से निर्माण सामग्री पानी में बह गई है। साइपोलों गांव में पहाड़ की तरफ से भूस्खलन शुरू हो चुका है। लगातार पत्थर गिर रहे हैं। मलबे की चपेट में आने से एक भैंस की दबकर मौत हो गई है। 2013 के आपदा प्रभावित क्षेत्र में दहशत बनी है। थल-मुनस्यारी मार्ग मलबा आने से आठ घंटे बंद रहा। बुधवार की रात 12 बजे के आसपास से पानी बरसना शुरू हुआ। सुबह आठ बजे तक पिथौरागढ़ में 21 एमएम, गंगोलीहाट में 27 एमएम, बेरीनाग में 10.6 एमएम, डीडीहाट में 14 एमएम, मुनस्यारी में 34 एमएम और धारचूला में 13 एमएम वर्षा रिकार्ड की गई । गुरुवार को दिनभर आसमान बरसता रहा। इस दौरान कई स्थानों पर भू-कटाव शुरू हो चुका है। भारी वर्षा से आपदा प्रभावित क्षेत्रों में एक बार स्थिति फिर खराब होने लगी है। गोरी नदी में बसंतकोट के पास बना लकड़ी का पुल गोरी नदी के बहाव में बह गया। इस स्थान पर आवाजाही के लिए बनी गरारी की रस्सी सड़कर टूट गई है। गोरीपार के बोथी, ङ्क्षरगू चुलकोट, फाफा, जौलढुंगा, धूरातोली, बसंतकोट, उच्छैती, बादनी सहित एक दर्जन से अधिक गांवों का शेष जगत से सम्पर्क भंग हो चुका है। थल -मुनस्यारी मार्ग में हरडि़या और रातीगाड़ के पास मलबा आने से मार्ग आठ घंटे बंद रहा। दोपहर 12 बजे मार्ग खुला। क्षेत्र में भारी वर्षा होने से आपदा प्रभावित क्षेत्रों में खौफ बना हुआ है।
राज्य पुष्प ब्रहाकमल पर विलुप्ति का खतरा
रुद्रप्रयाग़, 26 जून (निस)। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाना वाला राज्य पुष्प ब्रह्मकमल पर भी विलुप्ति का खतरा मंडराता दिख रहा है। सावन के महीने में बड़ी संख्या में पैदा होने वाला यह पुष्प अब धीरे-धीरे कम दिखाई दे रहा है। राज्य पुष्प के साथ ही यह भोले बाबा के भक्तों में बड़ी श्रद्धा भक्ति से देखा जाता है। वहीं वर्ष 2013 में आई केदारनाथ आपदा का असर भी इस पुष्प पर इस घाटी में देखा जा रहा है। समुद्र तल से दस हजार फीट से अधिक ऊंचाई पर पाया जाना वाला राज्य पुष्प केदारपुरी के आस-पास काफी कम संख्या में मिल पाता है। प्रत्येक वर्ष यह पुष्प सावन के महीने में उगता है और अगस्त महीने तक पाया जाता है। आपदा से पूर्व केदारनाथ मंदिर से ऊपर बासुकीताल, समेत ऊचाई वाले स्थानों पर बड़ी संख्या में यह देखा जाता था। वहीं चमोली में फूलों की घाटी में भी यह काफी दिखाई देता है। श्रवन में भोले के भक्त इस पुष्प को शिव भगवान पर चढ़ाते हैं। माना जाता है कि इसके चढ़ावे से भोले बाबा अपने भक्तों पर काफी प्रसन्न होते हैं और उनकी मनोकामना पूरी करते हैं। हालांकि लगातार मौसम में आ रहे परिवर्तन का असर भी इस पुष्प पर पड़ रहा है। एक दशक पूर्व केदारपुरी में यह पुष्प आम भक्त चढ़ावे के लिए लाते थे, लेकिन अब धीरे-धीरे यह विलुप्ति की ओर बढ़ रहा है। केदारनाथ में भी मौसम में आ रहे बदलाव का असर इस पर पड़ रहा है। वर्ष 2013 में आई केदारनाथ आपदा से भी इस पुष्प को इस घाटी में काफी नुकसान पहुंचा है। चारो ओर ऊबड़ खाबड़ व मलबा होने से यह नहीं उग रहा है। धार्मिक महत्व के साथ ही ब्रह्मकमल औषधीय पौधे के रुप में भी बहुत उपयोगी है। खासी, जुकाम, जोड़ों के दर्द समेत कई अन्य प्रकार बीमारियों के लिए यह बहुउपयोगी है। इस पुष्प की खास बात यह है कि यह पत्थरों एवं चट्टानों पर उगता है। ऐसे में इस पुष्प के संरक्षण के लिए सरकार की ओर से पहल की जरूरत है।
प्रवर्तन निदेशालय की सूची में मंत्रियों के नाम आना गंभीर: अजय भट्ट
देहरादून,26 जून (निस)। नेता प्रतिपक्ष उत्तराखण्ड विधानसभा श्री अजय भट्ट ने कहा कि ईडी के पास प्रदेष के दो मंत्रियों के नाम आना बहुत ही गम्भीर बात है। उन्होंने कहा कि ईडी (प्रवर्तन निदेषालय) की ओर से आरोप है कि प्रदेष के दो मंत्रियों द्वारा जीमन के करोबार में करोड़ों रूपये निवेष किये गये हैं। श्री भट्ट ने कहा कि जब ईडी द्वारा एमडीडीए से इस संबन्ध में ब्यौरा मांगा जा रहा है तो प्रदेष सरकार के ईषारे पर उन्हें उक्त सम्बन्ध में ब्यौरा उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को षीघ्र ही उन मंत्रियों के नाम सार्वजनिक करने होंगे। उन्होने कहा कि प्रदेष सरकार पर प्रारम्भ से विपक्ष द्वारा लगाये जा रहे सभी आरोप धीरे-धीरे सिद्ध हो रहे हैं, चाहे वह षराब माफियाओं का हो या खनन माफियाओं का और अब जमीन माफियाओं से साॅठ-गाॅठ के मामले और उसमें करोड़ों रूपये निवेष के मामले में मंत्रियों का नाम आने से भी साबित हो रहा है कि सरकार किस तरह से माफियाओं के साथ मिली हुई है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि माफिया चाहे जमीन के हों या षराब और खनन के सभी की जड़ें सरकार द्वारा मजबूत की गयी हैं। उन्होंने कहा कि तीन दिन पूर्व जब कोटद्वार के एसडीओ द्वारा अवैध खनन के खिलाफ कार्यवाही करने का अभियान चलाया गया तो माफियाओं द्वारा पहले उन्हें कई मिलों तक दौड़ाया गया और पीछा करने के बाद जब उनके द्वारा ट्रैक्टर ट्राली रोकने का प्रयास किया गया तो चालक द्वारा उनके ऊपर ट्राली चढ़ाने का प्रयास किया गया किसी तरह से उनके द्वारा अपनी जान बचाई गयी और इसके बाद चालक फरार हो गया। श्री भट्ट ने कहा कि माफियाओं को सरकार ने इतना मजबूत किया है कि जब एसडीओ कोतवाली में तहरीर लिखवाने गये तो उन्हें पुलिस द्वारा दो घण्टे कोतवाली में बिठाये रखा किन्तु फिर भी रिपोर्ट दर्ज नहीं करायी गयी अंततः एसपी पौड़ी के फोन आने के बाद खनन माफियओं के खिलाफ तहरीर लिखी गयी इससे भी स्पश्ट होता है कि खनन माफियाओं के हौंसले इतने बुलंद हैं कि सरकार के दबाव में पुलिस भी उनके खिलाफ कार्यवाही करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है। श्री भट्ट ने कहा कि प्रदेष सरकार जनता की नहीं माफियाओं की सरकार है क्योंकि तीन दिन बाद भी पुलिस उस ट्रैक्टर चालक को नहीं पकड़ पायी जो दिन दहाड़े एसडीओ को कुचलने का प्रयास कर रहा था इतना ही नहीं कुछ दिन पूर्व ही यह वाहन अवैध खनन के मामले में सीज होकर छूटा था इसके बाद भी उसे नहीं पकड़ा जाना सिद्ध करता है कि माफिया ही सरकार चला रहे हैं। भट्ट ने कहा कि जनता के प्रति सरकार कितनी संवेदनहीन है इसकी बानगी कल की छोटी बारिष से देखने को मिली कि आपदा के कार्यों की गुणवत्ता पर सरकार ने कितना ध्यान दिया एक छोटी सी बारिष में ही आपदा क्षेत्रों के क्रमषः सोनप्रयाग और गौरीकुण्ड को जोड़ने वाला मोटर पुल, मंदाकिनी में बना अस्थाई पुल जो कालीमठ को जोड़ता था तथा पिथौरागढ़ के बसंतकोट में गोरी नदी का पुल पूरी तरह से बह गये। तथा इसके अलावा भी आपदाग्रस्त क्षेत्रों में हजारों यात्री फॅसे हुए हैं।
नगर निगम के अतिक्रमण की एस.डी.एम. को शिकायत
काशीपुर,26 जून (निस)। नगर को अतिक्रमण मुक्त करने के लिये जिम्मेदार नगर निगम काशीपुर द्वारा ही अतिक्रमण किया गया हैै। प्रतिष्ठित समाज सेवी संस्था माकाक्स द्वारा इस पर दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 133 व 144 के अन्तर्गत कार्यवाही कराने को उप जिला मजिस्ट्रेट, काशीपुर को शिकायत की हैै। प्रतिष्ठित समाज सेवी संस्था मौलाना अबुल कलाम आजाद अल्पसंख्यक कल्याण समिति (माकाक्स) की ओर से केन्द्रीय अघ्यक्ष नदीम उद्दीन एडवोकेट द्वारा हस्ताक्षरित शिकायत उपजिलाधिकारी कार्यालय में प्राप्त करायी गयी हैै। इस शिकायत में नगर निगम काशीपुर के विरूद्ध दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 133 व 144 के अन्तर्गत कार्यवाही करके अतिक्रमण व न्यूसेन्स हटाने की प्रार्थना एस.डी.एम. काशीपुर से की गयी है। श्री नदीम द्वारा हस्ताक्षरित प्रार्थना पत्र के अनुसार नगर निगम काशीपुर द्वारा जे.सी.बी. व कूड़े के वाहन खड़े करके नगर पालिका परिसर के मुख्य मार्ग को अवरूद्ध किया गया है। पालिका के वाहनों के लिये कांफ्रेंस हाल के नीचे स्थान बनाया गया है उसमें यह वाहन नहीं खड़े किये जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त पालिका के स्वामित्व की दुकानों के किराएदारों द्वारा अपनी दुकानों के सामने की सड़क की भूमि घेरने, उसमें वाहन खड़े कराकर तथा अन्य व्यक्तियों को फड़ लगवाकर मार्गों को अवरूद्ध किया जा रहा है। श्री नदीम ने बताया कि अगर एस.डी.एम. द्वारा शीघ्र प्रभावी कार्यवाही नहीं की जाती है तो मा0 उच्च न्यायालय, मानवाधिकार आयोग, लोकायुक्त सहित अन्य सक्षम प्राधिकारियों की शरण ली जायेगी।
सीएम ने केन्द्रीय मंत्री से मांगा बजट
देहरादून, 26 जून (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केन्द्रीय ग्रामीण विकास, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री चै. विरेंद्र सिंह को पत्र के माध्यम से राज्य में चल रही विभिन्न योजनाओं के लिए बजट स्वीकृति की मांग की। ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री श्री रावत को आज नई दिल्ली में केन्द्रीय मंत्री से भेट करनी थी, किन्तु प्रदेश में भारी वर्षा से उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने के लिए दिल्ली का दौरा बीच में स्थगित कर देहरादून लौट आये। मुख्यमंत्री श्री रावत ने पत्र के माध्यम से केन्द्रीय मंत्री को अवगत कराया कि भारत सरकार के ध्वजवाहक कार्यक्रम राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल आपूर्ति कार्यक्रम एवं स्चच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) का संचालन राज्य के समस्त ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित हो रहा है। इसके लिए राज्य को राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल आपूर्ति कार्यक्रम में 250 करोड़ रुपये का परिव्यय (केद्रांश) की स्वीकृति प्रदान करे। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल आपूर्ति कार्यक्रम के अन्तर्गत वर्ष 2015-16 में प्रथम किश्त के रूप में रूपये 43.20 करोड़ की धनराशि उत्तराखण्ड राज्य को अवमुक्त किये जाने की सूचना भारत सरकार की वेबसाइट पर अपलोड की गई थी, लेकिन अभी तक राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल आपूर्ति कार्यक्रम के अन्र्तगत वर्ष 2015-16 के परिव्यय के सापेक्ष में भारी कटौती कर दी गयी है। वर्ष 2014-15 में उत्तराखण्ड राज्य हेतु उक्त कार्यक्रम मंे स्वीकृत परिव्यय रूपये 145.67 करोड़ (केन्द्रांश) भारत सरकार द्वारा निर्धारित किया गया था, जिसके सापेक्ष वर्ष 2014-15 में राज्य को 111.48 लाख रूपये की धनराशि केन्द्रांश के तहत अवमुक्त की गयी थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वर्तमान स्वीकृत परिव्यय की सूचना राज्य को नहीं दी गयी है, किन्त पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अवमुक्त की गयी। प्रथम किश्त की राशि से लग रहा है कि वर्तमान वर्ष (वर्ष 2015-16) में उक्त कार्यक्रम में स्वीकृत परिव्यय के सापेक्ष केंद्र सरकार कटौती कर सकती है, मुख्यमंत्री ने कटौती न किये जाने का अनुरोध किया। राज्य के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधीन 797.25 करोड रुपये लागत की 363 ग्रामीण पेयजल योजनाएं निर्माणधीन है एवं इन योजनाओं पर माह अपै्रल, 2015 तक रूपये 423.96 करोड़ की धनराशि अवमुक्त की गयी है। इस प्रकार इन योजनाओं को पूर्ण करने हेतु अवशेष धनराशि रूपये 373.26 करोड़ की आवश्यकता है। इसके अलावा 335.91 करोड़ रुपये लागत की 72 ग्रामीण पेयजल योजनाओं की डीपीआर तैयार कर ली गई है। अन्य नयी योजनाओं के भी प्रस्ताव है, जिनकी डी.पी.आर. तैयार की जा रही है। इस प्रकार स्वीकृत निर्माणधीन योजनाओं एवं प्रस्तावित योजनाओं को पूर्ण करने के लिए 708.17 करोड़ रुपये धनराशि की आवश्यकता होगी। इसके अतिरिक्त पूर्ण ग्रामीण पेयजल योजनाओं के रखरखाव हेतु एवं सहयोग गतिविधियों हेतु वर्ष 2015-16 में कम से कम रूपये 40 करोड़ की धनराशि की और आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने वर्ष 2015-16 में भारत सरकार द्वारा उक्त कार्यक्रम के राज्य के परिव्यय मे सम्भावित कटौती के फलस्वरूप योजनाओं को पूर्ण करने एवं नयी योजनाओं को प्रारम्भ करने एव ंअपेक्षित गति प्रदान करने में अवरोध उत्पन्न होने की सम्भावना केंद्रीय मंत्री के समक्ष रखी। इस कटौती के फलस्वरूप राज्य के विधायकांें, मंत्रीगणों, जनप्रतिनिधियों एवं जनता में उत्पन्न हो रहे आक्रोश की भी बात कही। परिव्यय में कटौती के कारण राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल आपूर्ति कार्यक्रम के अन्य मदों जैसे पेयजल गुणवत्ता निगरानी एवं सहयोगी गतिविधियों के संचालन में भी अवरोध उत्पन्न हो रहा है। राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम में केन्द्रांश एवं राज्यांश का अनुपात 50: 50 है। उत्तराखण्ड राज्य के पास अपने वित्तीय संसाधन सीमित है तथा राज्य का लगभग 67 क्षेत्रफल वनभूमि से आच्छादित है। अतः राज्य की भौगोलिक स्थिति के दृष्टिगत एवं राज्य के सीमित वित्तीय संसाधनों को देखते हुए ग्रामीण पेयजल योजनाओं में केन्द्रांश एवं राज्यांश का अनुपात 90ः10 निर्धारित किये जाने एवं वर्ष 2015-16 में रूपये 250 करोड़ का परिव्यय (केन्द्रांश) की स्वीकृति प्रदान किये जाने की भी मांग की। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अन्तर्गत राज्य सरकार के अनुमोदन उपरान्त वर्ष 2015-16 हेतु रूपये 202.16 करोड़ (केन्द्रांश) की धनराशि की वार्षिक क्रियान्वयन कार्ययोजना (।ददनंस प्उचसमउमदजंजपवद च्संद) तैयार कर पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय भारत सरकार को निर्धारित समय के अन्दर उपलब्ध करायी गयी थी। जिसके सापेक्ष प्रथम किश्त के रूप में रूपये 30.81 करोड़ की धनराशि राज्य को अवमुक्त किये जाने की सूचना भारत सरकार की वेबसाइट पर अपलोड की गई स्वीकृति आदेशों के द्वारा प्राप्त हुई है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के सीमान्त जनपदों, जिनमें चमोली एवं बागेश्वर को आगामी 02 वर्षो में खुले में शौच की प्रथा से मुक्त किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिये अतिरिक्त धनराशि रूपये 20.35 करोड़ की आवश्यकता राज्य को होगी। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के दिशा निर्देशों के अनुसार घरेलू शौचालय के निर्माण हेतु 90ः10 के अनुपात में प्रोत्साहन धनराशि किये जाने का प्राविधान है, इसी प्रकार ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबन्धन, आई0ई0सी0 प्रशासनिक मद में 75ः25 एवं सामुदायिक स्वच्छता काॅम्पलेक्स हेतु 60ः30 के अनुपात धनराशि का प्राविधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने इन्हें भी 90ः10 के अनुपात में किये जाने की मांग की। केंद्रीय मंत्री ने मांगों पर विचार कर सकारात्मक निर्णय लिये जाने का आश्वासन दिया।
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