जाति प्रमाण पत्र के शेष आवेदन दो दिवस के भीतर जमा कराएं-अपर कलेक्टर
शासन के दिशा निर्देशानुसार जिले की शासकीय और अशासकीय स्कूलों में अध्ययनरत अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछडा वर्ग के विद्यार्थियों को निःशुल्क जाति प्रमाण पत्र प्रदाय कराए जाने है। उक्त निर्देशों के परिपालन में संबंधितों के द्वारा अब तक की गई कार्यवाहियों की समीक्षा शुक्रवार को अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू पवन भदौरिया ने पाॅलिटेक्निक के सभागार कक्ष में की। बैठक में विदिशा विकासखण्ड के अंतर्गत आने वाली शैक्षणिक संस्थाओं के गुरूजन मौजूूद थे। अपर कलेक्टर श्रीमती भदौरिया ने संबंधितों को सचेत करते हुए कहा कि शैक्षणिक संस्थाओं में दर्ज शत प्रतिशत संबंधित वर्गो के विद्यार्थियों को जाति प्रमाण पत्र प्रदाय किए जाने है। अभी भी कुछ संस्थाओं के द्वारा भरे हुए आवेदन जमा नही कराए गए है पर असंतोष जाहिर करते हुए। उन्होंने ऐसी सभी शैक्षणिक संस्थाओं के गुरूजनों को स्पष्ट निर्देश दिए कि शेष भरे हुए आवेदनो को दो दिवस के भीतर जमा कराना सुनिश्चित करेें।
कार्यवाही
अपर कलेक्टर श्रीमती भदौरिय ने कहा कि शत प्रतिशत जाति प्रमाण पत्र जारी करने में कुछ संस्थाओें के द्वारा उदासीनता बरती जा रही है। उन संस्थाओं का चिन्हांकन किया जा रहा है ताकि ऐसी निजी संस्थाओं की अधिमान्यता निरस्त करने के प्रस्ताव शासन को प्रेषित किए जा सकें। इसी प्रकार शासकीय शैक्षणिक संस्थाओं के गुरूजनों को भी उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि उनके द्वारा इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही परलिक्षित होती है तो उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाएगी। विदिशा एसडीएम श्री आरपी अहिरवार ने जाति प्रमाण पत्र के आवेदन के साथ संलग्न दस्तावेंजो के प्रमाणीकरण और उपलब्धता के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गांव में पंचनामा तैयार कर संलग्न किया जा सकता है। श्री अहिरवार ने बताया कि आगामी दो दिवसों में संबंधित सचिव, पटवारी, सरपंच से सम्पर्क कर दस्तावेंजो का सत्यापन कराकर लोक सेवा गारंटी के केन्द्र में जमा कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया पिछडा वर्ग के विद्यार्थियांे के पालक, अभिभावकगण को वर्ष 1984 की स्थिति में और अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के अभिभावकगणो के द्वारा घोषणा पत्र में 1950 में मध्यप्रदेश के किस जिले, ग्राम में निवासरत रहे है कि जानकारी अंकित करनी होगी। अपर कलेक्टर श्रीमती भदौरिया ने बताया है कि जिले की सभी शैक्षणिक संस्थाओं को आवश्यकतानुसार जाति प्रमाण पत्र के आवेदन उपलब्ध कराए जा चुके है। जिले की शैक्षणिक संस्थाओं मंे दर्ज संबंधित वर्गो के दो लाख 71 हजार विद्यार्थियों को जाति प्रमाण पत्र प्रदाय किए जाने है अब तक 94 हजार विद्यार्थियों को जाति प्रमाण पत्र उपलब्ध कराए जा चुके है। उन्होंने बताया कि शासन द्वारा उक्त कार्य के लिए तीस जून तक की अवधि निर्धारित की है। अपर कलेक्टर श्रीमती भदौरिया ने बताया कि जिले की शैक्षणिक शाला परिसर मेें बालक और बालिकाओं के लिए एक-एक शौचालय का निर्माण कार्य भी तीस जून तक पूर्ण कराया जाना है अभी तक 209 शौचालय परिसरों में से 108 बन कर तैयार हो गए है शेष अन्य प्रगतिशील है। अपर कलेक्टर श्रीमती भदौरिया ने उपस्थित गुरूजनों से कहा कि समय पर स्कूल खोले जाए और अध्यापन कार्य किया जाए। उक्त व्यवस्था की क्रास माॅनिटरिंग के लिए जिला स्तर पर दल गठित किए जा रहे है। उक्त बैठक में अतिरिक्त तहसीलदार श्री केएन ओझा, नायब तहसीलदार सुश्री कल्पना कुशवाह, विदिशा बीईओ श्री विनोद चैधरी और बी आरसी श्री लखेरा के अलावा शैक्षणिक संस्थाओं के गुरूजन मौजूद थे।
116 युवाओं का चयन हुआ
जिले के शिक्षित बेरोजगार युवाओं के लिए निजी कंपनियों में रोजगार मुहैया कराए जाने के उद्धेश्य से रोजगार मेलों का आयोजन किया जा रहा है। जिले के पांचवीं से लेकर बारहवीं तक के पास अथवा फेल युवाओं के लिए विशेष रोजगार मेले का आयोजन शुक्रवार को जालोरी गार्डन में किया गया था। जिसमें बालाजी सिक्युरिटी ऐजेन्सी के द्वारा 26 और एल एण्ड टी के द्वारा 90 युवाओं का विभिन्न पदो पर चयन किया गया है। रोजगार मेले का विधायक श्री कल्याण सिंह ठाकुर और जिला पंचायत अध्यक्ष श्री तोरण सिंह दांगी ने दीप प्रज्जवलित कर शुभांरभ किया। युवाओं को सम्बोधित करते हुए अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू पवन भदौरिया ने कहा कि जिले के युवकगण बेरोजगारी के दौर से मुक्त हो। इसके लिए प्रशासन द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे है। अनेक युवाओं को शासन की जन कल्याणकारी रोजगारमुखी योजनाओं से लाभांवित कराया जा रहा है और उनके द्वारा स्वरोजगार का उन्नयन किया जा रहा है। इसके अलावा ऐसे शिक्षित युवा जो निजी कंपनियों में शैक्षणिक योग्यताओं के आधार पर विभिन्न पदो पर नौकरी करने के इच्छुक है। उनके लिए जिले में रोजगार मेलों का आयोजन किया जा रहा है। अपर कलेक्टर श्रीमती भदौरिया ने कहा कि घर में बैठने की अपेक्षा निजी कंपनियों मंे जिस भी पद पर चयन हो उस पर कार्य प्रारंभ कर देना चाहिए ताकि अनुभवों में वृद्धि हो और ऊंचे पदो की तलाश प्रारंभ हो सकें। विधायक श्री ठाकुर ने कहा कि फेल युवाआंे के लिए इससे अच्छा अवसर प्राप्त नही हो सकता। अब वे नौकरी के साथ-साथ पढ़ाई कार्य को अंजाम देेकर जिले का नाम रोशन करें। जिला पंचायत अध्यक्ष श्री तोरण सिंह दांगी ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान का सपना है कि प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अधिक से अधिक संसाधन उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने युवाओं से कहा कि वे संकल्प लेकर परिश्रम करें ताकि प्रगति कर सकें। विदिशा एसडीएम श्री आरपी अहिरवार ने युवाओं से आग्रह किया कि वे इस रोजगार मेले का अधिक से अधिक दोहन कर निजी कंपनियों में रोजगार प्राप्त करें। उनके भविष्य निर्माण की यह प्रथम सीढ़ी है। परिश्रम और लगन से ऊंचाईयों को पाया जा सकता है। इससे पहले जिला रोजगार अधिकारी ने रोजगार मेले के आयोजन को रेखांकित किया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती दीप्ति शुक्ला ने किया और आभार श्री एमएस चैहान ने व्यक्त किया।
लाड़ली लक्ष्मी योजना का सरलीकरण
मुख्यमंत्री लाड़ली लक्ष्मी योजना के मामले में शासन द्वारा सरलीकरण किया गया है। जिसके तहत अब योजना का संचालन पोस्ट आफिस के माध्यम से ना होकर मध्यप्रदेश लाड़ली लक्ष्मी निधि के माध्यम से किया जाएगा। जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी श्री पाठक ने बताया है कि लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ लेने के लिए संबंधित आवेदकों को अपने आवेदन लोक सेवा केन्द्र, इन्टरनेट कैफे अथवा आंगनबाडी केन्द्र के माध्यम से किए जा सकते है। आवेदन के साथ हितग्राही के द्वारा बालिका का जन्म प्रमाण पत्र, निवासी प्रमाण पत्र, द्वितीय बालिका के प्रकरण में परिवार नियोजन का प्रमाण पत्र आॅन लाइन ही स्केन कराकर बेवसाइट पर अपलोड किया जाएगा। हितग्राही को केवल एक बार दस्तावेंज का सत्यापन संबंधित परियोजना कार्यालय में कराना होगा। प्रकरण स्वीकृत होते ही बेवसाइट पर प्रमाण पत्र जनरेट होगा जो सदैव विद्यमान रहेगा और कही भी उसका प्रिन्ट प्राप्त किया जा सकता है। श्री पाठक ने बताया कि लाड़ली लक्ष्मी बालिका कक्षा छटवीं में प्रवेश लेने पर दो हजार रूपए, नवमीं में प्रवेश लेेने पर चार हजार और ग्यारहवी एवं बारहवीं में प्रवेश लेने पर क्रमशः छह-छह हजार रूपए की राशि का भुगतान किया जाएगा और 21 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर बालिका को एक लाख रूपए की राशि का भुगतान किया जाएगा। बशर्त बालिका बारहवीं की परीक्षा में शामिल हुई हो एवं विवाह अठारह वर्ष की आयु के पूर्व उसका विवाह ना हुआ हो।
मत्स्याखेट पर प्रतिबंध
वर्षा ऋतु में मछलियों की वंशवृद्वि प्रजनन के दृष्टिकोण से उन्हंे संरक्षण देने हेतु मध्यप्रदेश नदीय मत्स्योद्योग की धाराओं के अंतर्गत मत्स्याखेट पर 15 अगस्त तक पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है कि जानकारी देते हुए मत्स्याद्योग के सहायक संचालक ने बताया है कि प्रतिबंधित अवधि तक सभी प्रकार के मत्स्याखेट पूर्णतः निषिद्ध रहेगा और इस दौरान विक्रय एवं विनिमय पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। नियमों का उल्लघंन करते पाए जाने पर संबंधित को एक वर्ष का कारावास या पांच हजार रूपए जुर्माना या दोनो से दंडित करने का प्रावधान है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें