संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही सोमवार को भी हंगामे की भेंट चढ़ गई। दोनों सदन स्थगित कर दिए गए। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व आईपीएल प्रमुख ललित मोदी से 'नजदीकी' संबंध की बात कही तो समाजवादी पार्टी ने संसद में विरोध प्रदर्शन में अब कांग्रेस का और साथ देने से मना कर दिया। कांग्रेस ललित मोदी मामले में सुषमा स्वराज और वसुंधरा राजे और व्यापम घोटाले में शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग पर अड़ी रही। सदन के बाहर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस देश के आर्थिक विकास को नुकसान पहुंचाना चाहती है। सुषमा का मुद्दा तो बहाना है। कांग्रेस गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) को पास नहीं होने देना चाहती।
सदन के बाहर ही कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधा। मोदी ने गया में राजस्थान और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों की प्रशंसा की थी। राहुल ने इस पर कहा, "प्रधानमंत्री इस बात को भूल गए कि एक चोर का राजस्थान की मुख्यमंत्री के साथ व्यावसायिक संबंध है।" राहुल ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को भी निशाने पर लिया। उन्होंने सुषमा स्वराज को संबोधित करते हुए कहा, "कृपया बताइये कि ललित मोदी ने आपके पारिवारिक खाते में कितना धन ट्रांसफर कराया है।" कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने संवाददाता सम्मेलन में ललित मोदी से सीधे प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बीच रिश्ते के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान अमित शाह और ललित मोदी के साथ मिलकर गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के जरिए आईपीएल की नीलामी प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश की थी। इस कोशिश का मकसद यह था कि नरेंद्र मोदी के एक उद्योगपति दोस्त को आईपीएल की फ्रेंचाइजी मिल सके।
इस बीच, संसद में लगातार जारी हंगामे के बीच विपक्ष की एकता में दरार पड़ने की खबर आई। समाजवादी पार्टी के मुखिया और सांसद मुलायम सिंह यादव ने लोकसभा अध्यक्ष से कहा है कि उनकी पार्टी के सांसद सदन में कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लेंगे। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने संसद के निचले सदन से गतिरोध खत्म करने का रास्ता निकालने के लिए सोमवार को सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई थी। सूत्रों ने बताया कि बैठक में मुलायम ने कहा कि सपा सांसद विरोध प्रदर्शन से अलग रहेंगे। वह चाहते हैं कि सदन चले। सूत्रों के मुताबिक, मुलायम ने यह भी कहा कि सदन का काम कांग्रेस नेतृत्व की मर्जी और सनक के हिसाब से नहीं चलेगा।
सोमवार को लोकसभा तीन बार स्थगित हुई। अध्यक्ष की आसंदी के निकट नारे लिखी तख्तियों के साथ कांग्रेस का प्रदर्शन हुआ। नारेबाजी हुई। कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि विपक्ष की गैर मौजूदगी में सुषमा स्वराज का बयान देना गलत था। मानवीय आधार पर ललित मोदी की मदद की बात को सही नहीं ठहराया जा सकता। राज्यसभा भी विपक्ष और सत्ता पक्ष में तीखी नोकझोंक के बाद सोमवार को दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। राज्यसभा की कार्यवाही पहले दोपहर 12 बजे फिर 2 बजे तक के लिए स्थगित की गई। 2 बजे के बाद भी हंगामे की वजह से सदन को स्थगित करना पड़ा।
सदन की कार्यवाही शुरू होने के तुरंत बाद उप-सभापति पी.जे. कुरियन ने विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद को बात रखने की इजाजत दी। आजाद ने सरकार पर पिछले तीन सप्ताहों के दौरान संसद के गतिरोध को खत्म करने के लिए कोई कोशिश न करने का आरोप लगाया। विपक्ष के आरोपों को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने खारिज किया। सोमवार को दिन भर हंगामे की एक खास बात यह भी रही कि जब जनता दल युनाइटेड के के.सी. त्यागी ने बिहार के नए राज्यपाल की नियुक्ति के तौर तरीके पर सवाल उठाए, उस वक्त कांग्रेस सांसद हंगामा छोड़कर अपनी सीट पर बैठ गए।
इस पर जेटली ने सख्त आपत्ति की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस चुन कर सिर्फ सरकार को ही नहीं बोलने दे रही है। यह सदन में व्यवहार का कैसा तरीका है। उप सभापति ने भी कहा कि उन्होंने सदन में ऐसा व्यवहार पहली बार देखा। किसी को चुनकर उसके लिए बाधा खड़ी करने को स्वीकार नहीं किया जा सकता।
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