केंद्र सरकार ने सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि वह केवल अश्लील बाल वेबासाइट पर रोक लगाना चाहती है। इससे अधिक करना उसके लिए संभव नहीं है। वह नैतिक पुलिस का चोला नहीं पहनना चाहती। महान्यायवादी मुकुल रोहतगी ने मुख्य न्यायाधीश एच.एल. दत्तू की अध्यक्षता वाली खंडपीठ से कहा कि सरकार सभी के घरों में मौजूद नहीं रह सकती। वह नहीं देख सकती कि लोग निजी तौर पर अपने घरों में क्या कर रहे हैं। सरकार उनके मनोरंजन में दखल नहीं दे सकती।
रोहतगी ने कहा कि यह ऐसा मामला है जिसमें खुद पर नियंत्रण की जरूरत होती है। सरकार अधिनायकवादी नहीं हो सकती। महान्यायवादी ने यह बातें सभी अश्लील वेबसाइट पर रोक लगाने की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान कहीं।
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