भोपाल, 17 नवंबर, बिहार विधानसभा चुनाव में अप्रत्याशित हार के बाद मध्यप्रदेश में एक समय में कांग्रेस का गढ रही रतलाम संसदीय सीट पर होने वाले उपचुनाव में सत्तारूढ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। वहीं कांग्रेस भी प्रदेश में अपनी खोई प्रतिष्ठा पाने के लिए एक बार फिर प्रयास में जुटी दिखाई दे रही है। दूसरी ओर बिहार फतह कर चुका जनता दल यूनाइटेड भी गैर भाजपा-गैर कांग्रेस दलों को साथ लेकर तीसरे मोर्चे के तौर पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराने की कोशिश में है। अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित इस सीट पर कांग्रेस से भारतीय जनता पार्टी में आए पूर्व सांसद दिलीप सिंह भूरिया के निधन के कारण उपचुनाव हो रहा है। यहां 21 जून को मतदान और 24 को मतगणना होगी। चुनाव प्रचार 19 तक होगा। प्रचार के अंतिम दिनों में लगभग सभी पार्टियों के बडे चेहरे यहां मतदाताओं को लुभाने के लिए ऐडी-चोटी का जोर लगा रहे हैं।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों की मानें, तो बिहार में हार के बाद भाजपा कोई कोर-कसर छोडने के मानस में नहीं है, यही कारण है कि प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने स्वयं कई दिन से यहां मोर्चा संभाला हुआ है। प्रदेश में विकास की तस्वीर को मुख्य मुद्दा बनाते हुए श्री चौहान विभिन्न स्थानों पर सभाएं करके पार्टी की प्रत्याशी और पूर्व सांसद दिलीप सिंह भूरिया की बेटी निर्मला भूरिया के लिए लोगों का समर्थन मांग रहे हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान और संगठन महामंत्री अरविंद मेनन ने भी दीपावली के बाद से ही इलाके में डेरा डाल लिया है। वहीं केंद्रीय इस्पात एवं खान मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय समेत प्रदेश के मंत्री गोपाल भार्गव, नरोत्तम मिश्रा, उमाशंकर गुप्ता और अंतरसिंह आर्य भी मतदाताओं के बीच आ चुके हैं।
साल 1952 से 2014 के बीच, लगभग 45 साल तक कांग्रेस के कब्जे में रही इस सीट पर इस बार कांग्रेस एक बार फिर कब्जा जमाने की उम्मीद पाले है। हालांकि राजनीतिक पर्यवेक्षकों के मुताबिक मूल तौर पर झाबुआ से जुडे कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया के खाते में कोई बडी उपलब्धि नहीं होना और रतलाम के लिए उनके मन में उपेक्षा का भाव माना जाना उनके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसके बाद भी पार्टी के प्रदेश प्रभारी मोहन प्रकाश और प्रदेश अध्यक्ष अरूण यादव इस क्षेत्र में लगातार सक्रियता बनाए हुए हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, कमलनाथ, सुरेश पचौरी, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह, राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट और महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता संजय निरूपम ने भी यहां धुआंधार प्रचार के उद्देश्य से अपनी आमद दर्ज कराई है। पार्टी यहां भी महंगाई समेत कई मुद्दों को लेकर भाजपा से लोगों की नाराजगी को भुनाने के प्रयास में है।
बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ सरकार बनाने जा रहे जनता दल (यू) ने भी गैर भाजपा-गैर कांग्रेस दलों के साथ यहां अपने प्रत्याशी विजय हारी को मैदान में उतारा है। मध्यप्रदेश में मजबूत राजनैतिक विकल्प के उद्देश्य से जनता दल यू, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी, बहुजन संघर्ष दल, राष्ट्रीय समानता दल इस सीट के बहाने एक साथ आ गए हैं। इस मर्तबा यहां आठ उम्मीदवार चुनावी रणक्षेत्र में हैं, हालांकि क्षेत्र का 17वां सांसद चुने जाने के लिए मुख्य मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया और भाजपा की निर्मला भूरिया के मध्य है। क्षेत्र में लोकसभा के लिए पहली बार उपचुनाव की नौबत आई है।
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