- घाटों की तैयारी 12 नवम्बर तक पूरा करने का निर्देश
पटना। शहर की घाटों की तैयारी जोरशोर से जारी है। भगवान भास्कर और भगवान दिवाकर को अर्घदान करने का है। इसके आलोक में श्रद्धालुओं को महाछठ मनाने में दिक्कत न हो, इसको लेकर प्रशासन सचेत है। पटना प्रमंडल के आयुक्त और जिलाधिकारी गंभीर है। घाटों की तैयारी 12 नवम्बर तक पूरा करने का निर्देश दिया है।
उल्लेखनीय है कि गंगा मइया रूठकर दूर बहुत दूर चली गयी हैं। गंगा मइया को राजधानी के निकट लाने का प्रयास किया गया। अव्वल पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल में केनाल बना था। जो फेल हो गया। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी केनाल बनाया। वह भी फेल हो गया। गंगा मइया को राजधानी के निकट लाने का प्रयास बड़े भाई और छोटे भाई जरूर ही किया। मगर गंगा मइया आने को तैयार ही नहीं है। अभी केनाल में गंदा पानी बहता है। और तो और उल्टी गंगा बह रही है। गंगा मइया का पानी बहकर पश्चिम से पूरब की ओर जाता है। मगर घरेलू गंदा पानी पूरब से पश्चिम की ओर बहकर गंगा नदी में गिर रहा है।
माननीय पटना उच्च न्यायालय के आदेश से गंगा मइया को राजधानी के निकट लाने का जो प्रयास किया गया है। उसी पर पुल बनाया जा रहा है। वहां पर दो भूगर्भ पाइप डाल दिया गया है। पाइप डालने से गंदा पानी का आवाजाही सुगम रूप से जारी है। वात्सलय अस्पताल के सामने एल.सी.टी.घाट पर और कुर्जी मोड़ के सामने पुल बनाया जा रहा है। रातदिन एक करके जेसीबी के सहारे पुल बनाया जा रहा है। इस पुल से वाहन भी आसानी से गंगा किनारे तक जाकर साइड कराया जा सकता है। जिला प्रशासन सचेत है कि चचरी का पुल नहीं बने। किसी तरह की अप्रत्याशित हादसा को टालने का प्रयास है।
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