बिहार में वाम राजनीति को मिली नई धार, संघर्षों को किया जाएगा तेज - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 10 नवंबर 2015

बिहार में वाम राजनीति को मिली नई धार, संघर्षों को किया जाएगा तेज

  • महागठबंधन की सरकार को जन अपेक्षाओं को करना होगा पूरा; भूमि सुधार, गरीबों के वास-आवास की जमीन, शिक्षा, सम्मानजनक रोजगार, स्वास्थ्य, न्याय आदि प्रश्नों पर जारी रहेगा हमारा आंदोलन
  • भागलपुर दंगाइयों की रिहाई दंगा पीडि़तों के साथ अन्याय

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पटना 10 नवंबर 2015, भाकपा (माले) नरेन्द्र मोदी और भाजपा की विभाजनकारी राजनीति और विनाशकारी नीतियों के खिलाफ जबर्दस्त जनादेश देने के लिए बिहार के नागरिकों को तहेदिल से धन्यवाद देती है. बिहार ने इस जनादेश के जरिये पूरे देश की भावनाओं को अभिव्यक्त किया है और यह जनादेश देशभर में लोकतंत्र के बचाव में चल रहे किसानों, मजदूरों, छात्रों, लेखकों, वैज्ञानिकों और बुद्धिजीवियों के आंदोलनों को प्रेरणा देगा. भाजपा के खिलाफ आक्रोश इतना तीखा था कि महागठबंधन को मोहलत मिल गयी है. बिहार की जनता के दिल में विकास की गहरी चाहत है, भूमि सुधार, गरीबों के वास-आवास के लिए जमीन, शिक्षा, सम्मानजनक रोजगार, स्वास्थ्य, न्याय आदि प्रश्नों पर बिहार की जनता लंबे समय से संघर्षरत है. पिछले 25 वर्षों से बिहार में लालू प्रसाद-नीतीश कुमार की ही सरकार है, लेकिन ये उम्मीदें अभी तक पूरी नहीं हुई है. भागलपुर दंगा के आरोपियों को आज बरी कर दिया गया है, यह दंगा पीडि़तों के साथ अन्याय है. हम नीतीश कुमार व लालू प्रसाद से अपने वादों को निभाने और दंगा पीडि़तों के न्याय की गारंटी की मांग करते हैं.

बिहार विधान सभा में भाकपा (माले) को तीन सीटों के साथ फिर से वापस पहुंचाने के लिए हम बिहार की जनता को धन्यवाद देते हैं. भाकपा (माले) बलरामपुर विधानसभा सीट पर 62513, दरौली में 49576 और तरारी में 44050 वोट लाकर जीत हासिल की है.  इसके अलावा वामपंथी प्रत्याशियों ने कई जगहों पर दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया है और कुल मिलाकर बेहतर प्रदर्शन किया है.

महागठबंधन और भाजपा गठबंधन द्वारा विभिन्न तरीकों से चुनाव को दो ध्रुवीय बनाने और जनता के मुद्दों को दरकिनार करने के प्रयासों के बीच वाम ब्लाॅक ने जनता के मुद्दों पर चुनाव में हस्तक्षेप किया और उसे जनता से जबरदस्त समर्थन भी मिला.  वाम ब्लाॅक ने तमाम विपरीत परिस्थतियों के बावजूद यह सफलता हासिल की है. यहां तक की, जिसे तीसरे मोर्चे के रूप में प्रचारित किया जा रहा था और मीडिया में भी उसे वाम ब्लाॅक से बहुत ज्यादा जगह मिल रही थी, वह इस आंधी-तूफान में तो कहीं टिक नहीं सका, जबकि वाम ब्लाॅक ने विधानसभा में अपनी सीटें 1 से बढ़ाकर 3 कर ली हैं. यह वाम कतारों के जबरदस्त एकता के ही बदौलत संभव हो सका है. माले का विधायक दल विधानसभा में जनता के सच्चे विपक्ष के बतौर काम करेगा. हमारी पार्टी जनता के मुद्दों को न सिर्फ विधानसभा के भीतर मजबूती से उठाएगी बल्कि सड़कों पर भी एकताबद्ध वाम आंदेालन को तेज करेगी. जल्द ही सभी 6 वाम दलों की बैठक बुलायी जाएगी और आगे का कार्यभार निर्धारित किया जाएगा.

तरारी विधानसभा सीट पर भाकपा-माले की विजयी कई मायने रखती है. यह वह इलाका है जहां गरीबों-दलितों ने अपने हक-अधिकार के लिए लंबा संघर्ष किया है, शहादतें दी हैं और अपने संघर्षों के बल पर सामंती-सांप्रदायिक ताकतों को पीछे धकेला है. लेकिन 2010 के विधानसभा चुनाव में सामंती ताकतों ने हमारी इस सीट का अपहरण कर लिया था, इस बार के चुनाव में गरीबों-दलितों व मेहतकश समुदाय ने तरारी सीट को सामंती-सांप्रदायिक ताकतों के चंगुल से मुक्त करा लिया है. हमारी पार्टी कामरेड रामनरेश राम की विरासत को आगे बढ़ाते हुए भोजपुर और पूरे बिहार में गरीबों के न्याय व हक-अधिकार के लिए संघर्ष जारी रखेगी.

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