- भाजपा की सांप्रदायिक राजनीति को धूल चटाने के लिए बिहार की जनता का क्रांतिकारी अभिनंदन
- भाजपा के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश के कारण महागठबंधन को मोहलत मिली,
- बिहार में वामपंथी राजनीति को मिलेगी नई धार, वाम एकता को मजबूत करते हुए जनता के संघर्षों को किया जाएगा तेज
पटना 8 नवंबर 2015, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा की सांप्रदायिक राजनीति को धूल चटाने के लिए बिहार की जनता के प्रति पूरे पार्टी परिवार की ओर से क्रांतिकारी अभिनंदन किया है. उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम मोदी सरकार के खिलाफ पनप रहे आक्रोश का खुला प्रदर्शन है. प्रधानमंत्री मोदी के 17 महीनों का कार्यकाल पूरे देश की जनता के लिए बेहद बुरे दिन साबित हुये हैं. जनता के जरूरी सवालों को दबाकर भाजपा ने सांप्रदायिक-भड़काऊ राजनीति के जरिए चुनाव को सांप्रदायिक दिशा देने की कोशिश की थी, लेकिन वामपंथी-लोकतांत्रिक आंदोलनों की भूमि बिहार में भाजपा की एक न चली और जनता ने उनकी चाल कोे पूरी तरह खारिज कर दिया है.
उन्होंने कहा कि विगत लोकसभा चुनाव में जिन उम्मीदों के साथ देश की जनता ने मोदी की सरकार बनाई थी, उन उम्मीदों का पूरी तरह गला घोंट दिया गया है. आज देश में महंगाई की मार और बढ़ गयी है, भ्रष्टाचार का दायरा व्यापक हो गया है, पूरा देश डर व भय के माहौल में जी रहा है. साहित्यकार, इतिहासकार, संस्कृतिकर्मी सबके सब इस सरकार के खिलाफ प्रतिरोध में उतरे हुए हैं. इसलिए बिहार विधानसभा चुनाव पर पूरे देश की निगाह थी. चुनाव परिणाम ने पूरे देश को आश्वस्त किया है कि इस देश में असहिष्णुता, सांप्रदायिक उन्माद और काॅरपोरेटपरस्ती की राजनीति नहीं चलने वाली है.
उन्होंने आगे कहा कि भाजपा के खिलाफ आक्रोश इतना तीखा था कि महागठबंधन को मोहलत मिल गयी है. बिहार की जनता के दिल में विकास की गहरी चाहत है, भूमि सुधार, गरीबों के वास-आवास के लिए जमीन, शिक्षा, सम्मानजनक रोजगार, स्वास्थ्य, न्याय आदि प्रश्नों पर बिहार की जनता लंबे समय से संघर्षरत है. पिछले 25 वर्षों बिहार में लालू प्रसाद-नीतीश कुमार की ही सरकार है, लेकिन ये उम्मीदें अभी तक पूरी नहीं हुई है. हम उम्मीद करते हैं कि नई सरकार जनता के इन प्रश्नों पर गंभीरता से काम करेगी.
उन्होंने आगे कहा कि बिहार की जनता ने बिहार विधानसभा में संघर्ष की आवाज को मजबूत किया है. भाकपा-माले ने बलरामपुर, तरारी व दरौली में जीत हासिल करते हुए अपनी पुनर्वापसी की है. यह जीत अपने हक-अधिकार के लिए संघर्षरत बिहार के गरीबों-दलितों-अल्पसंख्यकों, मजदूर-किसानों, महिलाओं और छात्र-नौजवानों की जीत है. यह बिहार में वामपंथी राजनीति को नई धार देने वाली साबित होगी. बिहार के वाम दलों ने इस चुनाव में एकताबद्ध होकर जनता के एजेंडे पर जबरदस्त तरीके से चुनाव अभियान को संचालित किया और चुनाव को वामपंथी दिशा देने का प्रयास किया. भाकपा-माले इस जीत के लिए बिहार की वाम कतारों का भी क्रांतिकारी अभिनंदन करती है. भाकपा-माले वाम एकता और मजबूत करेगी और जनता के मुद्दों को न सिर्फ विधानसभा के भीतर मजबूती से उठाएगी बल्कि सड़कों पर भी एकताबद्ध वाम आंदेालन को तेज करेगी.
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