पटना 09 नवम्बर, बिहार विधानसभा चुनाव में श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाला जनता दल यूनाइटेड :जदयू:, राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस ने सरकार बनाने के लिए जरूरी 122 का जादुई आंकड़ा पार करने के बाद अब दो तिहाई बहुमत हासिल करने के लिए मजबूत कदम बढ़ा दिया है, राज्य निर्वाचन कार्यालय के अनुसार बिहार विधानसभा की 243 में से 200 सीटों के घोषित परिणामों में से महागठबंधन ने 148 सीटें जीत ली है और अभी भी उसके 30 प्रत्याशी अपने क्षेत्रों में बढ़त बनाये हुए है । इस चुनाव में राजद सबसे बड़े दल के रूप में उभर कर सामने आया है उसके 60 प्रत्याशी चुनाव जीत गये हैं जबकि 20 जीत के करीब हैं । इसी तरह महागठबंधन में शामिल जदयू 65 सीट जीत चुका है और उसके छह प्रत्याशी आगे चल रहे हैं । वहीं कांग्रेस ने इस चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 23 सीट जीत ली है और चार सीट पर उसके प्रत्याशी बढ़त बनाये हुए हैं । वही इस चुनाव में राजग को करारी हार का सामना करना पड़ रहा है । राजग में शामिल भाजपा अब तक मात्र 43 सीट ही जीत पायी है और उसके 10 प्रत्याशी ही आगे चल रहे हैं। वहीं भाजपा की सहयोगी लोजपा ने दो सीट पर जीत हासिल की है और एक पर उसके प्रत्याशी आगे हैं जबकि हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा एक और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी दो सीट पर ही कब्जा जमाने में सफल रही है ।
इस बार के चुनाव में भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनिनवादी) ने अपना खाता खोल लिया है उसके दो प्रत्याशी विजयी हुये है। वहीं निर्दलीय ने दो सीटों पर जीत हासिल की है जबकि दो सीटों पर आगे चल रहे है। महागठबंधन की इस बड़ी जीत में भी जदयू के नेता और विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी अपनी हार नहीं बचा सके । श्री चौधरी को हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने 29 हजार 408 मत के भारी अंतर से पराजित किया । श्री चौधरी को 49981 मत मिले जबकि श्री मांझी को 79389 मत प्राप्त हुआ । दूसरी ओर श्री मांझी को मखदुमपुर सीट से हार का सामना करना पड़ा वहां उन्हे राजद के सुबेदार दास ने करीब 27 हजार मत के अंतर से पराजित किया ।
इसी तरह बिहार सरकार के मंत्री दामोदर रावत भी झाझा से चुनाव हार गये । श्री रावत को भाजपा के रविन्द्र यादव ने 22 हजार 171 मत के अंतर से पराजित किया है। भाजपा के श्री यादव को 65537 मत मिला जबकि श्री रावत को 43451 मत ही मिला । केन्द्रीय मंत्री राम विलास पासवान के भाई और लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस भी अलौली (सु) सीट से हार गये । श्री पारस को राजद के चंदन कुमार ने 24470 मतों के भारी अंतर से पराजित किया । श्री कुमार को 70519 जबकि श्री पारस को 46049 मत मिला ।
वैशाली विधानसभा क्षेत्र से हम के उम्मीदवार और पूर्व मंत्री वृषिण पटेल भी चुनाव हार गये । श्री पटेल को जदयू के राज किशोर सिंह ने 31061 मतों के अंतर से पराजित किया । श्री सिंह को 79286 और श्री पटेल को 48225 मत मिला । इसी तरह शिवहर सीट से पूर्व सांसद और हम उम्मीदवार लवली आनंद भी चुनाव हार गयी है। उन्हें जद यू के मोहम्मद सरफुद्दीन ने मात्र 461 मत के अंतर से पराजित किया है। मो. सरफुद्दीन को 44576 वहीं श्रीमती आनंद को 44115 मत मिले है। भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेणु देवी भी बेतिया से चुनाव हार गयी है। उन्हे कांग्रेस के मदन मोहन तिवारी ने करीब 2320 मतों के अंतर से पराजित किया है। श्री तिवारी को 86786 मत मिला वहीं श्रीमती रेणु देवी को 64466 मत हासिल हुआ ।
हार में पहली बार चुनाव लड़ने आये सांसद असद्दुदीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम), सांसद पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी , श्री मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी (सपा), सुश्री मायावती की बहुजन समाज पार्टी , पूर्व केन्द्रीय मंत्री नागमणि की समरस समाज पार्टी , भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी , मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और राष्ट्रीय वादी कांग्रेस पार्टी समेत कई अन्य दलों का खाता भी नहीं खुल सका । महागठबंधन ने समझौते के तहत राकांपा को तीन और सपा को भी चार सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखा था , लेकिन दोनों दलों ने इस अपना अपमान मानते हुए महागठबंधन से अलग होने का फैसला ले लिया । इसके बाद दोनों दल सांसद पप्पू यादव की पार्टी के साथ मिलकर तीसरा मोर्चा बनाया ,लेकिन बीच चुनाव में ही राकांपा इससे अलग हो गयी । महागठबंधन की इस बड़ी जीत में भी जदयू के नेता और विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी अपनी हार नहीं बचा सके । श्री चौधरी को इमामगंज (सु) सीट से हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने पराजित किया लेकिन श्री मांझी दूसरी ओर मखदुमपुर (सु) सीट से चुनाव हार गये। उन्हें राजद के सुबेदार दास ने पराजित किया ।
हार में पहली बार चुनाव लड़ने आये सांसद असद्दुदीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम), सांसद पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी , श्री मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी (सपा), सुश्री मायावती की बहुजन समाज पार्टी , पूर्व केन्द्रीय मंत्री नागमणि की समरस समाज पार्टी , भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी , मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और राष्ट्रीय वादी कांग्रेस पार्टी समेत कई अन्य दलों का खाता भी नहीं खुल सका । महागठबंधन ने समझौते के तहत राकांपा को तीन और सपा को भी चार सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखा था , लेकिन दोनों दलों ने इस अपना अपमान मानते हुए महागठबंधन से अलग होने का फैसला ले लिया । इसके बाद दोनों दल सांसद पप्पू यादव की पार्टी के साथ मिलकर तीसरा मोर्चा बनाया ,लेकिन बीच चुनाव में ही राकांपा इससे अलग हो गयी । महागठबंधन की इस बड़ी जीत में भी जदयू के नेता और विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी अपनी हार नहीं बचा सके । श्री चौधरी को इमामगंज (सु) सीट से हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने पराजित किया लेकिन श्री मांझी दूसरी ओर मखदुमपुर (सु) सीट से चुनाव हार गये। उन्हें राजद के सुबेदार दास ने पराजित किया ।
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