बिहार विधानसभा चुनाव में बंपर जीत हासिल करने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह बिहार की भावना और स्वाभिमान की जीत है। नीतीश ने कहा कि बिहार के लोगों ने इस चुनाव में महागठबंधन को जीताने का पहले ही मन बना लिया था। जद-यू, राजद और कांग्रेस की साझा प्रेस कांफ्रेंस में नीतीश ने रविवार को कहा, 'मैं इस जीत के लिए बिहार के मतदाताओं को धन्यवाद देता हूं। हमें सभी वर्गों का समर्थन मिला है। सभी तबके ने महागठबंधन को समर्थन किया है। हम मिलजुलकर एक सकारात्मक सोच के साथ काम करेंगे। किसी के प्रति दुर्भावना नहीं रखेंगे। हम विपक्ष का सम्मान करेंगे। इस चुनाव पर देश भर की निगाहें टिकी हुई थीं।'
बिहार के नतीजों का राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य के भी मायने हैं। देश को एक सशक्त विपक्ष की जरूरत है। राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में बिहार की भूमिका है। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने कहा, 'इतना शानदार ढंग से जनादेश देने के लिए मैं बिहार के सभी वर्गों के समक्ष नतमस्तक हूं। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बनेगी। हम अब केंद्र की सरकार के लिए चुनौती पेश करेंगे। इस जीत के बाद हम दिल्ली पर चढ़ाई करेंगे। सबसे पहले हम बनारस में जाएंगे। बिहार को लेकर हम कोई समझौता नहीं करने वाले हैं।'
लालू ने कहा, 'बिहार में जीत पर पीएम मोदी ने नीतीश को बधाई दी है। यह अच्छा शिष्टाचार है लेकिन उन्होंने बधाई दिल से दी है कि नहीं, यह पता नहीं। इस चुनाव का दूरगामी परिणाम होगा।' जदयू नेता ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाले राजग द्वारा आक्रामक प्रचार किये जाने और चुनाव में ध्रुवीकरण के प्रयासों के बावजूद लोगों ने जो भारी जनादेश दिया है, इससे पता चलता है कि सभी वर्ग के लोगों की उनसे कुछ अपेक्षाएं हैं और उन्हें पूरा करने के लिए वह अपनी तरफ से भरपूर प्रयास करेंगे।
लगातार तीसरी बार बिहार के मुख्यमंत्री बनने जा रहे नीतीश कुमार ने यह कहते हुए केंद्र में मजबूत विपक्ष के लिए गैर भाजपाई दलों को एकसाथ आने का सुझाव दिया कि बिहार चुनाव का राष्ट्रीय महत्व है और अब जरूरी हो गया है कि वे एक मजबूत विकल्प देने के लिए साथ काम करें। उनके साथ राजद प्रमुख लालू प्रसाद और बिहार कांग्रेस प्रमुख अशोक चौधरी भी थे।
कुमार ने कहा ‘बिहार चुनाव के नतीजों का राष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव पड़ेगा क्योंकि देश भर की निगाहें इस पर टिकी थी। परिणाम से यह स्पष्ट हो गया है कि लोग राष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत विपक्ष और मजबूत विकल्प चाहते हैं।’ कुमार ने कहा ‘बहुत आक्रामक अभियान चलाया गया (भाजपा द्वारा) और एक खास तरह का माहौल बनाने की कोशिश की गयी। लोगों ने उसे खारिज कर दिया, ध्रुवीकरण के प्रयासों को अस्वीकार कर दिया और अपनी राय बता दी। यह भारी जनादेश है और विनम्रता के साथ हम सबको इसकी उम्मीद थी।’ उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों के सहयोग के बिना इतनी बड़ी जीत मुमकिन नहीं थी।
कुमार ने कहा कि नयी सरकार के गठन की प्रक्रिया के तहत जल्द ही महागठबंधन में शामिल दलों के विधायकों की अलग से और एकसाथ बैठक होगी। नयी सरकार की प्राथमकिताओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उनके संयुक्त घोषणा पत्र में इनका उल्लेख पहले ही किया जा चुका है और समावेशी विकास की अपनी दृष्टि पर बल दिया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें