अन्ताल्या, 16 नवंबर,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक अार्थिक मंदी पर चिंता व्यक्त करते हुए आज कहा कि इसकी स्थिति सुधारने के लिए पारदर्शी, समान, भेदभाव रहित अौर नियम आधारित प्रणाली होना आवश्यक है। श्री मोदी तुर्की के पर्यटन शहर अन्ताल्या में विकसित और विकासशील देशों के संगठन जी-20 देशों के शिखर सम्मेलन के दौरान ‘उद्योग एवं व्यापार’ सत्र को संबाेधित करते हुए कहा कि वैश्विक मंदी चिंता का विषय है। मौजूदा आर्थिक परिदृश्य में इसमें सुधार की संभावना कम नजर आती है। इसमें सुधार के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे। पारदर्शी, समान, भेदभाव रहित और नियमों पर आधारित व्यापार प्रणाली इसके सुधार के लिए जरुरी है। यह आवश्यक है कि दोहा वार्ताएं अपना लक्ष्य को प्राप्त करें और बाली पैकेज के सभी पहलू पूरी तरह से लागू किए जाए।
नैरोबी बैठक में बेहतर परिणामों की उम्मीद जताते हुए उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय व्यापार समझौतों से वैश्विक व्यापार प्रणाली का ताना बाना प्रभावित नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि लघु एवं मध्यम उद्योगों के बढ़ती भूमिका से रोजगार के अवसरों में वृद्धि हो रही है। श्रम और कौशल विकास के लिए सतत् और संतुलित आर्थिक विकास की जरुरत पर बल देते हुए श्री माेदी ने कहा कि ऊर्जा के संदर्भ में तीन प्रमुख चुनौतियां है। विकासशील देशों में ऊर्जा की खपत बढ़ाना, करोड़ों लोगों तक बिजली पहुंचाना और स्वच्छ एवं नवीनीकरणीय ऊर्जा का उपयोग बढ़ाना है। ऊर्जा, पर्यावरण एवं अर्थव्यवस्था का आपस में गहरा संबंध बताते हुए श्री मोदी ने कहा कि भारत ने ऊर्जा जरुरतों को पूरा करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
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