नयी दिल्ली 10 नवंबर, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने खनन, रक्षा, नागर विमानन और प्रसारण सहित 15 प्रमुख क्षेत्राें में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति को उदार बनाने को महत्वपूर्ण बताते हुये आज कहा कि इससे निवेश बढ़ेगा जो विकास के लिए जरूरी है। श्री जेटली ने एफडीआई नीति में बदलाव किये जाने के बाद संवाददाताओं से कहा कि कारोबारी माहौल को सरल बनाना सरकार की प्राथमिकता है और इसी के बल पर वैश्विक रैंकिंग में भारत की स्थिति बेहतर हयी है। उन्होंने एफडीआई को अतिरिक्त संसाधन बताते हुये कहा कि सुधार के जरिये कुछ पुरानी शर्तें हटायी गयी है और कुछ उदार बनाये गये हैं। यह निर्माण क्षेत्र के लिए भी महत्वपूर्ण और इससे इस क्षेत्र में तेजी आने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि निवेशक उन क्षेत्रों में निवेश करना चाहते हैं जिसमें बढोतरी हो रही है या वृद्धि की उम्मीद है तथा जहां उन्हें बेहतर रिटर्न मिल सकता है। इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र का उल्लेख करते हुये उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के लिए नये उपक्रमों की जरूरत है और एफडीआई से इसमें बढोतरी होगी। वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले एक वर्ष में एफडीआई में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुयी है। कुछ क्षेत्रों में इसकी सीमा बढ़ायी गयी है और कुछ क्षेत्रों में ऑटोमेटिक रूट से एफडीआई की अनुमति दी गयी है। अप्रत्यक्ष कर संग्रह में बढ़ोतरी पर उन्होंने कहा कि इससे सरकार के राजस्व में बहुत सुधार हुआ है। योजनागत व्यय में कोई कटौती नहीं की जायेगी।
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