बेगूसराय 10 नवम्बर, भारतीय जनता पार्टी :भाजपा: के वरिष्ठ नेता और सांसद भोला सिंह ने बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार को आत्महत्या करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अमर्यादित भाषण और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आर एस एस) प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण पर दिये गये बयान को इसके लिए जिम्मेवार बताया है । श्री नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद सम्भवत: यह पहला मौका है जब भाजपा के ही किसी सांसद ने उनपर सीधा हमला किया है । श्री सिंह ने आज यहां अपने आवास पर संवाददाताओं से बातचीत में बिहार के चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अमर्यादित भाषण और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण पर दिये गये बयान को हार का कारण बताया और कहा कि श्री मोदी से लेकर केन्द्र और राज्य के नेताओं ने हमेशा अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया वहीं दूसरी ओर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शांतिपूर्वक इन मुद्दों का जवाब दिया । श्री कुमार की शालीनता का फायदा महागठबंधन के उम्मीदवारों को मिला और उसे बिहार में इतना भारी जनादेश मिला ।
भाजपा सांसद ने कहा कि किसी की बेटी-बेटे पर आम नेता बोलता हो तो बोल है लेकिन यह प्रधानमंत्री के स्तर की बात नहीं है । प्रधानमंत्री को राष्ट्रीय क्षितिज पर, जनता को ध्यान में रखकर बोलना चाहिए था । उन्होंने कहा कि वे इसे देश का चुनाव मानकर चल रहे थे। एक ओर जंतर-मंतर को लेकर कटाक्ष कर रहे थे तो दूसरी ओर अपने हाथ दिखा रहे थे लेकिन ये चुनाव का विषय नहीं था । श्री सिंह ने कहा कि भाजपा जहां रोजी-रोटी की बात कहती थी वहीं इस चुनाव में वह इससे भटक गयी । चुनावी भाषणों में गाय और पाकिस्तान को मुद्दा बनाया गया । उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बयानों और उनकी बेटी के बारे में बोलने की क्या जरूरत थी । श्री मोदी अपने जवाबों से श्री यादव की गुगली में फंस गये । श्री मोदी को उन्हें नजरअंदाज करना चाहिए था ।
भाजपा सांसद ने कहा कि चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्वयं सेवक प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण पर दिये गये बयान का भी बिहार की जनता पर उल्टा असर पड़ा और इसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ा। महागठबंधन के चुनावी भाषणों में श्री भागवत के उस बयान को बार-बार जनता के बीच रखा गया जिससे पिछड़ा और दलित वोट पार्टी को जितना मिलना चाहिए था, नहीं मिला । उन्होंने कहा कि भाजपा की नाव वहां डूबी जहां घुटने भर पानी था। इसलिए यह हार नहीं बल्कि आत्महत्या है । श्री सिंह ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर भी निशाना साधा और कहा "हेलिकॉप्टर उड़ रहे थे। सेनापति उसमें सवार थे। हमारे लोग बयानों में पाकिस्तान को ला रहे थे । इन्होंने कौन-सी बात की? कौन-सी मर्यादा सिखाई? केंद्रीय नेतृत्व यहां बैठा ही हुआ था। उसे किसी की जरूरत नहीं थी। सेनापतियों ने चुनाव हरवाया।" उन्होंने केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के बयान से भी काफी नुकसान पहुंचा ।
उन्होंने कहा दिया था कि अगर महागठबंधन जीतेगा तो सभी को गाय का मांस खिलाएगा । श्री सिंह का यह बयान भारत की सांस्कृतिक चेतना और अस्मिता पर प्रहार था। उन्हें किसने यह बोलने का अधिकार है । गौरतलब है कि भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा, आरके सिंह, हुकुमदेव नारायण यादव और अश्विनी चौबे भी बिहार चुनाव को लेकर पार्टी हाईकमान पर निशाना साध चुके हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें