पटना 30 दिसम्बर, बिहार से विदेशों में जाने वाले कामगारों की संख्या में काफी तेजी से वृद्धि होने के कारण भारत विश्व का सबसे अधिक विदेशी मुद्रा अर्जित करने वाला देश बन गया है। विश्व की बड़ी मुद्रा भुगतान समाधान (मनी ट्रांस्फर) कंपनियों में एक ट्रांसफास्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी समीष कुमार ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि बिहार और उत्तर प्रदेश के लोग काम करने के लिए खाड़ी देशों में जाते है और वहां से वे भारी मात्रा में विदेशी मुद्रा अर्जित कर भारत भेजते हैं । उन्होंने कहा कि भारत में सबसे अधिक विदेशी मुद्रा खाड़ी देशों से ही आती है।
श्री कुमार ने कहा कि वर्ष 2015 में बिहार में आने वाले विदेशी मुद्रा में काफी वृद्धि हुयी है। खाड़ी देशों से चालू वित्तीय वर्ष में अबतक 72 मीलियन डॉलर विदेशी मुद्रा देश में भेजा गया है। यह मुद्रा विश्व के विभिन्न देशों के अनुपात में कहीं ज्यादा है। उन्होंने खुलासा किया कि विदेशी मुद्राओं में से 54 प्रतिशत खाड़ी देशों जबकि 27 प्रतिशत संयुक्त राष्ट्र से आता है ।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कहा कि अगले वित्तीय वर्ष में 132 बिलियन डॉलर विदेशी मुद्रा भारत में आने की संभावना है। उन्होंने कहा कि वर्ष 200 6 में बिहार से विदेश गये अप्रवासी भारतीयों की संख्या 36 हजार 493 थी जो वर्ष 2011 में बढ़कर 71 हजार 438 तक पहुंच गयी है। वर्ष 2016 में यह आंकड़ा दो लाख से अधिक पहुंचने का अनुमान है। श्री कुमार ने कहा कि ट्रांसफास्ट ने सऊदी अरब के बैंक अल बिलाद की रिमेंटेस शाखा से समझौता किया है जिससे वहां काम करने वाले बिहारी कामगारों को अपने घरों में रूपये भेजने में आसानी होगी।
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