मॉस्को 30 दिसंबर, रूस की एक अदालत ने यूक्रेन के मामले में रूस की दखलअंदाली की आलोचना समेत अन्य पोस्ट को चरमपंथी बयान करार देते हुए एक ब्लॉगर को पांच साल कैद की सजा सुनायी है। साइबेरिया के तोम्स्क क्षेत्र का रहने वाली ब्लाॅगर वादिम त्युमेनस्तेव (35)पर साथ ही तीन साल तक इंटरनेट इस्तेमाल न करने की पांबदी लगायी गयी है। रूस के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इसे बचाव में अपना पक्ष रखने के अधिकार का हनन बताया है।
वादिम ने अपने ब्लॉग पर स्थानीय प्रशासन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कई पोस्ट किये थे। उसने साथ ही पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थित अलगाववादियों की कटु आलोचना की थी। उसने एक पोस्ट में लिखा है कि उसे यह बात समझ में नहीं आती कि आखिर आम रूसी नागरिक उनके खिलाफ क्यों लड़ने जायें।
अदालत का कहना है कि वादिम ने स्थानीय बस के किराये में बढोतरी के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए बिना पूर्व अनुमति के आयोजित बैठक में शामिल होने की लोगों से अपील की और ऐसा करके उसने सत्ता केा उखाड़े फेंकने की कोशिश की। तोमस्क में यूक्रेन के शरणार्थियों की मौजूदगी की शिकायत करते और उन्हें उनके देश वापस भेजने के संदेश वाले एक वीडियो का उल्लेख करते हुए अदालत ने कहा कि ऐसा करके उसने लोगों को यूक्रेन के शरणार्थियों के खिलाफ हिंसक कार्रवाई करने के लिए भड़काया। वादिम ने फैसले के खिलाफ अपील करने की बात की है।
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