रांची, 11 जनवरी, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि योजना बनाओ अभियान को जन आंदोलन के रूप में बदलना है और इसके लिए हम सभी को आगे बढ़ना होगा। मुख्यमंत्री ने आज राज्य के उपायुक्तों के साथ यहां प्रोजेक्ट भवन में वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान कहा कि सरकार की यह प्राथमिकता में है। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दास्त नहीं की जायेगी। यह टीम वर्क है। उन्होंने कहा कि राज्य के विकास में सभी को मिल कर काम करना है। हमें ऐसा झारखंड बनाना है, जो दूसरे राज्यों के लिए रोल मॉडल बने। श्री दास ने इसके लिए समयबद्ध कार्यक्रम भी तय किया। इसमें 17 जनवरी तक किस पंचायत में कौन जायेगा, यह तय करके ग्रामीण विकास विभाग को सूचित करना है। 19 से 26 जनवरी तक पंचायतों में योजना बनाने के लिए बैठक करनी है। इसमें मुख्यमंत्री, सांसद, मंत्री, विधायक, मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, उपायुक्त, डीडीसी, जिला के अन्य पदाधिकारी, सिविल सोसाइटी के लोग, शिक्षाविद् चेंबर ऑफ कामर्स के पदाधिकारी, मीडिया प्रतिनिधि समेत अन्य लोग को बैठक करनी है। जिन पंचायतों में बैठक नहीं हो पायी उनमें 28 जनवरी से चार फरवरी तक योजना बनाने की बैठक निश्चित रूप से पूरी करनी है। इसके बाद आये सुझावों को बजट में शामिल किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन बैठकों में ग्रामीणों की जरूरत के अनुरूप योजना बनानी है। इसमें आधारभूत संरचना, सिंचाई, स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र, बिजली आदि की जरूरत की जानकारी ग्रामीण देंगे। लोगों के बीच जागरूकता फैलाने की जरूरत है। इससे बिचैलियों का काम समाप्त किया जायेगा जिससे जनता-शासन के बीच की दूरी कम होगी। शासन के प्रति उनका विश्वास बढ़ेगा। इसका असर हर चीज पर दिखायी देगा। जनता से सीधे जुड़ने से विधि-व्यवस्था भी बेहतर होने लगेगी। लोगों में विकास का संदेश जायेगा और यह एक जन आंदोलन का रूप लेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं पंचायत की बैठक में शामिल होंगे। वे पांच पंचायत की बैठक में शामिल होंगे। सांसदों को अपने संसदीय क्षेत्र में आने वाली सभी विधानसभा क्षेत्र की एक-एक पंचायत में, मंत्रियों को अपने प्रभार वाले जिले में पांच-पांच पंचायत में, विधायकों को 20-20 ग्राम पंचायतों में, डीसी से लेकर जिला के अन्य पदाधिकारियों को पांच-पांच पंचायत में, सिविल सोसाइटी और चेंबर प्रतिनिधियों को दो-दो पंचायत में, मीडिया प्रतिनिधि को दो-दो पंचायत में बैठक करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, संयुक्त सचिव, उप-सचिव आदि भी पंचायत में बैठक करेंगे। सांसद और विधायकों से डीसी स्वयं बात कर उनके कार्यक्रम को तय करेंगे। मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान सभी उपायुक्तों से योजना बनाओ अभियान के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम की जानकारी ली। उपायुक्तों ने मुख्यमंत्री को बताया कि इससे संबंधित बैठक की जा चुकी है। इस दौरान उन्होंने सूखा और इंदिरा आवास योजना की भी समीक्षा की। उन्होंने सूखे से संबंधित योजनाओं के कार्यन्वयन का उपयोगिता प्रमाण पत्र समय पर भेजने का निर्देश दिया। इस अवसर पर प्रधान सचिव, योजना सह-वित्त अमित खरे, अपर मुख्य सचिव एन.एन. पांडे, ग्रामीण विकास प्रधान सचिव एन.एन. सिन्हा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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