नयी दिल्ली, 22 मार्च, उत्तराखंड का राजनीतिक संकट कल राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के पास पहुंच गया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के नेताओं ने अलग-अलग उनसे भेंट कर राज्य की राजनीतिक स्थिति के बारे में अपना पक्ष रखा। भाजपा के कुछ केंद्रीय नेताओं, उत्तराखंड से पार्टी सांसदों एवं विधायकों ने विजय चौक से राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकाला और राष्ट्रपति से मिलकर उत्तराखंड सरकार को बर्खास्त करने की मांग की। उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार अल्पमत में आ गयी है और उसका बने रहना असंवैधानिक है। बाद में कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी राष्ट्रपति से भेंट की और कहा कि भाजपा उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार को अस्थिर करने में लगी है। प्रतिनिधिमंडल में शामिल नेताओं ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि भाजपा केंद्र सरकार के साथ मिलकर राज्य की रावत सरकार को अस्थिर कर रही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति को इस संबंध में जानकारी दी गयी क्योंकि पार्टी चाहती है कि उत्तराखंड में अरुणाचल जैसी स्थिति पैदा न हो।
कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल में राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, पूर्व केंद्रीय मंत्री ए के एंटनी, कपिल सिब्बल तथा अंबिका सोनी शामिल थीं। भाजपा प्रतिनिधिमंडल में शामिल पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने संवाददाताओं से कहा कि हमने राष्ट्रपति से अनुरोध किया है कि वह राज्यपाल को उत्तराखंड सरकार को बर्खास्त करने का निर्देश दें। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नौ बागी विधेयक अलग से राष्ट्रपति से मिलेंगे। प्रतिनिधिमंडल में श्री विजयवर्गीय के अलावा भाजपा के उत्तराखंड प्रभारी श्याम जाजू, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भगतसिंह कोशियारी और श्री रमेश पोखरियाल निशंक, राज्यसभा सांसद तरुण विजय और पार्टी प्रवक्ता अनिल बलूनी शामिल थे। श्री बलूनी ने ‘यूनीवार्ता’ से कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभा में 18 मार्च की घटना की जानकारी दी गयी। बजट और उससे संबंधित विनियोग विधेयक पारित कराते समय भाजपा ने मत विभाजन की मांग की थी जिसमें कांग्रेस के नौ विधायकों ने भी उसका साथ दिया था लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने इसे अनसुना कर ध्वतिमत से बजट को पारित घोषित कर दिया। इस सबंध में राज्यपाल को विधानसभा की रिकॉर्डिंग दी गयी है। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में कांग्रेस के नौ विधायक हरीश रावत सरकार के खिलाफ बगावत कर भाजपा का साथ दे रहे हैं। उत्तराखंड के राज्यपाल ने मुख्यमंत्री हरीश रावत को 28 मार्च तक अपना बहुमत साबित करने को कहा है।
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