दिल्ली बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन पर जोर, मिठाई,नमकीन सस्ते - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 28 मार्च 2016

दिल्ली बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन पर जोर, मिठाई,नमकीन सस्ते

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नयी दिल्ली, 28 मार्च, दिल्ली सरकार ने आगामी वित्त वर्ष के दौरान शिक्षा, जन स्वास्थ्य और सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को बेहतर बनाने पर जोर देते हुए मूल्यवर्द्धित कर (वैट) की दरों को तर्कसंगत बनाया है जिससे बैट्री चालित तथा हाई ब्रीड वाहन, मिठाई, नमकीन और मार्बल सस्ते हो जायेंगे जबकि घड़ी, कपड़ा और प्लास्टिक कचरा महंगा हो जायेगा। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने, जिनके पास वित्त विभाग का कार्यभार भी है, आज विधानसभा में 2016-17 के लिये 46 हजार छह सौ करोड़ रुपये का बजट पेश करते और आम आदमी पार्टी(आप) सरकार की प्राथमिकताओं को गिनाते हुए कहा कि सरकार घोषणापत्र में किये गये वादों को पूरा करने के लिये कटिबद्ध है। कुल बजट में गैर योजना व्यय की राशि 36 हजार करोड़ और योजना मद में 20 हजार करोड़ रुपये खर्च किये जाने का प्रावधान है । सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को शिखर पर ले जाने के लिये योजना मद की 22.55 प्रतिशत राशि अर्थात 4645 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। परिवहन पर 19.14 प्रतिशत अर्थात 3943 करोड़ रुपये और स्वास्थ्य पर 32 सौ करोड़ रुपये व्यय किये जाने का प्रस्ताव है, जो कुल योजना मद का 15.53 प्रतिशत है । 

राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को रोकने और पर्यावरण के अनुकूल वाहनों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ई-रिक्शा, बैट्री संचालित वाहनों और हाई ब्रीड वाहनों पर वैट की दर को 12.5 प्रतिशत से घटाकर पाँच प्रतिशत किये जाने का प्रस्ताव किया गया है । मिठाई और नमकीनों पर वैट की दर पड़ोसी राज्यों के अनुरूप लाने के लिये इसे 12.5 प्रतिशत से पाँच प्रतिशत किया गया है । रेडीमेड गार्मेन्ट्स पर वैट की दर तर्क संगत बनाते हुए इसे पाँच प्रतिशत किया गया है । पहले पाँच हजार रुपये तक गार्मेन्ट्स पर पाँच प्रतिशत और इससे अधिक मूल्य के परिधानों पर 12.5 प्रतिशत कर लगता था। मार्बल पर वैट 12.5 से घटाकर पाँच प्रतिशत किया गया है । कर की दर तर्कसंगत बनाये जाने से सस्ते जूते और बच्चों के स्कूल बैग महंगे हो जायेंगे। फिलहाल पाँच सौ रुपये से अधिक के मूल्य के जूता-चप्पल पर 12.5 प्रतिशत कर लगता था किन्तु अब सभी प्रकार के जूता-चप्पल पर पाँच प्रतिशत का वैट लगेगा । इसी प्रकार स्कूल बैगों पर वैट की दर को तर्कसंगत बनाते हुये समान दर से पाँच प्रतिशत कर का प्रस्ताव किया गया है । पहले 300 रुपये तक पर पाँच प्रतिशत और इससे ऊपर कीमत के स्कूल बैगों पर 12.5 प्रतिशत वैट लगता था ।

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