मुंबई 28 मार्च, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने के संकेत से एशियाई बाजारों की गिरावट के दबाव में लगभग पूरे दिन बिकवाली से जूझता रहा घरेलू शेयर बाजार अंत तक संभल नहीं पाया और आखिर में करीब डेढ़ फीसदी लुढ़ककर बंद हुआ। बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 16 फरवरी के बाद की एक दिन की सबसे बड़ी 371.16 अंक (1.46 फीसदी) की गिरावट लेकर 25 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 24966.40 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी करीब छह सप्ताह की सबसे बड़ी 101.40 अंक (1.31 फीसदी) की एकदिनी गिरावट के साथ 7700 अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 7615.10 अक पर रहा। अमेरिका में पिछले सप्ताह सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के जारी आंकड़ों के उम्मीद से बेहतर रहने के बाद फेडरल रिजर्व के अधिकारियों के उस बयान से एशियाई बाजारों में कोहराम कच गया जिसमें उन्होंने संकेत दिया है कि जीडीपी के मजबूत आंकड़ों को देखते हुये फेड रिजर्व अगले महीने की शुरुआत में ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने पर विचार कर सकता है। इस बयान पर विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली से सेंसेक्स और निफ्टी ने गोता लगाया। सेंसेक्स की 27 कंपनियों के शेयर गिरे जबकि शेष तीन में बढ़त बनाने में सफल रहे।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिकी की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में विकास दर 1.4 प्रतिशत रही जबकि इसके एक फीसदी तक रहने की उम्मीद की जा रही थी। एशियाई बाजार में दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.06, चीन का शंघाई कंपोजिट 0.72 और हांगकांग का हैंगसैंग 1.31 फीसदी गिरा जबकि जापान का निक्की 0.77 फीसदी की बढ़त पर रहा। वहीं, ईस्टर पर अवकाश के कारण ब्रिटेन के एफटीएसई में कारोबार नहीं हुआ। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर भेल, टाटा मोटर्स, एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, सन फार्मा और टाटा स्टील की पांच फीसदी से अधिक की गिरावट से भी बाजार दबाव में रहा। छोटी और मझौली कंपनियों में भी निवेशधारणा कमजोर रही। बीएसई का मिडकैप 1.36 फीसदी उतरकर 10381.41 अंक और स्मॉलकैप 1.65 फीसदी गिरकर 10328.46 अंक पर रहा। इस दौरान बीएसई के सभी 20 समूह लुढ़के। रियल्टी समूह सबसे अधिक 4.35 फीसदी लुढ़का वहीं, वित्त, हेल्थकेयर, दूरसंचार, ऑटो, बैंकिंग, पूंजीगत वस्तुएं, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और धातु समूह के शेयर भी 3.92 फीसदी तक टूटे। बीएसई में कुल 2852 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ। इनमें 1942 के भाव गिरे और 743 के चढ़े जबकि 167 में कोई बदलाव नहीं हुआ।
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