नई दिल्ली। मैथिल भाषा उत्तर बिहार में बहुतायत से बोली जाती है। कहा जाता है कि मिथिला भाषा सहस्त्राब्दियों पुरानी है, पर कभी लाइमलाइट में नहीं आ पाई। मैथिल भाषा को त्रेता युग से जोड़ा जाता है, जहां सीता जी ने जन्म लिया था। बहरहाल, मैथिल भाषा को भले ही तमाम राजकीय भाषाओं जैसी सहूलियतें न मिली हों। भले ही मैथिल भाषा लोक जीवन के सहारे ही बाहरी दुनिया तक पहुंच रही हो, पर पहली बार किसी मैथिल भाषी फिल्म को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। फिल्म ‘मिथिला मखान’ को 62वें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
‘मिथिला मखान’ को मिथिला भाषा की सर्वश्रेष्ठ फिल्म के तौर पर चुना गया। इस फिल्म की प्रोड्यूसर जानी मानी अभिनेत्री नीतू चंद्रा हैं, तो उनके भाई नितिन चंद्रा इस फिल्म के डायरेक्टर हैं। नितिन चंद्रा ने सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर ‘मिथिला मखान’ को राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने की सूचना दी। उन्होंने लिखा कि मैथिल भाषा की पहली फिल्म के तौर पर ‘मिथिला मखान’ को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। ये सिर्फ मैथिल भाषा ही नहीं, बल्कि समूचे बिहार के लिए गर्व का क्षण है।
डायरेक्टर नितिन चन्द्रा ने कहा कि वो ‘मिथिला मखान’ को राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने का श्रेय समस्त मैथिल भाषी लोगों को देते हैं। उन्होंने कहा कि इस फिल्म की अधिकतर शूटिंग बिहार के दरभंगा में ही की गई है। यही नहीं, ‘मिथिला मखान’ की शूटिंग अमेरिका, कनाडा और नेपाल में भी की गई है। ये पहली मैथिलभाषी फिल्म है, जिसे खासी चर्चा मिली है। बता दें कि 63वें राष्ट्रीय पुरस्कारों की घोषणा हो चुकी हैं, जिसमें सर्वश्रेष्ठ फिल्म का अवार्ड बाहुबली को मिला है। सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के तौर पर अमिताभ बच्चन को चुना गया, तो कंगना रानावत ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का खिताब जीता। फिल्म बाजीराव मस्तानी के लिए संजय लीला भंसाली को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक चुना गया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें