चेन्नई ,31 मार्च, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा प्रक्षेपित देश के छठे दिशासूचक उपग्रह आईआरएनएसएस 1 एफ को आज सफलतापूर्वक भू-स्थैतिक कक्षा में स्थापित कर दिया गया। इसरो ने प्रक्षेपण यान पीसएसएवी सी-32 के जरिये 1425 किलोग्राम वजन के आईआरएनएसएस 1 एफ उपग्रह का श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से 10 मार्च को प्रक्षेपण किया था। इस वर्ष इसरो का यह दूसरा प्रक्षेपण था। यह उपग्रह भारतीय क्षेत्रीय दिशासूचक उपग्रह प्रणाली (आईआरएनएसएस) का छठा उपग्रह है। इसरो द्वारा आज यहां जारी विज्ञप्ति के अनुसार उपग्रह को भू-स्थैतिक कक्षा में भेजने के लिए कक्षा परिवर्तन का काम सफलतापूर्वक किया गया। उपग्रह के प्रक्षेपण के मात्र 20 मिनट बाद कक्षा में उपग्रह के स्थापित होते ही उपग्रह के दो स्वचालित सोलर पैनलों ने काम करना शुरू कर दिया था और कर्नाटक में हासन स्थित मास्टर कंट्रोल फैसिलिटी ने उपग्रह को अपनेे नियंत्रण में ले लिया था।
मास्टर कंट्रोल फैसिलिटी ने तरल एपोगी मोटर (एलएएम) के जरिए एक कक्षा परिवर्तन पेरिगी ( पृथ्वी से निकटतम दूरी) और तीन एपोगी (पृथ्वी से अधिकतम दूरी) में किया । इस तरह से कुल चार कक्षा परिवर्तन के बाद उपग्रह भू-स्थैतिक कक्षा में स्थापित किया गया। पीएसएलवी -सी32 का यह 34वां सफल अभियान साबित हुआ है। आईआरएनएसएस-1 ए, 1 बी, 1 सी, 1 डी और 1 ई, इस शृंखला के पहले पांच उपग्रह थे , जिनका क्रमशः दो जुलाई 2013, चार अप्रैल 2014, 16 अक्टूबर 2014 , 28 मार्च, 2015 और 20 जनवरी 2016 को सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया है। आईआरएनएसएस-1एफ की जीवन अवधि 12 साल है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें