चंडीगढ़, 29 मार्च, हरियाणा विधानसभा ने आज हरियाणा पिछड़ा वर्ग विधेयक 2016 ध्वनिमत से पारित कर दिया। इस विधेयक के तहत हरियाणा पिछड़ा वर्ग (सेवाओं तथा शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले में आरक्षण) अधिनियम 2016 लागू करके पिछड़ा वर्ग 'ए', पिछड़ा वर्ग 'बी' तथा पिछड़े वर्ग 'सी' को वैधानिक दर्जा देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने यह विधेयक पेश किया जिसे बिना किसी विरोध तथा कांग्रेस की अनुपस्थिति में सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने विधेयक पारित होने के बाद विधानसभा परिसर में आये जाट तथा खाप नेताआेें के साथ बैठक मेें कहा कि इस पर पहले राजनीति होती रही लेकिन हमने इसे कानूनी रूप देने का काम किया है। इससे समाज में सद्भाव, समरसता, एकता और भाईचारे को बढ़ावा मिलेगा और हरियाणा एक हरियाणवी एक की भावना बढ़ेगी।
उन्होंने कहा 'यह बिल सर्वसम्मति से पारित किया गया है। हमने कांग्रेस को भी इस बिल को पास कराने के लिये न्यौता दिया था लेकिन अपराध बोध के चलते सदन में आये ही नहीं। अच्छा होता कि वे भी इस मौके पर साथ होते। यह उन्होंने अच्छा नहीं किया। हमने कानून बनाकर आरक्षण को कानून का कवच देने का काम किया है। इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है।' वित्त मंत्री कैन्टन अभिमन्यु ने कहा कि कांग्रेस के सदस्यों ने एक तो सदन की मर्यादा तोड़ी और गलती करने पर माफी मांगने के बजाय अपनी बात पर अड़े रहे। उनका अहंकार सदन की मर्यादा से ऊपर हो गया। कांग्रेस विधायकों ने सदन में उपस्थिति दर्ज कराना भी मुनासिब नहीं समझा। उन्होंने कहा कि हमने 31 मार्च से पहले आरक्षण विधेयक पारित करने का जो वादा किया था उसे सरकार ने सभी साथियों के सहयोग से पूरा किया। ज्ञातव्य है कि जाट आरक्षण की मांद को लेकर पिछले दिनों भड़की हिंसा और 31 मार्च तक अल्टीमेटम को ध्यान में रखते हुये सरकार ने कल सुबह मंत्रिमंडल की बैठक में जाट आरक्षण के मसौदे को हरी झंडी दे दी थी जिसे आज सदन में पारित कर दिया गया।
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