चर्चित कन्नड़ लेखक एवं बुद्धिजीवी एम0 एम0 कलबुर्गी की हत्या के मामले में चल रही जांच में एक अहम मोड़ आ गया है। कर्नाटक सीआईडी की विशेष टीम के मुताबिक कलबुर्गी की हत्या के लिए भाड़े के हत्यारों को हायर किया गया था।
महाराष्ट्र या गोवा के हैं हत्यारे
फिलवक्त अधिकारियों द्वारा यह कयास लगाई जा रही है कि संभवतया संदिग्ध व्यक्ति महाराष्ट्र या गोवा से भी हो सकता है। कर्नाटक सीआईडी के सूत्रों का मानना है कि, हो सकता है कि जो संस्था कलबुर्गी की हत्या के लिए जिम्मेदार है वो अपने पीछे एक भी सबूत नहीं छोड़ना चाहता था इसीलिए भाड़े के हत्यारों का इस काम के लिए इस्तेमाल किया गया।
पेशेवर थे कातिल
कर्नाटक सीआईडी के सूत्र की अगर मानें तो उनका कहना है कि हमें अब तक जो संकेत मिले हैं वो इस बात की ओर इशारा करते हैं कि इस काम के लिए पेशेवर कातिलों की मदद ली गई है। हालांकि ये तो पहले ही सिद्ध हो चुका है कि जिस हथियार से कलबुर्गी की हत्या की गई उसी हथियार से तर्कवादी गोविंद पंसारे और नरेंद्र दाभोलकर की भी हत्या हुई है। बहरहाल पुलिस कलबुर्गी की हत्या में जिम्मेदार संस्था को तलाशने के लिए लगातार कोशिश कर रही है। बीते साल के 30 अगस्त को कर्नाटक के धारवाड़ में दो अज्ञात लोगों ने गोली मारकर कलबुर्गी की हत्या कर दी। कलबुर्गी मूर्ति पूजा सहित विभिन्न मुद्दों पर अपने बेबाक बयानों से अक्सर विवाद पैदा कर देते थे।
कलबुर्गी, पंसारे और दाभोलकर के कत्ल का वो हथियार
दरअसल फारेंसिक जांच के बाद इस बात का खुलासा हुआ था कि तीनों हत्याओं में एक से हथियार का प्रयोग हुआ है।
- - कलबुर्गी की हत्या के लिए दो हमलावर सुबह-सुबह मोटरसाइकल पर सवार होकर आए और कन्नड़ लेखक के सिर में 7.65 मिमी के देसी हथियार से दो गोलियां मार दीं।
- - 69 साल के तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर को 7.65 मिमी के देसी हथियार से चार गोलियां मारी गई थी।
- - 81 साल के कम्युनिस्ट लीडर गोविंद पानसारे और उनकी पत्नी उमा पानसारे को दो 7.65 मिमी के देसी हथियार से पांच गोलियां मारी गईं।
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