- बेगूसराय में भाजपा संरक्षित अपराधियों द्वारा की गयी माले के दो नेताओं की हत्या
- 22 मार्च की सुबह माले विधायक सुदामा प्रसाद के नेतृत्व में उच्चस्तरीय टीम होगी बेगूसराय रवाना
19 मार्च 2016, माले राज्य सचिव कुणाल और पार्टी के पूर्व सांसद रामेश्वर प्रसाद ने 21 मार्च की शाम 8.30 बजे बेगूसराय जिले के बलिया प्रख्ंाड में पार्टी के दो नेताओं क्रमशः महेश राम (उम्र-25 वर्ष) व रामप्रवेश राम (उम्र-27 वर्ष) की भाजपा संरक्षित अपराधियों द्वारा की गयी जघन्य हत्या की तीखी भत्र्सना की है. उन्होंने कहा कि दलितों-गरीबों की बढ़ती राजनीतिक दावेदारी से सामंती ताकतें फिर से बौखला गयी हैं. इसी बौखलाहट में इन दोनांे नेताओं की हत्या की गयी है.
उन्होंने नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सामंती-अपराधियों पर लगाम नहीं कसने के कारण ही इन ताकतों का मनोबल लगातार बढ़ा है. अभी हाल में भोजपुर में काॅ. राजेन्द्र महतो व सिवान में काॅ. संजय चैरसिया की बर्बर तरीके से हत्या कर दी गयी थी. नवादा जिले के अकबरपुर के कझिया गांव में 60 दलित बस्तियों में आग लगा दी गयी. लेकिन ‘न्याय के साथ विकास’ का नारा लगाने वाली सरकार आंदोलनकारियों के हत्यारों को गिरफ्तार कर दंडित करने में पूरी तरह अक्षम साबित हुयी है. भाजपा से लड़ने का नीतीश कुमार जितना दिखावा कर लें, हकीकत यह है कि भाजपा संरक्षित अपराधियों के सामने उन्होंनेे घुटने टेक दिए हैं. माले नेताओं ने कहा कि आज शाम इन दोनों पार्टी नेताओं की हत्या उस वक्त की गयी जब वे बलिया बाजार से अपने गांव मकसुदनपुर लौट रहे थे. अपराधी पहले से घात लगाये बैठे थे.
इन दोनों नेताओं ने हाल के दिनों में अपने गांव में भूमि आंदोलन का नेतृत्व किया था. 1980-81 में गांव के तकरीबन 134 परिवारों को 120 एकड़ 68 डिसमिल जमीन का पर्चा मिला था. नवंबर 2015 में पहले जिलाधिकारी और फिर हाईकोर्ट से 100 एकड़ जमीन पर गरीबों की जीत हुई. लोग उसपर खेती करने लगे और शेष 20 एकड़ का संघर्ष जारी था. और उससे ही सामंती ताकतें खार खाई बैठी थी. 22 मार्च की सुबह माले विधायक सुदामा प्रसाद, खेग्रामस नेता गोपाल रविदास और किसान सभा के नेता उमेश सिंह घटनास्थल के दौरे के लिए रवाना होंगे.
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