ब्रसेल्स, 30 मार्च, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बेल्जियम के प्रधानमंत्री चार्ल्स मिशेल ने आज यहाँ रिमोट कंट्रोल के माध्यम से भारत के उत्तराखंड में नैनीताल के देवस्थल में एशिया की सबसे बड़ी खगोलीय दूरबीन का उद्घाटन किया। आर्यभट्ट खगोलदर्शी विज्ञान अनुसंधान संस्थान (एरीज़) के इस खगोलदर्शी यंत्र काे भारत-बेल्जियम संयुक्त सहयोग से स्थापित किया गया है। श्री मोदी और श्री मिशेल ने यहाँ द्विपक्षीय मुलाकात के बाद रिमोट के माध्यम से इस दूरबीन को क्रियान्वित किया गया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि यह परियोजना भारत बेल्जियम साझेदारी का परिणाम है और इस बात का उदाहरण है कि हमारी साझेदारी से क्या नहीं हासिल हो सकता।
एरीज़ संस्थान की स्थापना भारत रूस एवं बेल्जियम के वैज्ञानिकाें के संयुक्त अंतरराष्ट्रीय प्रयासों से हुई है। मार्च 2007 में इस कंपनी से बेल्जियम की कंपनी एडवांस्ड मैकेनिकल एवं ऑप्टिकल सिस्टम (एमाॅस) के बीच इस खगोलदर्शी की डिज़ायन, विनिर्माण, परीक्षण आपूर्ति एवं स्थापना का करार किया गया था। इस खगोलदर्शी के शीशे का व्यास 3.6 मीटर है और इससे तारों की संरचना एवं उनके चुंबकीय क्षेत्र के अनुसंधान को समझा जा सकेगा।
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