बेतुल , 28 मार्च (वार्ता) रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज कहा कि पाकिस्तानी जांच दल को पठानकोट वायुसेना अड्डे में प्रवेश देने के बारे में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को निर्णय लेना है। श्री पर्रिकर ने यहां रक्षा प्रदर्शनी के मौके पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सवालों के जवाब में कहा कि रक्षा मंत्रालय ने अपनी ओर से पाकिस्तान के जांच दल को एयरबेस में प्रवेश की अनुमति नहीं दी है और वह पहले ही इसके लिए साफ मना कर चुका है। उन्होंने कहा कि एयरबेस में जिस जगह पर अपराध हुआ था, वह जगह पहले ही एनआईए को सौंपी जा चुकी है और वहां किसे ले जाना है तथा कब ले जाना है, यह निर्णय एनआईए को करना है। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय की ओर से एयरबेस को स्पष्ट निर्देश दिये गये हैं कि अपराध स्थल की पूरी तरह घेराबंदी रखी जाए। इसके साथ यह भी कहा गया है कि यदि एनआईए किसी को जांच के लिए वहां लेकर आती है तो इस जांच दल को वहां किसी भी रक्षाकर्मी से बात करने की इजाजत नहीं होगी और घटनास्थल को छोड़कर सारे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को ढक कर रखा जाये।
उन्होंने कहा कि एयरबेस में किसी भी तरह की वीडियोग्राफी पर पाबंदी लगायी गयी है। रक्षा मंत्री ने कहा कि एनआईए को जांच में इसलिए खुली छूट दी गयी है ताकि जांच की विपफलता का ठीकरा रक्षा मंत्रालय के सिर पर न फोड़ा जा सके। साथ ही उन्होंने कहा कि जिस जगह को एनआईए को सौंपा गया है वह संवेदनशील और महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि ‘नॉन फंक्शनल’ क्षेत्र है। जांच के लिहाज से यह जरूरी है कि एनआईए को खुली छूट दी जाये, अब इस बारे में निर्णय एनआईए को लेना है कि वह किसे और कब जांच के लिए वहां ले जाती है। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान का पांच सदस्यीय जांच दल कल ही भारत पहुंचा है और आज से उसने अपना काम शुरू कर दिया है। इस दल ने आज नयी दिल्ली में एनआईए के अधिकारियों के साथ बैठक कर घटना की जानकारी ली। गत जनवरी में पठानकोट एयरबेस पर आतंकवादी हमला हुआ था जिसमें सीमा पार से आये आतंकवादियों की भूमिका की रिपोर्ट आने पर पाकिस्तान ने जांच में सहयोग के लिए यह दल भारत भेजने को कहा था।
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