कन्हैया को खुली बहस की चुनौती - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 30 मार्च 2016

कन्हैया को खुली बहस की चुनौती

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अमृतसर 30 मार्च, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र कन्हैया के 1984 के दंगों संबंधी दिए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए आम आदमी पार्टी के नेता एच एस फुलका ने कन्हैया को खुली बहस की चुनौती दी है। श्री फुलका ने कहा कि कन्हैया ने जो बयान दिया है वह बहुत ही अफसोसजनक है। कन्हैया ने कहा था कि 1984 के दंगों के लिए सरकार ने नहीं उकसाया था। श्री फुलका ने कहा कि यही बयान कांग्रेस सरकार का भी था जिसे हम नानावती आयोग के समक्ष गलत साबित कर चुके हैं। आयोग को मानना पड़ा था कि दंगों के पीछे कांग्रेस का हाथ था। 

श्री फुलका ने कहा कि बयान देने से पूर्व कन्हैया को कम से कम पीपुल्स यूनियन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स (पीयूडीआर)की रिपोर्ट पढ़ लेनी चाहिए थी जिसमें साफ लिखा है कि कैसे सरकारी मशीनरी का प्रयोग करके सिखों का कत्लेआम किया गया था। यह रिपोर्ट पीयूडीआर और मानवाधिकार संगठन पीपुल्स यूनियन फ़ॉर सिविल लिबर्टीज़ (पीयूसीएल) ने नवंबर 1984 में लिखी थी। उन्होंने कहा कि कन्हैका तो पीयूडीआर से भी संबद्ध है। 

श्री फुलका ने कहा कि वह कन्हैया को पत्र लिख रहे हैं कि वह अपना बयान वापिस ले। अगर वह अपना बयान वापिस नहीं लेता तो इसी विषय पर उनसे खुली बहस करे।वह स्वंय जेएनयू विश्वविद्यालय जा कर छात्रों की मौजूदगी में बहस करेंगे तथा साबित कर देंगे कि दंगों के पीछे कांग्रेस का हाथ था। 

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