मुंबई, 29 मार्च, महाराष्ट्र में मुंबई की आतंकवाद निरोधक कानून (पोटा) की विशेष अदालत ने दिसंबर 2002 और मार्च 2003 के बीच हुए तीन बम विस्फोटों के मामले के मुख्य आरोपी साकिब नाचन समेत 10 आरोपियों को दोषी ठहराया और तीन को आज बरी कर दिया। अदालत ने अदनान मुल्ला, हारून लोहार और नदीम पालोबा को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। दोषी ठहराये गये सभी 10 आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता के तहत हत्या, हत्या का प्रयास, देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने और अापराधिक षडयंत्र तथा शस्त्र कानून, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और पोटा के तहत कई मामले दर्ज थे। मुंबई में हुए तीन विस्फोटों में 12 लोग मारे गये थे और 139 से अधिक घायल हो गये थे। मुंबई पुलिस के अनुसार इन विस्फोटों के पीछे प्रतिबंधित संगठन स्टूडेेंट इस्लामिक मूवमेंट आॅफ इंडिया (सिमी) का हाथ था।
सरकारी वकील ने अदालत में कहा कि सिमी के महासचिव साकिब नाचन और पाकिस्तानी मूल का लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य फैजल खान ने 23 अन्य लोगों के साथ मिलकर विस्फोटों का षडयंत्र रचा था। कुल 25 आरोपियों में से खान समेत पांच लोगों की मौत हो गयी और पांच आरोपी अभी भी फरार हैं। साकिब नाचन ने सिमी के अन्य सदस्यों की मदद से हथियारों और गोला-बारूद का इंतजाम किया जबकि डाॅक्टर वाहिद अंसारी ने वांछित आरोपी जानब के साथ मिल कर बम बनाया था। मुलुंड में 13 मार्च 2003 को हुए बम विस्फोट में 12 लोग मारे गये थे और 71 लोग घायल हो गये थे जबकि छह दिसंबर 2002 को मुंबई सेंट्रल स्टेशन के समीप मैकडोनल्ड में हुए बम विस्फोट में कई लोग घायल हुए थे। विले पारले में एक साइकिल में 27 जनवरी 2003 को हुए बम विस्फोट में एक व्यक्ति की मौत हुयी थी।
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